अनोखा डॉग फेस्टिवल : यहां कुत्तों की उतारी जाती है आरती - Nepal Dog Festival
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इंसान का सबसे अच्छा दोस्त कुत्तों को माना जाता है और इसलिए नेपाल में कुत्तों का एक त्योहार भी है, जिसे यहां 'कुकुर तिहार' कहा (Kukur Tihar of Nepal) जाता है. नेपाल में कुकुर का मतलब होता है कुत्ता, और कुत्ते को 'यम देवता' का संदेशवाहक माना गया है. इसलिए लोग इस दिन कुत्तों की पूजा करते हैं. नेपाल के लोगों का मानना है कि मृत्यु के बाद कुत्ता आपकी रक्षा करता है. कुकुर तिहार के दौरान, लोग न केवल पालतू कुत्तों को बल्कि आवारा कुत्तों की भी आरती उतारते हैं. कुत्तों को माला पहनाई जाती है, उनके माथे पर टिका लगाया जाता है और उन्हें भरपूर भोजन दिया जाता है. नेपाल में हर जगह, कुकुर तिहार उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, जिसमें छोटे बच्चे कुत्तों को लाड़-प्यार करते हैं और उन्हें दूध, अंडे आदि जैसे बहुत सारे खाद्य पदार्थ खिलाते हैं. इस साल कुकुर तिहार दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को मनाया गया और हर साल की तरह नेपाल में भी लोगों ने उत्साह के साथ त्योहार मनाया. उत्सव में न केवल स्थानीय, बल्कि दुनिया भर के पर्यटकों ने भी भाग लिया. हिंदुओं के लिए, कुकुर तिहार का उत्सव इस विश्वास से जुड़ा है कि कुत्ते मृत्यु के देवता यमराज के दूत हैं और इन दिनों के दौरान लोग यमराज को खुश करने के लिए मनुष्य के सबसे वफादार दोस्त की पूजा करते हैं. कुत्तों को कई घरों में परिवार के सदस्यों के रूप में भी माना जाता है और मनुष्यों और कुत्तों के बीच के बंधन को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है, लेकिन केवल तभी महसूस किया जा सकता है जब आपके पास वह साथी हों.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:30 PM IST