आंदोलनरत किसान बनाने लगे झोपड़ियां, गर्मी से बचने का निकाला नायाब तरीका
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कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. सर्दियों में शुरू हुआ ये आंदोलन अब गर्मियों के मौसम तक आ पहुंचा है. ऐसे में सड़कों पर ठेरा डाले बैठे किसानों के लिए भी हर दिन मुश्किल होता है, लेकिन इन किसानों के पास हर बात का तोड़ है और हर मुश्किल से बाहर निकलने का हुनर. धरने पर बैठे किसानों ने पहले सर्दी और बारिश से बचने के लिए हाइवे पर ही पक्के मकान बना दिए थे. वहीं हाइवे पर पक्के मकान बने तो प्रशासन ने भी सख्त रुख अख्तियार किया और किसानों पर केस दर्ज कर दिए. जिस वजह से किसानों को पक्के मकान बनाने का काम रोकना पड़ा. वहीं अब किसानों ने बीच का रास्ता निकालते हुए हाइवे पर झोपड़ियां बनानी शुरू कर दी हैं. किसानों का कहना है कि पता नहीं आंदोलन कितना लंबा चलेगा. इसलिए पक्के मकान बनाने लगे थे, प्रशासन ने रोका तो झोपड़ी बनवानी शुरू कर दी. अब गर्मी और लू से बच रहे हैं. अगर खर्चे की बात करें तो एक बांस की सामान्य झोपड़ी बनाने में ही करीब 20 हजार का खर्चा हो रहा है. वहीं टीन से लेकर एल्युमिनियम की झोपड़ी और ट्राली के अंदर एसी से लेकर हाईटैक मकान तैयार हो गए हैं. कुछ किसानों ने अंदर से झोपड़ियों की मिट्टी से लिपाई कर रखी है, जिससे दीवारें ठंडी रहें.