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गोहाना: मिनी सचिवालय के बाहर मनरेगा मजदूरों का प्रदर्शन

गांव कोहला और नूरन खेड़ा के सैकड़ों मनरेगा मजदूर लगातार अपनी मेहनत की मजदूरी के पैसों के लिए अधिकारियों के दरवाजे पर चक्कर काट रहे हैं.

mgnrega workers protest in gohana
mgnrega workers protest in gohana
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Published : Jun 9, 2020, 7:48 PM IST

सोनीपत: मंगलवार को सैकड़ों मनरेगा मजदूरों ने एसडीम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. मनरेगा मजदूरों की मांग है कि उनका पूरा मेहनताना दिया जाए. गोहाना के गांव बरोदा हलके के कोहला व नूरन खेड़ा गांव के सैकड़ों मजदूर मनरेगा के तहत दिहाड़ी में हुई धोखाधड़ी को लेकर गोहाना के एसडीम कार्यालय में पहुंचे. जहां वो कई घंटों तक अधिकारी का इंतजार करते रहे लेकिन अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच पाए.

वहीं कई घंटों तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद गोहाना के तहसीलदार मौके पर पहुंचे और मांग पूरी करने का आश्वासन दिया, लेकिन मजदूर एप्लिकेशन पर अधिकारी की रिसीविंग की मांग पर अड़े रहे. जिस पर गोहाना तहसीलदार भड़क गए और मजदूरों पर लाठी मरवाकर भगाने की बात कही.

दरअसल पूरा मामला गांव कोहला और नूरन खेड़ा के सैकड़ों मनरेगा मजदूरों का है. जानकारी के मुताबिक 4 मई से लेकर 11 मई तक बुटाना डिस्टीब्यूटरी की पटरी पर सफाई का काम किया गया था. जहां संबंधित विभाग के जेई आशीष कुमार पर मजदूरों ने आरोप लगाया है कि जेई ने मनरेगा निर्देशिका के हिसाब से काम नहीं करवाया और आवश्यकता से अधिक भी काम करवाया, जबकि अलग अलग काम के हिसाब की अलग अलग दिहाड़ी निर्धारित की गई है. बावजूद इसके जेई ने मजदूरों की पूरी दिहाड़ी नहीं दी.

ये भी पढ़ेंः बाथरूम में फिसलने से अनिल विज हुए चोटिल, मोहाली के मैक्स अस्पताल रेफर

मजदूरों ने आरोप लगाया है कि मनरेगा के तहत एक दिन की दिहाड़ी 309 रु है जबकि जेई ने मजदूरों के काम में कमी बताकर 152 रु का ही भुगतान किया है, मजदूरों का ये भी कहना है कि वे कई बार अलग अलग अधिकारियों के दरवाजों पर अपनी मांगों को लेकर जा चुके हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. गोहाना के तसहीलदार रोशन लाल ने बताया इस मामले में सम्बंधित अधिकारी से बात की जाएगी और इसकी समस्या का जल्द हल किया जाएगा.

सोनीपत: मंगलवार को सैकड़ों मनरेगा मजदूरों ने एसडीम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. मनरेगा मजदूरों की मांग है कि उनका पूरा मेहनताना दिया जाए. गोहाना के गांव बरोदा हलके के कोहला व नूरन खेड़ा गांव के सैकड़ों मजदूर मनरेगा के तहत दिहाड़ी में हुई धोखाधड़ी को लेकर गोहाना के एसडीम कार्यालय में पहुंचे. जहां वो कई घंटों तक अधिकारी का इंतजार करते रहे लेकिन अधिकारी मौके पर नहीं पहुंच पाए.

वहीं कई घंटों तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद गोहाना के तहसीलदार मौके पर पहुंचे और मांग पूरी करने का आश्वासन दिया, लेकिन मजदूर एप्लिकेशन पर अधिकारी की रिसीविंग की मांग पर अड़े रहे. जिस पर गोहाना तहसीलदार भड़क गए और मजदूरों पर लाठी मरवाकर भगाने की बात कही.

दरअसल पूरा मामला गांव कोहला और नूरन खेड़ा के सैकड़ों मनरेगा मजदूरों का है. जानकारी के मुताबिक 4 मई से लेकर 11 मई तक बुटाना डिस्टीब्यूटरी की पटरी पर सफाई का काम किया गया था. जहां संबंधित विभाग के जेई आशीष कुमार पर मजदूरों ने आरोप लगाया है कि जेई ने मनरेगा निर्देशिका के हिसाब से काम नहीं करवाया और आवश्यकता से अधिक भी काम करवाया, जबकि अलग अलग काम के हिसाब की अलग अलग दिहाड़ी निर्धारित की गई है. बावजूद इसके जेई ने मजदूरों की पूरी दिहाड़ी नहीं दी.

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मजदूरों ने आरोप लगाया है कि मनरेगा के तहत एक दिन की दिहाड़ी 309 रु है जबकि जेई ने मजदूरों के काम में कमी बताकर 152 रु का ही भुगतान किया है, मजदूरों का ये भी कहना है कि वे कई बार अलग अलग अधिकारियों के दरवाजों पर अपनी मांगों को लेकर जा चुके हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. गोहाना के तसहीलदार रोशन लाल ने बताया इस मामले में सम्बंधित अधिकारी से बात की जाएगी और इसकी समस्या का जल्द हल किया जाएगा.

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