श्री मुथप्पन मंदिर में परम्परा के अनोखे रंग - थिरुवप्पना उत्सव
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केरल के कन्नूर में वलपट्टणम नदी के किनारे श्री मुथप्पन मंदिर स्थित है. यह मंदिर देखने में जितना खूबसूरत है, उतनी ही अनोखी यहां की परम्परा है और शायद इस धरा पर परस्सीनिकडवु मुथप्पन भगवान सबसे अधिक समतावादी ईश्वर हैं, जो वर्तमान नश्वर प्राणियों में मौजूद हैं. मंदिर कन्नूर के उत्तर मालाबार की लाल मिट्टी में स्थित है. यह देवस्थान 30 दिनों के त्योहार के माध्यम से अपनी परम्परा और संस्कृति को कुन्नाथुरपडी तिरुवप्पन उत्सव के रूप में प्रदर्शित कर रहा है. थीयम रात्रि को मुथप्पा (भगवान का नाम) के जीवन के विभिन्न रूपों के प्रदर्शन के दौरान नादुवाजिजन दैवम, पुथिया मुथप्पन, पुरमकला मुथप्पन और थिरुवप्पन को पेश की जाती है. वहीं दूसरे दिनों में मुल्लमपेत्ता भगवती की प्रस्तुति कुन्नाथुरपडी थिरुवप्पना उत्सव में भी की जाती है. मुल्लमपेत्ता भगवती को भगवान मुथप्पन की माता के रूप में माना जाता है. यह त्योहार 18 दिसंबर को शुरू हुआ था और इस महीने की 16 तारीख को संपन्न होगा.