भिवानी: आमतौर पर भिवानी रेलवे स्टेशन पर शांति रहती है. भीड़ के नाम पर कुछ नहीं होता. लेकिन जिले में क्लर्क की परीक्षा के चलते क्या बस स्टैंड और क्या रेलवे स्टेशन, कहीं भी पैर रखने की जगह नहीं है. स्टेशन पर टिकट लेना जितना मुश्किल है, उससे ज्यादा मुश्किल गाड़ी में चढ़ना है.
रेलवे ट्रैक पर दौड़ते नजर आए परीक्षार्थी
क्लर्क की परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों की भीड़ इतनी ज्यादा थी कि प्रशासन के सभी दावे हवा हवाई हो गए. पहले जहां ट्रैक पर खड़े होने पर रेलवे पुलिस लोगों को गिरफ्तार कर लेती थी. वहीं आज रेलवे ट्रैक पर परीक्षार्थियों की भीड़ खड़ी थी, जो गाड़ी आने पर ट्रैक पर दौड़ते नजर आए.
ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं
इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने वादा किया था कि अब से हर परीक्षा अपने गृह जिले में होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. परीक्षार्थियों का कहना है कि गाड़ी कम है और जो आती भी है, चढ़ने की जगह नहीं होती, न ही उसके पास दूसरे जिलों में ठहरने की कोई व्यवस्था भी नहीं है.
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स्टेशन पर रूकने को मजबूर लोग
भिवानी शहर में 50 से अधिक परीक्षा केंद्र हैं. जहां हर रोज 25 से 30 हजार बच्चे परीक्षा देने पहुंच रहे हैं और ज्यादातर लोगों के साथ उनके अभिभावक भी हैं. ऐसे में आर्थिक तौर से कमजोर लोगों को स्टेशन पर ही रूकना पड़ रहा है.