हिसारः उकलाना के बिठमड़ा निवासी शीला देवी के समर्थन में कई गांव के लोगों ने बीजेपी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. बीजेपी चुनाव कार्यालय के सामने टेंट लगाकर लोगों ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया. वहीं प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
धरने पर पुरुषों के साथ साथ अनेक महिलाएं एवं छोटे बच्चे भी शामिल हैं. इस धरने पर नन्हें बच्चों को लेकर बैठी महिलाओं और पुरुषों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक उनका धरना जारी रहेगा. लोगों का कहना है कि वो बीजेपी प्रत्याशी का चुनाव में विरोध करेंगे. चुनाव का बहिष्कार भी कर सकते हैं. यही नहीं धरनारत लोगों का कहना है कि अगर समय रहते उन्हें न्याय नहीं मिला तो पीड़ित परिवार आत्मदाह कर लेगा.
ये है मामला
दरअसल विधवा शीला देवी का विवाह गांव बिठमड़ा में हुआ था. उनकी एक बेटी भी है. उनके पास 10 एकड़ जमीन है जिस पर उनके पारिवारिक लोगों ने ही कब्जा किया हुआ है. अपनी जमीन को लेकर वो कोर्ट में केस भी जीत चुकी हैं, लेकिन सौतेले भाई और अन्य परिवार के लोगों द्वारा किए गए अवैध कब्जे को पुलिस द्वारा छुड़वाया नहीं गया, जिसको लेकर शीला देवी अपनी बेटी, भाई व अन्य ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठ गईं.
पुलिस चौकी इंचार्ज से लेकर राष्ट्रपति तक लगाई गुहार
पीड़ित परिवार और धरनारत लोगों ने बताया कि अपने हक की लड़ाई के लिए इस परिवार ने सुरेवाला चौकी इंचार्ज से लेकर डीएसपी, एसपी हिसार को भी गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति को भी लिखित में शिकायत देकर न्याय देने की गुहार लगाई, लेकिन अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
उकलाना में बीजेपी कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी पीड़ित शीला के चाचा पृथ्वी सिंह जांगड़ा ने बताया कि उनकी भतीजी की शादी बिठमड़ा की गई थी और उनके पति का देहांत होने के बाद उसकी जमीन पर उनके सौतेले बेटे और परिवारजनों ने कब्जा जमाया हुआ है. वो कोर्ट में केस भी जीत चुके हैं, लेकिन पुलिस की दूसरे लोगों के साथ मिलीभगत होने के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही जिसको लेकर मजबूरन उन्हें धरना शुरू करना पड़ा.
पीड़ित विधवा शीला की बेटी सुनीता ने कहा कि उनके जमीन पर उनके सौतेले भाई और चाचा ने अवैध कब्जा किया हुआ है, जिसको लेकर वो पुलिस प्रशासन और सरकार से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. सुनीता ने कहा कि जब वो अपने खेत में जाते हैं तो दूसरे लोग उन्हें गालियां देते हैं और मार पिटाई करते हैं. सुनीता ने कहा कि उन्होंने दुखी होकर धरना शुरू किया है और अगर उनकी सुनवाई नहीं होती तो वो चुनाव का बहिष्कार करेंगे. अंत में उन्हें आत्मदाह करना पड़ेगा जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.