भगवान जगन्नाथ का मुकुट ताहिया के बारे में जानें - how tahia being prepared
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पुरी रथ यात्रा के दौरान जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्ति को रथ यात्रा अनुष्ठान के लिए मंदिर से रथ में ले जाया जाता है, तो उनके सिर पर एक मुकुट सजा होता है. भगवान जगन्नाथ द्वारा पहना जाने वाला मुकुट ताहिया कहलाता है, जो रथ यात्रा अनुष्ठान का महत्वपूर्ण अंग है. ताहिया के रूप में जाना जाने वाला मुकुट बेंत, बांस की छड़, सोलापिथ, फूलों और रंगों से बना होता है. ताहिया को मूर्ति के सिर पर रखा जाता है, जब उसे मंदिर से रथ तक ले जाया जाता है और यह रथ यात्रा के अंत तक रहता है. मुकुट तैयार करने का जिम्मा सिर्फ कुशल कारीगरों को ही सौंपा जाता है. मुकुट का आकार पान के पत्ते जैसा होता है और इसकी ऊंचाई छह फीट से अधिक और परिधि 8.5 फीट होती है. ताहिया को आकार देने के लिए 37 कच्ची बांस की छड़ें कपास के तार के साथ एक साथ रखी जाती हैं.