आज की प्रेरणा - हनुमान भजन
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मनुष्य को जानना चाहिए कि शास्त्रों के अनुसार क्या कर्तव्य है और क्या अकर्तव्य है. उसे विधि-विधानों को जानकर कर्म करना चाहिए, जिससे वह क्रमशः ऊपर उठ सके. जो शास्त्रों के आदेशों की अवहेलना करता है और मनमाने ढंग से कार्य करता है, उसे न तो सिद्धि, न सुख, न ही परमगति की प्राप्ति हो पाती है. महापुरुष अपने अनुसरणीय कार्यों से जो आदर्श प्रस्तुत करता है, सम्पूर्ण विश्व उसका अनुसरण करने का प्रयास करता है. कर्मयोग से सिद्ध हुए महापुरुष का इस संसार में कर्म करने और कर्म न करने का कोई प्रयोजन रहता है तथा वो किसी भी प्राणी पर किञ्चिन्मात्र भी आश्रित नहीं रहता है.अनेकों विद्वान क्षत्रिय राजा, महापुरुष कर्मों द्वारा ही मोक्ष प्राप्ति के लिये प्रवृत्त हुए थे इसलिए निष्काम भाव से कर्म करो.