चंडीगढ़: एशियन गेम्स में बिना ट्रायल एंट्री पाने वाले पहलवान बजरंग पूनिया को सेमीफाइनल मैच में हार मिली है. 65 किलोग्राम भार वर्ग के फ्री स्टाइल मुकाबले में ईरान के पहलवान अमजद खलीली रहमान ने बजरंग पूनिया को 8-1 से हराया है. बजरंग पूनिया गोल्ड मेडल के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे. उनकी हार से कुश्ती में गोल्ड मेडल की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है. हार के बाद सोशल मीडिया में बजरंग पूनिया को जमकर ट्रोल किया जा रहा है.
क्या बोल रहे हैं सोशल मीडिया यूजर्स: पहलवान बजरंग पूनिया को सोशल मीडिया पर यूजर्स जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं. हर कोई अपने हिसाब से सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दे रहा है. ट्वीटर पर यूजर ने कहा कि अगर दूसरों का हक मारोगे तो ऐसा ही होगा. वहीं एक यूजर ने कहा कि हार जीत तो गेम का हिस्सा है. बजरंग एक चैंपियन खिलाड़ी हैं. वो अच्छा कमबैक करेंगे. एक यूजर ने लिखा है कि रात भर प्रोटेस्ट करो. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बजरंग पूनिया का समर्थन कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला: बता दें कि एशियन गेम्स 2023 में पहलवान बजरंग पूनिया का सिलेक्शन बिना ट्रायल के हुआ. अगर बजरंग पूनिया का डायरेक्ट सिलेक्शन नहीं होता, तो पहलवान विशाल कालीरमण को उनकी जगह मिलती. विशाल ने नियमों के अनुसार अपने मुकाबले जीतकर एशियन गेम्स के लिए दावेदारी पेश की थी. वहीं बजरंग पूनिया को डायरेक्ट एंट्री मिली थी. इसके बाद कालीरमण को स्टैंडबाई के लिए रख दिया गया था.
विशाल कालीरमण के परिवार ने किया था विरोध: बजरंग पूनिया के एशियन गेम्स में सिलेक्ट होने के बाद विशाल और उनके परिवार वालों ने नाराजगी जाहिर की थी. इन लोगों ने अपने गृह नगर में प्रदर्शन भी किया था. विशाल और उनके परिजनों का कहना था कि जब बजरंग ने कोई मैच खेला ही नहीं. ट्रायल दिया ही नहीं, तो उसे एशियन गेम्स में एंट्री नहीं मिलनी चाहिए थी. ये सरासर गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए था.
विशाल को मिलती एंट्री: बजरंग पूनिया एशियन गेम्स से अपना नाम वापस ले लेते. तो विशाल कालीरमण को एशियन गेम्स में एंट्री मिल जाती. उन्होंने ट्रायल देकर एशियन गेम्स के लिए ऑफिशियल क्वालीफाई किया था. इस मामले को लेकर हरियाणा के पहलवान भी दो गुटों में बंटे नजर आए थे. कुछ पहलवान विशाल कालीरमण के समर्थन में थे तो कुछ बजरंग पूनिया का समर्थन कर रहे थे. सोशल मीडिया में भी इस मामले को लेकर काफी जंग देखने को मिली थी.
विशाल के पक्ष में थे हरियाणा के सीएम: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी विशाल का समर्थन किया था. उन्होंने एशिन गेम्स में ट्रायल विवाद पर कहा था, 'जिसका अधिकार है, उसी को मिलेगा. इसके लिए चाहे हमको स्पेशल कमेटी बनानी पड़े. जो खिलाड़ी जीत कर आया है. उसका अधिकार बनता है. बिना उसके वैसे ही कोई चयन करके आएगा तो वो ठीक नहीं है. मुझे लगता है कि विशाल कालीरमण को आगे जाना चाहिए, क्योंकि वो मैच जीतकर वहां पहुंचा है. अगर इस मामले में हमें चयन समिति तक जाना पड़े तो जाएंगे. जिसका अधिकार बनता है उसको मिलना चाहिए' बहरहाल अब बजरंग पूनिया के हारने के बाद फिर से सोशल मीडिया में ये पूरा मामला गरम हो गया है.