नई दिल्ली : भारत सरकार ने अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए प्रतिदिन दो उड़ानें संचालित करने की फैसला लिया है. यह अनुमति अमेरिकी और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) बलों द्वारा दी गई है, जो वर्तमान में काबुल स्थित हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन को नियंत्रित कर रहे हैं.
बता दें कि वर्तमान में अमेरिकी सुरक्षा बलों द्वारा कुल 25 उड़ानें संचालित की जा रही हैं.
काबुल पर रविवार को तालिबान का कब्जा होने के बाद से अभी तक भारत वहां से राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों सहित करीब 200 लोगों को भारतीय वायुसेना के दो सी-17 विमानों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल चुका है, भारत में 300 से अधिक भारतीय नागरिकों को काबुल से बाहर निकालना है, भारत ताजिकिस्तान और कतर में दुशांबे के जरिए अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट कर रहा है.
अफगानिस्तान-तालिबान संकट (Afghan-Taliban Crisis) के बीच भारतीय वायुसेना के विमान से लोगों को काबुल से सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है. इसी कड़ी में आज एक विमान ने 85 भारतीयों को लेकर काबुल से उड़ान भरी है.
हवाई अड्डे पर अमेरिकी सुरक्षा क्षेत्र के अंदर भारतीय अधिकारियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के साथ बातचीत की थी. इसके बाद भारत के पहले विमान को काबुल से संचालित करने की अनुमति दी थी.
पीएम ने दिए थे हरसंभव सहायता देने के निर्देश
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीएस) की बैठक में अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने व भारत से मदद की उम्मीद कर रहे अफगान नागरिकों को हरसंभव सहायता देने के साथ ही वहां के इच्छुक अल्पसंख्यक सिखों व हिंदुओं को शरण देने का अधिकारियों को निर्देश दिया था. प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर हुई इस अहम बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, अफगानिस्तान में भारत के राजदूत आर टंडन सहित कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अमेरिका समर्थित सरकार के गिर जाने और देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया. तालिबान ने 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका नीत सेना के अफगानिस्तान में आने के 20 साल बाद फिर से देश पर कब्जा कर लिया है.