ETV Bharat / bharat

कोरोना वायरस को लेकर देश के 75 जिलों में लॉकडाउन : स्वास्थ्य मंत्रालय

कोरोना वायरस को लेकर भारत में संक्रमण बढ़ता जा रहा है. इस कड़ी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 22 मार्च के अद्यतन हालात की जानकारी दी. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'हमें संक्रमण की कड़ी को रोकना है. इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे 75 जिलों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य सेवाएं बंद कर दें.

corona in india
भारत में कोरोना संकट
author img

By

Published : Mar 22, 2020, 4:15 PM IST

Updated : Mar 22, 2020, 6:41 PM IST

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज के अद्यतन हालात की जानकारी दी है. संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 देखभाल सरकार उच्च स्तर पर कर रही है. सरकार स्थिति के अनुसार तैयार हो रही है. सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए राज्यों को निर्देश दिया है कि वे 75 जिलों में आपातकाल सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाएं बंद कर दें. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि ट्रांसमिशन की शृंखला को तोड़ने के लिए सबसे जरूरी है कि जो बाहर से आ रहे हैं, उन्हें आइसोलेट किया जाए.

स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'आज हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि हम संक्रमण की कड़ी को कैसे रोकें. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे रोकने के लिए जनता कर्फ्यू का एलान किया, जिसे हमारी जनता का भरपूर समर्थन मिला है. इसके अलावा कोरोना वायरस के संक्रमण को लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे जिन जिलों (75 जिलों) में कोरोना से संक्रमित लोग पाए गए हैं, वहां आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद कर दें और इस सूची को राज्य सरकारें अपने अनुसार बढ़ा सकती हैं.

कोरोना वायरस की स्थिति पर जानकारी देते लव अग्रवाल

अग्रवाल ने कहा कि देश में ट्रेन सेवाएं, मेट्रों सेवाएं और बस सेवाओं को 31 मार्च तक के लिए बंद किया जा रहा है और राज्यों को कहा गया है कि लॉकडाउन जिले में रहने वाले गरीब लोगों को किसी भी तरह से परेशानी न हो, इस पर वे निर्णय लें.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि कोरोना वायरस के मामलों को नियंत्रित करने के लिए वे अपनी क्षमताएं बढ़ाएं, जिससे कोई मामला सामने आए तो उस पर तुरंत निर्णय लिया जा सके.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि ट्रांसमिशन की शृंखला को तोड़ने के लिए, सबसे आसान तरीका बाहर से आने वाले लोगों को अलग करना है. उन्होंने बताया कि वायरस हवा में मौजूद नहीं है, यह बूंदों के माध्यम से फैलता है.

कोरोना वायरस की स्थिति पर जानकारी देते बलराम भार्गव

भार्गव ने बताया कि निजी लैबों में भी संक्रमण की जांच कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के लक्षण सामने आने पर जांच कराने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, 'आज हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि संक्रमण की कड़ी को हम कैसे रोकें. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे रोकने के लिए जनता कर्फ्यू का एलान किया, जिसे हमारी जनता का भरपूर समर्थन मिला है.'

पढ़ें : कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाने के लिए जनता कर्फ्यू का हिस्सा बनें : मोदी

भार्गव ने कहा कि विदेश से कुछ भारत में आए हैं. जो वहां से आ रहे हैं, उन्हे आइसोलेट करना जरूरी है क्योंकि यह वायरस संक्रमण के लिए ज्यादा दूर फैल नहीं सकता.

उन्होंने कहा, 'भारत सरकार कोरोना वायरस के फैलाव पर नजर बनाए हुए है, कैबिनेट सचिव कई हफ्तों से इस पर बैठक कर रहे हैं. अब तक इस वायरस पर भारत की रणनीति सही रही है. हमने इस वायरस की जांच करने की क्षमता को भी बढ़ाया है. यह वायरस 14 दिन तक जांच में पॉजिटिव हो सकता है.'

पढ़ें : बड़ा फैसला : 31 मार्च तक नहीं चलेंगी पैसेंजर ट्रेनें, मेट्रो और बस संचालन पर भी रोक

उन्होंने बताया कि इस बीमारी में 80 फीसद लोगों को जुकाम होता है और वे स्वयं ठीक हो जाते हैं. उन्हें पता भी नहीं चल पता है. 20 फीसद लोगों को बुखार आता है, खांसी आती है. इसमें से भी 15 फीसद लोग सामान्य इलाज से ठीक हो जाते हैं. पांच फीसद लोगों का अस्पताल में इलाज किया जाता है.

