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इस दंपति ने संजोया है सिक्कों का संग्रहालय, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

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Published : Jan 16, 2020, 12:02 PM IST

पुराने सिक्के और नोटों के संग्रह ने सतीश सिंघल का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज करा दिया है. सतीश सिंघल की उपलब्धि 2014 में पहली बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 20 पैसे के 19 प्रकार के सिक्के और दो रुपए के 43 तरह के सिक्कों को मान्यता दी गई, लेकिन अब उनके पास दो रुपए के 49 प्रकार के सिक्के हैं. पढ़ें पूरी खबर...

haryana couple gets into limca book of world records
पत्नी संग सतीश सिंघल

फरीदाबाद : घोड़े वाले सिक्के, आना, दो आना, पाई, छेद वाले सिक्के, आधा पौना, जैसे सिक्के आप भूल चुके होंगे और टेंपल टोकन का शायद ही आपने कभी नाम सुना होगा, लेकिन हरियाणा की औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में एक दंपति ऐसा भी है, जो इस तरह के सिक्कों का संग्रह कर आने वाली पीढ़ी के लिए इन्हें संजोकर रखे हुए हैं.

सिक्के संभालने का बीड़ा सेक्टर-16 निवासी सतीश सिंघल और उनकी पत्नी वंदना ने उठाया है. 12 साल पहले सतीश को पुराने सिक्के एकत्र करने का जुनून सवार हुआ.

सतीश हर किसी नोट और सिक्के पर उसका सन और नंबर अवश्य देखते और उसे अपने पास संभाल कर रख लेते हैं. वह किसी भी व्यक्ति के पास कोई पुराना सिक्का या नोट देखते हैं तो उससे वह रुपए लेकर बदले में दूसरा नोट दे देते हैं.

इस दंपति ने संजोकर रखा है सिक्कों का संग्राहालय, देखें वीडियो

पुराने सिक्के और नोटों के संग्रह ने सतीश सिंघल का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज करा दिया है. सतीश सिंघल की मानें तो 12 साल पहले घर शिफ्ट करने के दौरान ओल्ड फरीदाबाद के पुराने मकान में काफी पुराने सिक्के मिले थे, जो उनके पिता और दादा ने इकट्ठा किए थे. उनमें पुराने समय के पाई और चांदी के 50 और 100 रुपए के सिक्के देखकर उन्हें लगा कि आने वाली पीढ़ी को विरासत के रूप में ये सिक्के दिए जा सकते हैं.

गौरतलब है, सतीश सिंघल की उपलब्धि 2014 में पहली बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 20 पैसे के 19 प्रकार के सिक्के और दो रुपए के 43 तरह के सिक्कों को मान्यता दी गई, लेकिन अब उनके पास दो रुपए के 49 प्रकार के सिक्के हैं.

2014 में ही इंडिया बुक रिकॉर्ड में पांच रुपए के 51 सिक्के और दो रुपए के 44 तरह के संग्रह को सम्मिलित किया गया था.

ये भी पढ़ें : आंध्र प्रदेश : प्रतिबंध के बावजूद मकर संक्राति पर मुर्गों की लड़ाई जारी

पांच रुपए के 68 और दो रुपए के 49 सिक्के हैं
आपको बता दें, 50 पैसे के सिक्कों को 14 मई 2015 में इंडिया बुक रिकॉर्ड और 30 जून 2015 को लिम्का बुक रिकॉर्ड में सात प्रकार के सिक्कों के रिकॉर्ड को वंदना गुप्ता ने अपने नाम किया. अब ये रिकॉर्ड 61 सिक्कों का है.

25 पैसे के सिक्के 14 मई 2015 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और 17 सितंबर 2000 लिम्का बुक रिकॉर्ड में 50 प्रकार के सिक्के रिकॉर्ड में हैं. दोनों को वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर स्टेज कार्यक्रम में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.

सतीश के पास पाई से लेकर 100 रुपए तक के सिक्के हैं. साथ ही उनके पास 786 सीरीज के विभिन्न तरह के नोट हैं. एक पैसे के 20 तरह के सिक्के भी उनके पास हैं. दो पैसे के भी 20 तरह के सिक्के हैं. तीन पैसे के सिक्के हैं. पांच पैसे के 48 सिक्के भी सतीश के पास हैं.

