नई दिल्ली: उत्तर भारत के कई हिस्सों में कोहरे और वायु प्रदूषण के कारण कम दृश्यता की स्थिति के कारण ट्रेनों की देरी पर यात्रियों ने चिंता जताई है. इस वजह से सोमवार दोपहर तक 50 से अधिक ट्रेनें, जिनमें नियमित और विशेष दोनों शामिल हैं, अपने निर्धारित समय से 6 से 8 घंटे तक देरी से चलीं.
कोहरे की स्थिति के कारण ट्रेनों की देरी से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई है. उन्हें स्टेशनों पर कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ा. यात्री गफ्फार अली ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए ईटीवी भारत से कहा कि ट्रेन को सुबह रवाना होने वाली थी. लेकिन 7 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन हम अभी भी इसका इंतजार कर रहे हैं. घने कोहरे के कारण यह अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही है.
इसी तरह की भावना दिखाते हुए एक अन्य यात्री संदीप भारद्वाज ने ईटीवी भारत को बताया कि मेरे पास काशी विश्वनाथ जाने का टिकट है, लेकिन मेरी ट्रेन आधी रात को रिशेड्यूल हो गई है. हम फर्श पर बैठे हैं, यहां बैठने के लिए पर्याप्त संख्या में बेंच भी नहीं है. भारद्वाज ने दुख जताते हुए कहा कि ट्रेन पकड़ने के लिए 8-10 घंटे बिताना यात्रियों, खासकर महिलाओं के लिए बहुत परेशानी भरा है.
एक अन्य यात्री मुकेश शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में कोहरे और प्रदूषण की मोटी परत छाई हुई है, जिसके कारण ट्रेनें देरी से चल रही हैं. ट्रेन की देरी से हमें असुविधा होती है. मुझे पता है कि कई सह-यात्रियों को विवाह समारोह में शामिल होने के लिए गंतव्य तक पहुंचना है, लेकिन वे पहले से ही कम से कम 6-8 घंटे देरी से पहुंच रहे हैं, लेकिन ट्रेन के रवाना होने का कोई संकेत नहीं है.
कई अन्य राज्य भी इसी तरह की स्थिति का सामना कर रहे हैं. शर्मा ने कहा कि टिकट होने के बावजूद हम पिछले 8 घंटे से ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं. ट्रेन के विलंबित होने के कारण मैं देर रात को यहां पहुंचूंगा, जहां मुझे अपने घर पहुंचने के लिए सुबह का इंतजार करना होगा.
रेलवे की तैयारियों के बारे में विस्तार से बताते हुए उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने ईटीवी भारत को बताया कि रेलवे यात्रियों को ट्रेन के विलंबित होने और उसके समय में बदलाव के बारे में पहले से ही संदेश भेज रहा है, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.
उपाध्याय ने कहा कि ट्रेनों की साफ-सफाई और रखरखाव के लिए पहले से ही अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है, ताकि आगे के प्रस्थान के लिए उन्हें तैयार किया जा सके, जिससे देरी का समय कम हो गया है. ट्रेनों के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं.