अंबाला: इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के टर्मिनल को हिमाचल प्रदेश के ऊना में शिफ्ट करने की योजना के चलते हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली और यूपी के कई इलाकों में डीजल और पेट्रोल की सप्लाई में कई सालों से जुटे टैंकर ऑपरेटरों और ड्राइवरों के परिवारों पर तंगहाली की तलवार लटक गई है.
रोजी-रोटी की समस्या के कारण प्रदर्शन कर रहे हजारों पीड़ित लोगों के बीच आईओसीएल के अंबाला टर्मिनल पहुंची हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट की नेत्री चित्रा सरवारा ने कहा कि कोरोना काल में वैसे ही लोग रोजी-रोटी की समस्या से परेशान हैं. ऐसे में डीजल पेट्रोल की सप्लाई से जुड़े हजारों परिवारों पर सरकार का ये फैसला एक कुठाराघात है.
उन्होंने कहा कि वो देश और प्रदेश की समस्या से समझौता करने के पक्षधर नहीं हैं. लेकिन सरकार के इस फैसले से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए नए स्थान पर क्या व्यवस्था की गई है. इसके बारे में आईओसीएल की मैनेजमेंट को इन पीड़ितों के साथ बैठकर बात करनी चाहिए थी.
चित्रा सरवारा ने केंद्र और प्रदेश सरकार की निजीकरण की नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार पब्लिक सेक्टर के यूनिटों, बैंकों और किसानों से अपने हाथ खींच रही हैं और नए-नए तुगलकी फरमान जारी कर रही है.
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