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अफगानिस्तान में फंसे असम के लोगों को निकालने के लिए कदम उठाए सरकार : रिपुन बोरा - Govt should take steps to evacuate people

राज्यसभा सांसद और असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा ने सीएम हिमंत बिस्वा सरमा से अफगानिस्तान में रह रहे असम को लोगों को निकालने का मुद्दा गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाने की अपील की.

रिपुन बोरा
रिपुन बोरा
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Published : Aug 21, 2021, 6:21 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से अफगानिस्तान में फंसे असम के लोगों को निकालने का मुद्दा गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाने की अपील की है.

रिपुन बोरा ने 'ईटीवी भारत' से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को अफगानिस्तान में फंसे असम के लोगों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए.

बोरा ने कहा कि असम के कई लोग हैं, जो अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं. बोरा ने कहा कि कई राज्य सरकार पहले ही कदम उठा चुकी हैं और केंद्र सरकार से अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने की अपील की है.

सुनिए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने क्या कहा

बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को अफगानिस्तान में फंसे लोगों की सूची केंद्र सरकार को सौंपी है. बोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि उन्होंने पिछले 100 दिनों में राज्य के विकास के लिए बहुत कुछ किया है, लेकिन वास्तविकता यह है कि राज्य में किसी प्रकार का कोई विकास नहीं हुआ है. बोरा ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई को लेकर भी राज्य सरकार की आलोचना की.

यह देखते हुए कि असम में केवल 20 लाख लोगों को अब तक दोनों खुराक लगी है. बोरा ने कहा कि 1.28 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगनी है और 1.07 करोड़ लोगों को अभी तक वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं लगी है.

बोरा ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर की विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं लेकिन राज्य सरकार ने इससे निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं. यह चिंता का विषय है.

मवेशी संरक्षण विधेयक, 2021 का जिक्र करते हुए बोरा ने कहा कि यह असम में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई के बीच लंबे समय तक चलने वाली शांति को खतरे में डालेगा.

असम एक ऐसा राज्य है जहां लगभग सभी गांवों में, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई अनादि काल से एक साथ रह रहे हैं. एक भी जगह नहीं होगी जहां मंदिर के 5 किमी के दायरे में हिंदू या मुस्लिम न हों.

पढ़ें- तालिबान ने अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में लड़के-लड़कियों के साथ पढ़ने पर लगाई रोक

कांग्रेस नेता ने सरमा के इस दावे की भी आलोचना की कि असम ने पिछले 100 दिनों के दौरान पीएम किसान सम्मान निधि योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है. बोरा ने कहा कि इस योजना के तहत कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 35 लाख लाभार्थियों में से 16.72 लाभार्थी फर्जी हैं और उन्होंने कई सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने घोटाले की जांच पर अब तक चुप्पी साध रखी है.

नई दिल्ली : कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से अफगानिस्तान में फंसे असम के लोगों को निकालने का मुद्दा गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाने की अपील की है.

रिपुन बोरा ने 'ईटीवी भारत' से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को अफगानिस्तान में फंसे असम के लोगों को निकालने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए.

बोरा ने कहा कि असम के कई लोग हैं, जो अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं. बोरा ने कहा कि कई राज्य सरकार पहले ही कदम उठा चुकी हैं और केंद्र सरकार से अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकालने की अपील की है.

सुनिए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने क्या कहा

बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को अफगानिस्तान में फंसे लोगों की सूची केंद्र सरकार को सौंपी है. बोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि उन्होंने पिछले 100 दिनों में राज्य के विकास के लिए बहुत कुछ किया है, लेकिन वास्तविकता यह है कि राज्य में किसी प्रकार का कोई विकास नहीं हुआ है. बोरा ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई को लेकर भी राज्य सरकार की आलोचना की.

यह देखते हुए कि असम में केवल 20 लाख लोगों को अब तक दोनों खुराक लगी है. बोरा ने कहा कि 1.28 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगनी है और 1.07 करोड़ लोगों को अभी तक वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं लगी है.

बोरा ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर की विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं लेकिन राज्य सरकार ने इससे निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं. यह चिंता का विषय है.

मवेशी संरक्षण विधेयक, 2021 का जिक्र करते हुए बोरा ने कहा कि यह असम में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई के बीच लंबे समय तक चलने वाली शांति को खतरे में डालेगा.

असम एक ऐसा राज्य है जहां लगभग सभी गांवों में, हिंदू, मुस्लिम और ईसाई अनादि काल से एक साथ रह रहे हैं. एक भी जगह नहीं होगी जहां मंदिर के 5 किमी के दायरे में हिंदू या मुस्लिम न हों.

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कांग्रेस नेता ने सरमा के इस दावे की भी आलोचना की कि असम ने पिछले 100 दिनों के दौरान पीएम किसान सम्मान निधि योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है. बोरा ने कहा कि इस योजना के तहत कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 35 लाख लाभार्थियों में से 16.72 लाभार्थी फर्जी हैं और उन्होंने कई सौ करोड़ रुपये की हेराफेरी की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने घोटाले की जांच पर अब तक चुप्पी साध रखी है.

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