48 देशों के सिक्के भी किए हैं जमा
सतीश के पास 48 देशों के सिक्के भी उपलब्ध हैं. उनका कहना है कि वो व्यवसाय के सिलसिले में विदेश में जाते हैं, जिस कारण उन्हें बांग्लादेश, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड देशों के सिक्के एकत्र करने का मौका मिला. अब तक सतीश सिंघल 11 बार लिम्का बुक में रिकॉर्ड दर्ज करवा चुके हैं, जबकि चार रिकॉर्ड अभी और दर्ज होने हैं.

फरीदाबाद : घोड़े वाले सिक्के, आना, दो आना, पाई, छेद वाले सिक्के, आधा पौना, जैसे सिक्के आप भूल चुके होंगे और टेंपल टोकन का शायद ही आपने कभी नाम सुना होगा, लेकिन हरियाणा की औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में एक दंपति ऐसा भी है, जो इस तरह के सिक्कों का संग्रह कर आने वाली पीढ़ी के लिए इन्हें संजोकर रखे हुए हैं.

सिक्के संभालने का बीड़ा सेक्टर-16 निवासी सतीश सिंघल और उनकी पत्नी वंदना ने उठाया है. 12 साल पहले सतीश को पुराने सिक्के एकत्र करने का जुनून सवार हुआ.

सतीश हर किसी नोट और सिक्के पर उसका सन और नंबर अवश्य देखते और उसे अपने पास संभाल कर रख लेते हैं. वह किसी भी व्यक्ति के पास कोई पुराना सिक्का या नोट देखते हैं तो उससे वह रुपए लेकर बदले में दूसरा नोट दे देते हैं.

इस दंपति ने संजोकर रखा है सिक्कों का संग्राहालय, देखें वीडियो

पुराने सिक्के और नोटों के संग्रह ने सतीश सिंघल का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज करा दिया है. सतीश सिंघल की मानें तो 12 साल पहले घर शिफ्ट करने के दौरान ओल्ड फरीदाबाद के पुराने मकान में काफी पुराने सिक्के मिले थे, जो उनके पिता और दादा ने इकट्ठा किए थे. उनमें पुराने समय के पाई और चांदी के 50 और 100 रुपए के सिक्के देखकर उन्हें लगा कि आने वाली पीढ़ी को विरासत के रूप में ये सिक्के दिए जा सकते हैं.

गौरतलब है, सतीश सिंघल की उपलब्धि 2014 में पहली बार लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 20 पैसे के 19 प्रकार के सिक्के और दो रुपए के 43 तरह के सिक्कों को मान्यता दी गई, लेकिन अब उनके पास दो रुपए के 49 प्रकार के सिक्के हैं.

2014 में ही इंडिया बुक रिकॉर्ड में पांच रुपए के 51 सिक्के और दो रुपए के 44 तरह के संग्रह को सम्मिलित किया गया था.

ये भी पढ़ें : आंध्र प्रदेश : प्रतिबंध के बावजूद मकर संक्राति पर मुर्गों की लड़ाई जारी

पांच रुपए के 68 और दो रुपए के 49 सिक्के हैं
आपको बता दें, 50 पैसे के सिक्कों को 14 मई 2015 में इंडिया बुक रिकॉर्ड और 30 जून 2015 को लिम्का बुक रिकॉर्ड में सात प्रकार के सिक्कों के रिकॉर्ड को वंदना गुप्ता ने अपने नाम किया. अब ये रिकॉर्ड 61 सिक्कों का है.

25 पैसे के सिक्के 14 मई 2015 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और 17 सितंबर 2000 लिम्का बुक रिकॉर्ड में 50 प्रकार के सिक्के रिकॉर्ड में हैं. दोनों को वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर स्टेज कार्यक्रम में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है.

सतीश के पास पाई से लेकर 100 रुपए तक के सिक्के हैं. साथ ही उनके पास 786 सीरीज के विभिन्न तरह के नोट हैं. एक पैसे के 20 तरह के सिक्के भी उनके पास हैं. दो पैसे के भी 20 तरह के सिक्के हैं. तीन पैसे के सिक्के हैं. पांच पैसे के 48 सिक्के भी सतीश के पास हैं.

48 देशों के सिक्के भी किए हैं जमा
सतीश के पास 48 देशों के सिक्के भी उपलब्ध हैं. उनका कहना है कि वो व्यवसाय के सिलसिले में विदेश में जाते हैं, जिस कारण उन्हें बांग्लादेश, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड देशों के सिक्के एकत्र करने का मौका मिला. अब तक सतीश सिंघल 11 बार लिम्का बुक में रिकॉर्ड दर्ज करवा चुके हैं, जबकि चार रिकॉर्ड अभी और दर्ज होने हैं.

