गुवाहाटी : असम में आठ प्रतिबंधित संगठनों के 644 उग्रवादियों ने 177 हथियारों के साथ गुरुवार को आत्मसमर्पण किया.
पुलिस ने बताया कि उल्फा (आई), नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) , नेशनल संथाल लिबरेशन आर्मी (आरएनएलएफ), कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) , भाकपा (माओवादी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएलए), एडीएफ और एनएलएफबी के सदस्यों ने एक कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में आत्मसमर्पण किया.
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पुलिस महानिदेशक ज्योति महंता ने पत्रकारों से कहा, 'राज्य के लिए और असम पुलिस के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है. आठ उग्रवादी समूहों के कुल 644 कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आत्मसमर्पण किया है.'
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा, 'लोग खुश हैं कि आप असम के विकास के लिए मुख्यधारा में लौट आए हैं. आपने लोकतंत्र में विश्वास करने वालों को प्रेरित किया है.'
उन्होंने कहा, ' मैं जो लोग मुख्यधारा से अब भी बाहर हैं उनसे अपील करना चाहूंगा कि आगे आएं और भारत को एक मजबूत देश बनाने की दिशा में काम करें. बिना शांति के विकास मुमकिन नहीं है. विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले देशों में शांति बनी है और हमें भी यही करना है.'
सोनोवाल ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियां निभाएंगी, उन्हें उनके भरण-पोषण के लिए मौजूदा सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा.
आत्मसमर्पण करने वालों में सबसे अधिक 301 एनएलएफबी के उग्रवादी हैं. इसके बाद 178 आदिवासी ड्रैगन फाइटर (एडीएफ) और राष्ट्रीय सांथल मुक्ति सेना (एनएसएलए) के 87 उग्रवादी हैं.
इनके अलावा उल्फा (आई) के 50 कार्यकर्ता , ‘नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड’ (एनडीएफबी) के आठ उग्रवादी, ‘कामतपुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन’ (केएलओ) के छह उग्रवादी, ‘रावा नेशनल लिबरेशन फ्रंट’ (आरएनएलएफ) के 13 सदस्य और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का एक उग्रवादी है.
इन्होंने 177 हथियारों के अलावा 58 मैगजीन, 1.93 किलोग्राम विस्फोटक, 52 ग्रेनेड, 71 बम, तीन रॉकेट लॉन्चर, 306 डेटोनेटर, दो आरटी सेट और 17 खुकरी के साथ आत्मसमर्पण किया है.