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अनुच्छेद 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 22, 2020, 8:14 AM IST

Updated : Feb 17, 2020, 11:02 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार से सुनवाई शुरू हो गई है. पांच सदस्यीय पीठ में न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना भी शामिल हैं.

बता दें, सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली इन याचिकाओं में कहा गया है कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर को एक-दूसरे से जोड़ने का एकमात्र रास्ता यही प्रावधान था, जिसे मोदी सरकार ने हटा दिया है.

आपको बता दें, पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को वापस ले लिया गया था. पांच अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह ने देश के अतीत से जुड़े इस विवादास्पद पन्ने को इतिहास की किताब से अलग कर दिया.

मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के तहत अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित भागों में बांट दिया गया. इसके मद्देनजर लदाख क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, जहां विधानसभा नहीं होगी, जबकि जम्मू-कश्मीर को भी केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, लेकिन यहां राजधानी दिल्ली जैसी विधानसभा होगी.

ये भी पढ़ें : अनुच्छेद 370 ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया

भारत के इतिहास में मोदी सरकार के इस कड़े फैसले के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों में नाराजगी जताई गई. इसके चलते सरकार को जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को नजरबंद करना पड़ा. इनमें पूर्व मुख्यमंत्रियों से लेकर कई दिग्गज शामिल थे.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार से सुनवाई शुरू हो गई है. पांच सदस्यीय पीठ में न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना भी शामिल हैं.

बता दें, सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली इन याचिकाओं में कहा गया है कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर को एक-दूसरे से जोड़ने का एकमात्र रास्ता यही प्रावधान था, जिसे मोदी सरकार ने हटा दिया है.

आपको बता दें, पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को वापस ले लिया गया था. पांच अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह ने देश के अतीत से जुड़े इस विवादास्पद पन्ने को इतिहास की किताब से अलग कर दिया.

मोदी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के तहत अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया गया और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित भागों में बांट दिया गया. इसके मद्देनजर लदाख क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, जहां विधानसभा नहीं होगी, जबकि जम्मू-कश्मीर को भी केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, लेकिन यहां राजधानी दिल्ली जैसी विधानसभा होगी.

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भारत के इतिहास में मोदी सरकार के इस कड़े फैसले के खिलाफ जम्मू-कश्मीर सहित देश के कई हिस्सों में नाराजगी जताई गई. इसके चलते सरकार को जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को नजरबंद करना पड़ा. इनमें पूर्व मुख्यमंत्रियों से लेकर कई दिग्गज शामिल थे.

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Last Updated : Feb 17, 2020, 11:02 PM IST

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