Intro:एंकर- छेद वाले सिक्के, घोड़े वाले सिक्के, आना, दो आना, पाई, आधा पौना, आदि के सिक्के आप भूल चुके होंगे और टेंपल टोकन का तो आपने नाम भी नहीं सुना होगा, लेकिन औद्योगिक नगरी में एक दंपति ऐसे भी हैं जो इस तरह के सिक्कों का संग्रह कर आने वाली पीढ़ी के लिए इन्हें संजोकर रखे हुए हैं।
इस तरह केBody:
सिक्के संभालने का बीड़ा सेक्टर-16 निवासी सतीश सिंघल और उनकी पत्नी वंदना ने उठाया है। 12 साल पहले सतीश को पुराने सिक्के एकत्र करने का जुनून सवार हुआ। शुरुआत में सतीश को इस काम को करने में घर वालों की आलोचना भी झेलनी पड़ी, लेकिन उन्होंने आलोचना की परवाह नहीं की और अपने काम में लगे रहे। सतीश हर किसी नोट और सिक्के पर उसका सन और नंबर अवश्य देखते और उसे अपने पास संभाल कर रख लेते हैं। वह किसी भी व्यक्ति के पास कोई पुराना सिक्का या नोट देखते हैं तो उससे वह रुपए लेकर बदले में दूसरा नोट दे देते हैं।

पुराने सिक्के और नोटों के संग्रह ने उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया। सतीश सिंघल की माने तो 12 साल पहले घर शिफ्ट करने के दौरान ओल्ड फरीदाबाद के पुराने मकान में काफी पुराने सिक्के मिले थे। जो उनके पिता और दादा में इकट्ठा किए थे। उनमें पुराने समय के पाई और चांदी के 50 और ₹100 के सिक्के देखकर उन्हें लगा कि आने वाली पीढ़ी को विरासत के रूप में दी जा सकती है ताकि देश का गौरव युवाओं को पता चल सके। उस समय के चांदी के ₹100 की कीमत के भी सिक्के हैं। अब यह शौक धीरे-धीरे उनके बच्चों को भी हो गया है।

सतीश सिंघल की उपलब्धि 2014 में पहली बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में 20 पैसे के 19 प्रकार के सिक्के और ₹2 के 43 तरह के सिक्कों को मान्यता दी गई लेकिन अब उनके पास ₹2 के 49 प्रकार के सिक्के हैं। 2014 में ही इंडिया बुक रिकॉर्ड में ₹5 के 51 सिक्के और ₹2 के 44 तरह के संग्रह को सम्मिलित किया गया।

₹5 के 68 और ₹2 के 49 सिक्के हैं।
50 पैसे के सिक्कों को 14 मई 2015 में इंडिया बुक रिकॉर्ड और 30 जून 2015 को लिम्का बुक रिकॉर्ड में सात प्रकार के सिक्कों के रिकॉर्ड को वंदना गुप्ता ने अपने नाम किया। अब यह रिकॉर्ड 61 सिक्कों का है। 25 पैसे के सिक्के 14 मई 2015 में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और 17 सितंबर 2000 लिम्का बुक रिकॉर्ड में 50 प्रकार के सिक्के रिकॉर्ड में है।
वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर स्टेज कार्यक्रम में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर के अवार्ड से सम्मानित किया गया।

सतीश सिंह के पास पाई से लेकर ₹100 तक के सिक्के हैं।
786 सीरीज के विभिन्न तरह के नोट है।
एक पैसे के 20 तरह के सिक्के भी उनके पास है। दो पैसे के भी 20 तरह के सिक्के हैं। 3 पैसे के सिक्के हैं। 5 पैसे के सिक्के हैं 48।

48 देशों के सिक्के भी किए हैं जमा-

सतीश सिंह के पास 48 देशों के सिक्के भी उपलब्ध है। उनका कहना है कि व्यवसाय के सिलसिले में विदेश में जाते हैं जिस कारण उन्हें बांग्लादेश, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, देशों के सिक्के एकत्र करने का मौका मिला। अब तक सतीश सिंघल 11 बार लिम्का बुक में रिकॉर्ड दर्ज करवा चुके हैं ।जबकि चार रिकॉर्ड अभी और दर्ज होने हैं।

बाइट - सतीश सिंघल

Conclusion:फरीदाबाद में एक दंपति ने अंग्रेजी शासन काल से लेकर मुगल शासन काल तक चलने वाले मुद्रा यानी सिक्कों को संभाल कर रखा हुआ है और वह 11 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं
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