रांची : देश के जाने-माने संस्थान आईआईटी-आईएसएम धनबाद के प्रोफेसर आदित्य कुमार ने नैनो टेक्नोलॉजी के सहारे एक ऐसा ड्रेस कोटिंग तैयार किया है, जिसे पहनकर डॉक्टर या कोई भी कोरोना वारियर्स मरीजों के पास जा सकता हैं. इस ड्रेस को पहनने के बाद उन्हें बार-बार किट बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि इस ड्रेस के ऊपर सुपर हाइड्रोफोबिक कोटिंग किया जाएगा. जिस के संपर्क में आते ही कोरोना वायरस खुद-ब-खुद नष्ट हो जाएगा.
अंतिम दौर में रिसर्च
आईआईटी-आईएसएम संस्थान के प्रोफेसर आदित्य कुमार ने बताया कि जिस समय चीन में इस वायरस की शुरुआत हुई थी, उसी समय से इस पर अध्ययन किया जा रहा है. यह रिसर्च अब अंतिम दौर तक पहुंच चुका है. प्रयास किया जा रहा है कि यह आम लोग तक भी पहुंच सके.
बता दें कि कोरोना वायरस कपड़ा, प्लास्टिक और मेटल सहित कई अन्य चीजों की सरफेस पर जीवित रहता है. मरीजों के इलाज कर रहे चिकित्सक हर रोज मरीजों के संपर्क में आते हैं. ऐसे में चिकित्सकों को पर्सनल प्रोटेक्टिव केयर इक्विपमेंट यानी पीपीई किट पहनना पड़ता है. डॉक्टर के अलावा और भी कई तरह के लोग हैं, जिन्हें इस किट की जरूरत पड़ती है. संसाधनों की कमी के कारण सभी के लिए किट पहन पाना संभव नहीं हो पाता है, जिस कारण भय का वातावरण बना रहता है.
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संस्थान के प्रोफेसर आदित्य कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि यह कोटिंग एक तरह की परत होती है. पॉलीमरीक कोटिंग एचआईवी वायरस को रोकने में कारगर होती है, जिसका शोध सफलतापूर्वक किया जा चुका है. इस प्रोजेक्ट के माध्यम से किसी भी कपड़े में कोटिंग कर कोरोना वायरस को नष्ट किया जा सकता है. इसका रिसर्च अंतिम दौर तक पहुंच चुका है. उसके बाद किसी कपड़े की कंपनी से बात किया जाएगा और फिर बहुत ही जल्द यह लोंगो के बीच उपलब्ध होगा.