भरतपुर. हरियाणा के नूंह में हुए उपद्रव और हिंसा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर जमकर हमला बोला है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर खट्टर और हरियाणा पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस वहां गई तो हरियाणा पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया, बल्कि उल्टा राजस्थान पुलिस के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कर दी.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया में बयान दिया है कि वो राजस्थान पुलिस का हर संभव सहयोग करेंगे. हरियाणा के मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा है कि जब राजस्थान की पुलिस हरियाणा में नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने के लिए गई थी तब हरियाणा की पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया. यहां तक कि राजस्थान पुलिस के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कर दी.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने लिखा है कि नासिर-जुनैद हत्याकांड के जो आरोपी फरार हैं उन्हें पकड़ने में हरियाणा पुलिस कोई सहयोग नहीं कर रही. खट्टर हरियाणा में हो रही हिंसा को रोकने में नाकाम रहे और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं.
यह था घटनाक्रम : गौरतलब है कि 13 फरवरी रात को भरतपुर के मेवात क्षेत्र के नासिर, जुनैद को पकड़ने के लिए आरोपियों ने अलवर-नूंह के बॉर्डर पर नाकाबंदी की थी, लेकिन उस रात गाड़ियों का मूवमेंट नहीं हुआ और गौरक्षक कुछ नहीं कर पाए. उसके बाद 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की अलसुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की भी एक टीम साथ में जुड़ गई. ऐसे में तीन टीमें एकजुट हो गईं. इन्होंने नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गौतस्करी के शक में मारपीट भी की.
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गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में पूछताछ भी की।इस दौरान ये लोग नासिर और जुनैद के साथ लाठी, सरिया से गंभीर रूप से मारपीट कर चुके थे. इसके बाद सभी आरोपी, नासिर, जुनैद को हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे, लेकिन नासिर, जुनैद को गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. जब हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया तो ये लोग नासिर और जुनैद को भिवानी के पास लेकर पहुंचे, जहां पहले नासिर की गला दबाकर हत्या की, जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. उसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में डालकर, पेट्रोल छिड़ककर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से जला दिया.
जब राजस्थान पुलिस हरियाणा में आरोपियों को पकड़ने गई तो वहां पर आरोपियों के परिजनों ने राजस्थान पुलिस के खिलाफ मारपीट की शिकायत की, जिस पर हरियाणा पुलिस ने राजस्थान पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. वहीं, एक बार और राजस्थान पुलिस मोनू मानेसर को पकड़ने के लिए दबिश देने गई, लेकिन स्थानीय पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया.