बक्सर पंचकोशी यात्रा : श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया लिट्टी चोखा का प्रसाद, भगवान राम से जुड़ा है इतिहास

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विश्व प्रसिद्ध पंचकोशी यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर है. स्थानीय लोगों के साथ ही पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, झारखंड से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने बिहार के बक्सर स्थित चरित्र वन में लिट्टी चोखा का प्रसाद तैयार कर ग्रहण किया. मान्यता है कि त्रेता युग में जब भगवान राम विश्वामित्र की इस पावन नगरी में पधारे थे, तो उन्होंने ताड़का, सुबाहु जैसे राक्षसों का वध करने के बाद, पांच कोस की यात्रा शुरू की थी. भगवान राम पंचकोशी यात्रा के अंतिम पड़ाव में बक्सर पहुंचे. यहां के चरित्र वन में विश्वामित्र मुनि के आश्रम के पास भगवान राम ने अपने हाथों से लिट्टी चोखा तैयार कर खाया और फिर यहां से मां सीता की खोज में निकल पड़े. तब से पंचकोशी यात्रा की यह परम्परा चली आ रही है. यात्रा में आये श्रद्धालुओं ने बताया कि वह अपने घर से ही लिट्टी चोखा का सारा सामान लेकर यहां आते हैं और प्रसाद तैयार कर खाते हैं. इस दिन विश्व के हर कोने में, जहां भी बक्सर और बिहारवासी हैं, लिट्टी चोखा जरूर बनाते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं. त्रेता युग से चली आ रही परम्परा का निर्वहन लोग आज भी कर रहे हैं.
Last Updated : Nov 21, 2019, 10:18 PM IST

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