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज के अद्यतन हालात की जानकारी दी है. संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 देखभाल सरकार उच्च स्तर पर कर रही है. सरकार स्थिति के अनुसार तैयार हो रही है. सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए राज्यों को निर्देश दिया है कि वे 75 जिलों में आपातकाल सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाएं बंद कर दें. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि ट्रांसमिशन की शृंखला को तोड़ने के लिए सबसे जरूरी है कि जो बाहर से आ रहे हैं, उन्हें आइसोलेट किया जाए.

स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'आज हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि हम संक्रमण की कड़ी को कैसे रोकें. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे रोकने के लिए जनता कर्फ्यू का एलान किया, जिसे हमारी जनता का भरपूर समर्थन मिला है. इसके अलावा कोरोना वायरस के संक्रमण को लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे जिन जिलों (75 जिलों) में कोरोना से संक्रमित लोग पाए गए हैं, वहां आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद कर दें और इस सूची को राज्य सरकारें अपने अनुसार बढ़ा सकती हैं.

कोरोना वायरस की स्थिति पर जानकारी देते लव अग्रवाल

अग्रवाल ने कहा कि देश में ट्रेन सेवाएं, मेट्रों सेवाएं और बस सेवाओं को 31 मार्च तक के लिए बंद किया जा रहा है और राज्यों को कहा गया है कि लॉकडाउन जिले में रहने वाले गरीब लोगों को किसी भी तरह से परेशानी न हो, इस पर वे निर्णय लें.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को निर्देश दिया गया है कि कोरोना वायरस के मामलों को नियंत्रित करने के लिए वे अपनी क्षमताएं बढ़ाएं, जिससे कोई मामला सामने आए तो उस पर तुरंत निर्णय लिया जा सके.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि ट्रांसमिशन की शृंखला को तोड़ने के लिए, सबसे आसान तरीका बाहर से आने वाले लोगों को अलग करना है. उन्होंने बताया कि वायरस हवा में मौजूद नहीं है, यह बूंदों के माध्यम से फैलता है.

कोरोना वायरस की स्थिति पर जानकारी देते बलराम भार्गव

भार्गव ने बताया कि निजी लैबों में भी संक्रमण की जांच कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के लक्षण सामने आने पर जांच कराने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, 'आज हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि संक्रमण की कड़ी को हम कैसे रोकें. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे रोकने के लिए जनता कर्फ्यू का एलान किया, जिसे हमारी जनता का भरपूर समर्थन मिला है.'

पढ़ें : कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाने के लिए जनता कर्फ्यू का हिस्सा बनें : मोदी

भार्गव ने कहा कि विदेश से कुछ भारत में आए हैं. जो वहां से आ रहे हैं, उन्हे आइसोलेट करना जरूरी है क्योंकि यह वायरस संक्रमण के लिए ज्यादा दूर फैल नहीं सकता.

उन्होंने कहा, 'भारत सरकार कोरोना वायरस के फैलाव पर नजर बनाए हुए है, कैबिनेट सचिव कई हफ्तों से इस पर बैठक कर रहे हैं. अब तक इस वायरस पर भारत की रणनीति सही रही है. हमने इस वायरस की जांच करने की क्षमता को भी बढ़ाया है. यह वायरस 14 दिन तक जांच में पॉजिटिव हो सकता है.'

पढ़ें : बड़ा फैसला : 31 मार्च तक नहीं चलेंगी पैसेंजर ट्रेनें, मेट्रो और बस संचालन पर भी रोक

उन्होंने बताया कि इस बीमारी में 80 फीसद लोगों को जुकाम होता है और वे स्वयं ठीक हो जाते हैं. उन्हें पता भी नहीं चल पता है. 20 फीसद लोगों को बुखार आता है, खांसी आती है. इसमें से भी 15 फीसद लोग सामान्य इलाज से ठीक हो जाते हैं. पांच फीसद लोगों का अस्पताल में इलाज किया जाता है.

Last Updated : Mar 22, 2020, 6:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.