पानीपत: गंभीर और लाइलाज बीमारियों को लेकर सरकार काफी गंभीरता से कार्य कर रही है. सरकार टीबी और एचआईवी जैसी लाइलाज बीमारियों को साल 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. एचआईवी जैसी गंभीर और लाइलाज बीमारी के लिए सरकार उन रोगियों के के लिए बहुत स्कीम उपलब्ध करा रही है. कुछ स्कीम ऐसी है जो ऐसे रोगियों तक पहुंच नहीं पा रही है या मरीज आज तक इनसे अनजान हैं. हरियाणा देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां एचआईवी पीड़ित को सरकार की तरफ से पोषण भत्ता भी दिया जाता है.
पानीपत जिले के एचआईवी विंग के नोडल ऑफिसर डॉ. ललित वर्मा ने बताया कि यह पोषण भत्ता सिर्फ हरियाणा राज्य के मरीजों को ही मुहैया करवाया जाता है और अन्य किसी राज्य में इस तरह की कोई भी स्कीम मरीजों के लिए नहीं है. पानीपत जिले के अंदर 153 एचआईवी से ग्रसित मरीज इस 2250 रु भत्ते का लाभ हर महीने ले रहे हैं.
एचआईवी पीड़ित लोगों के लिए सरकार द्वारा पोषण भत्ते के रूप में 2250 रुपए हर माह दिए जाते हैं ताकि एचआईवी से ग्रसित मरीज अच्छा पौष्टिक और संतुलित आहार ले सके. बता दें कि, जिन एचआईवी मरीजों की इनकम 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है, वह इस पोषण भत्ते पेंशन का लाभ ले सकते हैं. इसके अलावा मरीज हरियाणा का स्थाई निवासी होना चाहिए और उसकी फैमिली आईडी भी बनी होनी चाहिए तभी वह इस पेंशन भत्ते के लिए आवेदन कर सकता है.
पानीपत जिले के एचआईवी विंग के नोडल ऑफिसर ने कहा कि 1,80,000 रुपए से कम आय वाले एक घर में चाहे कितने भी मरीज हों, इस पोषण भत्ते का लाभ हर महीने ले सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति अन्य पेंशन भी ले रहा हो चाहे वह दिव्यांग पेंशन हो, विधवा पेंशन हो या फिर बुढ़ापा पेंशन और वह एचआईवी से ग्रसित है तो उन पेंशनों के अलावा यह पोषण भत्ता भी उसे मिलता रहेगा. अन्य राज्य की नागरिकों के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं है उन्हें सिर्फ एड्स कंट्रोल सोसायटी दवाई मुहैया करवाती है.
बता दें कि साल 2022-23 में हरियाणा के पानीपत में एचआईवी के 354 नए मरीज सामने आए हैं. औसतन देखा जाए तो एक महीने में लगभग 30 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. 1 महीने में 30 मरीजों का मिलना स्वास्थ्य विभाग के लिए काफी चिंताजनक है.
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