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भिवानी में कोरोना से ठीक हुए लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील

भिवानी में कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज के लिए युवा कल्याण संगठन ने कोरोना से ठीक हुए लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की है.

bhiwani corona update
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Published : Jul 7, 2020, 3:26 PM IST

भिवानी: युवा कल्याण संगठन द्वारा पिछले काफी समय से जिले में समाजहित के कार्य किए जा रहे हैं. कोरोना काल के दौरान भी युवा कल्याण संगठन द्वारा कोरोना महामारी के दौरान अपनी सेवाएं देने वाले कोरोना योद्धाओं को भी सम्मानित किया जा चुका है. अब इससे एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए संगठन ने एक अनोखी पहल शुरू की है.

स्वस्थ हुए मरीजों से की प्लाज्मा डोनेट करने की अपील

इस पहल के तहत जो लोग कोरोना पॉजिटीव हुए थे और अब ठीक हो चुके हैं, उन लोगों से संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने अपील की है कि वे अपना प्लाज्मा डोनेट करें, ताकि जो लोग कोरोना पॉजिटिव हैं और इस वक्त सीरियस हैं, उनका प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया जा सके और वे भी जल्द रिकवर कर सकें.

युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि प्लाज्मा डोनेट करने वाले लोगों को संगठन द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा और साथ ही समाज में उनकी एक अलग ही छवि उभर कर सामने आएगी. कमल सिंह प्रधान मंगलवार को बीटीएम चौक पर मजदूरों को जनता रसोई द्वारा तैयार किया गया आर्युवेद काढ़ा पिलाने के बाद लोगों से बातचीत कर रहे थे.

क्या है प्लाज्मा थेरेपी, कैसे होता है इलाज ?

कोरोना से ठीक हो चुके मरीज के शरीर से प्लाज्मा लिया जाता है. ये प्लाज्मा खून में बनता है, इससे एक से दो लोगों को ठीक कर सकते हैं. प्लाज्मा थेरेपी में एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया जाता है. किसी वायरस के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी तभी बनता है, जब व्यक्ति संबंधित वायरस से पीड़ित हो. जैसे कि जो व्यक्ति कोरोना से पीड़ित होने के बाद ठीक हो गया, उस व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंडीबॉडी बनता है. यह एंटीबॉडी तब ही बनता है जब मरीज ठीक हो जाता है.

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कांसेप्ट इमेज.

ये भी पढ़ें- कोवैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए निम्स हैदराबाद में पंजीकरण शुरू

बीमार रहने के दौरान शरीर में तुरन्त एंटीबॉडी नहीं बनता है. कोरोना से जो व्यक्ति ठीक हो चुका है उसके शरीर में एंटीबॉडी बनता है. ये एंटीबॉडी उसके शरीर से निकालकर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शरीर में डाल दिया जाता है. इससे मरीज के ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है. प्लाज्मा थेरेपी कितना कारगर है ये साफ तौर पर कहा नहीं जा सकता, लेकिन कुछ मरीजों को इससे फायदा हुआ है.

कौन दे सकता है प्लाज्मा ?

कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक होने वाले मरीज ही प्लाज्मा दे सकते हैं, लेकिन शर्त है कि वायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद 14 दिन तक जिसमें दोबारा लक्षण न दिखे और थ्रोट-नेजल स्वैब की रिपोर्ट तीन बार नेगेटिव आने के बाद ही प्लाज्मा डोनेट किया जा सकता है.

प्रदेश और जिले में कोरोना की स्थिति

हरियाणा सहित पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. हरियाणा में मंगलवार दोपहर तक 17,770 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं और 276 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अगर बात भिवानी की करें तो भिवानी में भी कोरोना मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. भिवानी में अब तक कोरोना के कुल 514 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 377 ठीक हो चुके हैं और तीन लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. अब जिले में कोरोना के 134 एक्टिव केस हैं.

ये भी पढ़ें- भिवानी: टिड्डी दल से निपटने के लिए गांवों में रात के समय ठीकरी पहरा देने के आदेश

भिवानी: युवा कल्याण संगठन द्वारा पिछले काफी समय से जिले में समाजहित के कार्य किए जा रहे हैं. कोरोना काल के दौरान भी युवा कल्याण संगठन द्वारा कोरोना महामारी के दौरान अपनी सेवाएं देने वाले कोरोना योद्धाओं को भी सम्मानित किया जा चुका है. अब इससे एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए संगठन ने एक अनोखी पहल शुरू की है.

स्वस्थ हुए मरीजों से की प्लाज्मा डोनेट करने की अपील

इस पहल के तहत जो लोग कोरोना पॉजिटीव हुए थे और अब ठीक हो चुके हैं, उन लोगों से संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने अपील की है कि वे अपना प्लाज्मा डोनेट करें, ताकि जो लोग कोरोना पॉजिटिव हैं और इस वक्त सीरियस हैं, उनका प्लाज्मा थेरेपी से इलाज किया जा सके और वे भी जल्द रिकवर कर सकें.

युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान ने कहा कि प्लाज्मा डोनेट करने वाले लोगों को संगठन द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा और साथ ही समाज में उनकी एक अलग ही छवि उभर कर सामने आएगी. कमल सिंह प्रधान मंगलवार को बीटीएम चौक पर मजदूरों को जनता रसोई द्वारा तैयार किया गया आर्युवेद काढ़ा पिलाने के बाद लोगों से बातचीत कर रहे थे.

क्या है प्लाज्मा थेरेपी, कैसे होता है इलाज ?

कोरोना से ठीक हो चुके मरीज के शरीर से प्लाज्मा लिया जाता है. ये प्लाज्मा खून में बनता है, इससे एक से दो लोगों को ठीक कर सकते हैं. प्लाज्मा थेरेपी में एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया जाता है. किसी वायरस के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी तभी बनता है, जब व्यक्ति संबंधित वायरस से पीड़ित हो. जैसे कि जो व्यक्ति कोरोना से पीड़ित होने के बाद ठीक हो गया, उस व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंडीबॉडी बनता है. यह एंटीबॉडी तब ही बनता है जब मरीज ठीक हो जाता है.

bhiwani corona update
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बीमार रहने के दौरान शरीर में तुरन्त एंटीबॉडी नहीं बनता है. कोरोना से जो व्यक्ति ठीक हो चुका है उसके शरीर में एंटीबॉडी बनता है. ये एंटीबॉडी उसके शरीर से निकालकर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शरीर में डाल दिया जाता है. इससे मरीज के ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है. प्लाज्मा थेरेपी कितना कारगर है ये साफ तौर पर कहा नहीं जा सकता, लेकिन कुछ मरीजों को इससे फायदा हुआ है.

कौन दे सकता है प्लाज्मा ?

कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक होने वाले मरीज ही प्लाज्मा दे सकते हैं, लेकिन शर्त है कि वायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद 14 दिन तक जिसमें दोबारा लक्षण न दिखे और थ्रोट-नेजल स्वैब की रिपोर्ट तीन बार नेगेटिव आने के बाद ही प्लाज्मा डोनेट किया जा सकता है.

प्रदेश और जिले में कोरोना की स्थिति

हरियाणा सहित पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. हरियाणा में मंगलवार दोपहर तक 17,770 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं और 276 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं अगर बात भिवानी की करें तो भिवानी में भी कोरोना मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. भिवानी में अब तक कोरोना के कुल 514 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 377 ठीक हो चुके हैं और तीन लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. अब जिले में कोरोना के 134 एक्टिव केस हैं.

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