चंडीगढ़: हाल ही में खालिस्तानी समर्थकों, हरदीप सिंह निझार और परमजीत सिंह पंजवाड़ की हत्या और ब्रिटेन में अवतार सिंह खांडा की संदिग्ध मौत के बाद और भी आतंकवादी दहशत में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये आतंकवादी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान समेत अन्य देशों में छिपे हुए हैं.
खालिस्तानी जनमत संग्रह के लिए प्रचार कर रहे, अमेरिका में रहने वाला (एसएफजे) सिख फॉर जस्टिस प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू अपने करीबी दोस्त हरदीप सिंह निझार की हत्या के बाद से पिछले तीन दिनों से छिपा हुआ है. निझार की 18 जून को कनाडा के सरे (Surrey) में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
पन्नू ने 2019 में निझार से मिलाया था हाथ: पन्नू और निझार दोनों एक साथ काम कर रहे थे और जनमत संग्रह अभियान शुरू करने के लिए अन्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया गए थे. हालांकि निझार खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का नेतृत्व कर रहा था, लेकिन उसने 2019 में गुरपतवंत सिंह पन्नू के साथ हाथ मिलाया. जिसके बाद उसे 2020 में कनाडा में जनमत संग्रह अभियान चलाने का काम सौंपा गया, जिससे बाद में वह कनाडा चला गया. सिख फॉर जस्टिस का चेहरा, उसने सरे और वैंकूवर में कई प्रदर्शन और कार रैलियां कीं.
पन्नू ने प्रचार बंद किया: सूत्रों का कहना है कि निझार की मौत के बाद गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपना अभियान रोक दिया है. उन्होंने निझार के समर्थन में कोई वीडियो या ऑडियो संदेश जारी नहीं किया है. हालांकि, निझार की हत्या के बाद कनाडा में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें खालिस्तान समर्थक भारत विरोधी नारे लगे. पन्नू आमतौर पर भारत में आतंकवादी घटनाओं का श्रेय लेता है, लेकिन अवतार सिंह खांडा की रहस्यमय मौत और ब्रिटेन में दो आतंकवादियों की मौत पर चुप है.
निझार का सिर काटने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम: भारत की जांच एजेंसी ने मोस्ट वांटेड हरदीप सिंह निझार (45) पर 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है. सोमवार को कनाडा के सरे में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा छह मई को पाकिस्तान के लाहौर में खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवाड़ (63) की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
15 जून को मरा अवतार सिंह खांडा: निझार और पंजवाड़ के अलावा एक और आतंकी अवतार सिंह खांडा की 15 जून को रहस्यमय परिस्थितियों में लंदन के एक अस्पताल में मौत हो गई थी. खालिस्तान समर्थक संगठन दावा कर रहे हैं कि इन मौतों के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है, जिससे पन्नू जैसे कई आतंकी छिपने को मजबूर हैं.