नई दिल्ली : कोरोना वायरस के वैक्सीन पर तेजी से काम चल रहा है. इधर इजराइल ने कोरोना वायरस की एंटीबॉडी तैयार कर लेने का दावा किया है. भारत में इजराइल के राजदूत डॉ रॉन मलका (Dr. Ron Malka) ने बताया कि एंटीबॉडी एडवांस स्टेज में है. हालांकि यह कहना मुश्किल है कि हम अपने प्रयोग के किस स्टेज में हैं और क्या इसका उपयोग बाद में वैक्सीन की तरह किया जा सकता है.
रॉन मलका ने कहा कि यह एंटीबॉडी टीका नहीं है, लेकिन इस दवाई से कोरोना वायरस को मारा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर भारत और इजराइल मिलकर काम कर रहे हैं. हम इन दोनों देशों के वैज्ञानिकों और पेशेवरों को समन्वित कर टीका या एंटीबॉडी विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं.
राजदूत ने बताया कि भारत और इजराइल कुछ 50 सुझाए गए विषयों पर एक दूसरे के सहयोग से महामारी का समाधान खोज रहे हैं. इसमें अन्य उपकरणों के साथ कम लागत वाले इनक्यूबेटर भी शामिल हैं.
मलका ने बताया कि इस महामारी ने दोनों देशों को करीब लाया है. उन्होंने कहा कि हम भारत को एक अनमोल और करीबी दोस्त के रूप में देखते हैं. हमें भारत पर पूरा विश्वास है.
गौरतलब है कि इजराइल के रक्षा मंत्री नफतली बेनेट (Naftali Bennett) ने एक बताया था कि इजराइल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च में विकसित मोनोक्लोनल न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी कोरियर वायरस को वाहक के शरीर के अंदर बेअसर कर सकता है.
इस एंटीबॉडी के फॉर्मूले को फिलहाल पेटेंट कराया जा रहा है. बाद में एक वैश्विक निर्माता से इसका उत्पादन करने की मांग की जाएगी. बता दें कि इसी तरह के सफलता के दावे नीदरलैंड ने भी किए हैं.
राजदूत मलका ने बताया कि इजराइल में 16 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. हालांकि, इनमें से दस हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हुए हैं. वहीं पांच हजार अब भी संक्रमति हैं. इजराइल में कोरोना से अब तक 230 मौतें हो चुकी हैं.
उन्होंने बताया कि इजराइल उन पहले देशों में शामिल था, जिसने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बंद कर लॉकडाउन लगाया था. इससे अब जीवन और आजीविका के बीच संतुलन बनाने में आसानी हो रही है.
अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए हमें लॉकडाउन खत्म करने का ट्रायल लेना होगा और संक्रमण को काबू करना होगा. उन्होंने कहा कि भारत और इजराइल लॉकडाउन एग्जिट स्ट्रैटेजी पर भी नोट एक्सचेंज कर रहे हैं.
इजराइल अपने स्टार्टअप्स और इनोवेशन के लिए जाना जाता है, जिसने वायरस से लड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल किया है. परीक्षण केंद्रों में 3डी प्रिंटिंग ड्राइव, एंटी वायरस क्लॉथ फैब्रिक से लेकर सस्ते और ओपन सोर्स वेंटिलेटर पर काम किया गया है. यह सबको उपलब्ध कराया जाएगा.
मोबाइल ऐप के जरिए कोरोना संक्रमितों को ट्रेस करने पर राजदूत मलका ने कहा कि यह तकनीक हमें कोरोना को नियंत्रण करने और लोगों की जान बचाने में भी मदद कर सकती है, लेकिन गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है. इजराइल एक लोकतंत्रिक देश है, हम गोपनीयता का उल्लंघन नहीं कर सकते.
वहीं भारत सरकार की आरोग्य सेतु ऐप की आलोचनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए विश्वास का बहुत महत्व है. इजराइल में यह अच्छी तरह से काम कर रहा है, क्योंकि इस तकनीक का मूल विश्वास है.
उन्होंने कहा कि आपको विश्वास करना चाहिए और समझना चाहिए कि लोग इसका उपयोग क्यों कर रहे हैं. अन्य समय में कोई भी इस तरह के अनुरेखण की पेशकश करने का साहस भी नहीं करेगा. अगर हम एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं, एकजुटता और समझ है, तो यह स्वीकार्य हो सकता है.
वेस्ट बैंक में स्वच्छता और स्वच्छ जल की कमी के कारण लोगों की पीड़ित होने की खबरों पर राजदूत ने दावा किया कि इजराइल ने फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सहायता की पेशकश की है. इस वायरस से निपटने में और मदद करने व उसे सुविधाजनक बनाने के लिए हमने कदम बढ़ाए हैं.
दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करना अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वायरस हर किसी का दुश्मन है. हम जितना हो सके उतनी मदद कर रहे हैं.
चीन पर इस वायरस को लेकर कई तरह के आरोप लग रहे हैं. इस पर मलका ने कहा कि इजराइल किसी भी तरह से इसमें शामिल नहीं है. फिलहाल हमारा पूरा ध्यान वायरस से लड़ने पर है. हमारी सारी ऊर्जा और ध्यान एक टीका विकसित करने पर है.