जानें, कितना भव्य होता है भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा का रथ - नंदीघोष क्या है

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Published : Jun 26, 2021, 4:24 AM IST

Updated : Jun 26, 2021, 10:35 AM IST

रथों के लिए काष्ठ का चयन बसंत पंचमी के दिन से शुरू होता है और उनका निर्माण अक्षय तृतीया से प्रारम्भ होता है. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ नारियल की लकड़ी से बनाए जाते हैं. भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई लगभग 45.6 फीट होती है और इसे 'नंदीघोष' कहा जाता है. इस रथ में 18 पहिए लगे होते हैं. इसके निर्माण में कुल 838 लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल होता है. भगवान जगन्‍नाथ के रथ का रंग लाल और पीला होता है. उनका रथ बाकी दो रथों से आकार में बड़ा होता है. इनके रथ पर हनुमानजी और नृसिंह भगवान का प्रतीक अंकित रहता है और यह रथ यात्रा में सबसे पीछे रहता है. भगवान बलभद्र के रथ को 45 फीट ऊंचा बनाया जाता है, और इसमें 16 पहिए होते हैं. इसके निर्माण में कुल 763 लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल होता है. भगवान बलभद्र के रथ को 'तालध्वज' कहा जाता है. भगवान बलभद्र के रथ का रंग लाल और हरा होता है. देवी सुभद्रा को ले जाने वाले रथ को देवदलन कहा जाता है, जिसमें 14 पहिए होते हैं और इसकी ऊंचाई 44.6 फीट होती है. देवी सुभद्रा के रथ निर्माण में कुल 593 लकड़ी के टुकड़ों का इस्तेमाल होता है। इसका रंग लाल और काला होता है. इन रथों के निर्माण में किसी भी प्रकार के कील या कांटे या अन्य किसी धातु का प्रयोग नहीं होता है.
Last Updated : Jun 26, 2021, 10:35 AM IST

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