नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन में आज राष्ट्रीय बाल पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया.
इस वर्ष 22 होनहार बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति ने 10 लड़कियों और 12 लड़कों को पुरस्कार दिया. यह पुरस्कार अलग-अलग क्षेत्रों में दिया जाता है.
गौरतलब है कि 22 बच्चों को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया. इन बालवीरों की वीरता की कहानी वाकई में प्रेरित करने वाली है. इनमें से अधिकतर बच्चों ने अपनी जान की बाजी लगाकर दूसरे की जान बचाई है. वहीं इनमें से केरल के रहने वाले मोहम्मद मोहसिन ने अपनी जान गंवा कर अपने दोस्तों को डूबने से बचाया.
42 लोगों की बचाई जान
एक मई 2019 को 15 साल के आदित्य केरल के 42 अन्य पर्यटकों के साथ नेपाल की यात्रा से लौट रहे थे, कि तभी भारतीय सीमा से करीब 50 किलोमीटर पहले बस में आग लग गई. आग लगते ही ड्राइवर मौके से फरार हो गया, जबकि 5 बच्चों और कुछ बुजुर्गों समेत तमाम यात्री बदहवास थे. बस के दरवाजे बंद थे. तभी आदित्य ने हथौड़े से बस का पिछला शीशा तोड़ दिया. इस दौरान उनके हाथ और पैरों में शीशे से चोटें भी लगीं. आदित्य की इस वीरता की वजही से बस के डीजल टैंक के फटने से पहले सभी यात्री निकल पाए.
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बाढ़ की भविष्यवाणी करने वाला एप
दिल्ली के रहने वाले एक बच्चे ने बाढ़ की भविष्यवाणी करने के लिए एक एप्लीकेशन बनाया. जिसके चलते उन्हें नवाचार के क्षेत्र में 2020 के बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया.
हेलिकॉप्टर क्रैश में चलाया बचाव अभियान
पिछले साल 27 फरवरी को MI-17 हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. बडगाम में हुए इस हादसे के बाद मौके पर पहुंचने वाले लोगों में 18 साल के अशरफ भी थे. उन्होंने उस मलबे में एक व्यक्ति को जिंदा देखा. इसके बाद अपनी जान पर खेलकर घायल शख्स को निकाला. हालांकि उनकी जान नहीं बच सकी. इसके बाद घटनास्थल पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम के साथ भी वे बचाव कार्य में जुट गए थे.
इसके अलावा पुरस्कार से सम्मानित सभी वीरों ने अलग-अलग क्षेत्र में बड़ी ही वीरता दिखाई.