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द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर मंदिर के कपाट खुले, ऐसे पहुंचें दर्शन करने

एक ओर उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा चल रही है. दूसरी ओर देवभूमि में स्थित अन्य देव मंदिरों के कपाट भी खुलते जा रहे हैं. आज रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान मदमहेश्वर धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं. बड़ी संख्या में श्रद्धालु मदमहेश्वर के कपाट खुलने के साक्षी रहे.

Madmaheshwar
मदमहेश्वर यात्रा
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Published : May 22, 2023, 11:37 AM IST

Updated : May 23, 2023, 10:53 AM IST

मदमहेश्वर मंदिर के कपाट खुले

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): रुद्रप्रयाग जिले में स्थित द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट खुल गए हैं. द्वितीय केदार में भगवान शंकर के मध्य भाग यानी नाभि की पूजा होती है. इससे पहले कल यानी रविवार को द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने गौण्डार गांव में अन्तिम रात्रि प्रवास किया था.

मदमहेश्वर धाम के कपाट खुले: आज सुबह भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने ब्रह्म बेला में गौण्डार गांव से किया प्रस्थान. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए दोपहर 11.30 बजे के करीब भगवान की डोली मदमहेश्वर धाम पहुंची. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गए.

कपाट खुलने के पावन समय और डोली आगमन को लेकर मदमहेश्वर धाम को कई कुंतल फूलों से सजाया गया था. इसके साथ ही तीर्थ यात्रियों के मदमहेश्वर घाटी आवागमन से विभिन्न यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लग गयी है.
ये भी पढ़ें: केदारनाथ में फिर बदला मौसम का मिजाज, ठंड और बारिश में दर्शन कर रहे तीर्थ यात्री

ऐसे पहुंचें मदमहेश्वर धाम: मदमहेश्वर धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. यहां जाने के लिए रांसी तक मोटर मार्ग है. उखीमठ से आप रांसी वाहन से पहुंच सकते हैं. मदमहेश्वर जाने के लिए रांसी मोटर मार्ग से जुड़ा रुद्रप्रयाग जिले का आखिरी गांव है. रांसी से मदमहेश्वर मंदिर जाने के लिए करीब 23 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. मदमहेश्वर का पैदल मार्ग चढ़ाई वाला होने के साथ सुरम्य है. मदमहेश्वर के पैदल मार्ग में गोंदहार, मैखम्बा चट्टी समेत अनेक छोटे गांव मिलते हैं.

मदमहेश्वर मंदिर के कपाट खुले

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): रुद्रप्रयाग जिले में स्थित द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट खुल गए हैं. द्वितीय केदार में भगवान शंकर के मध्य भाग यानी नाभि की पूजा होती है. इससे पहले कल यानी रविवार को द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने गौण्डार गांव में अन्तिम रात्रि प्रवास किया था.

मदमहेश्वर धाम के कपाट खुले: आज सुबह भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने ब्रह्म बेला में गौण्डार गांव से किया प्रस्थान. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए दोपहर 11.30 बजे के करीब भगवान की डोली मदमहेश्वर धाम पहुंची. भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर मदमहेश्वर के कपाट वेद ऋचाओं के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गए.

कपाट खुलने के पावन समय और डोली आगमन को लेकर मदमहेश्वर धाम को कई कुंतल फूलों से सजाया गया था. इसके साथ ही तीर्थ यात्रियों के मदमहेश्वर घाटी आवागमन से विभिन्न यात्रा पड़ावों पर रौनक लौटने लग गयी है.
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ऐसे पहुंचें मदमहेश्वर धाम: मदमहेश्वर धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. यहां जाने के लिए रांसी तक मोटर मार्ग है. उखीमठ से आप रांसी वाहन से पहुंच सकते हैं. मदमहेश्वर जाने के लिए रांसी मोटर मार्ग से जुड़ा रुद्रप्रयाग जिले का आखिरी गांव है. रांसी से मदमहेश्वर मंदिर जाने के लिए करीब 23 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. मदमहेश्वर का पैदल मार्ग चढ़ाई वाला होने के साथ सुरम्य है. मदमहेश्वर के पैदल मार्ग में गोंदहार, मैखम्बा चट्टी समेत अनेक छोटे गांव मिलते हैं.

Last Updated : May 23, 2023, 10:53 AM IST
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