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तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हो : विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 - no tobacco day theme

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि हर साल दुनिया भर में लगभग 8 मिलियन लोग तंबाकू के कारण अपनी जान गवां बैठते हैं, इनमें से लगभग 7 मिलियन वह लोग होते हैं जो तंबाकू का सेवन करते हैं वही लगभग 1.2  मिलियन लोग वह होते हैं जो किसी और माध्यम से या किसी अन्य व्यक्ति के कारण तंबाकू के धुएं के प्रभाव में आते हैं। स्वास्थ्य पर तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।

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विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021
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Published : May 31, 2021, 10:52 AM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के तत्वावधान में 7 अप्रैल 1988 को डब्ल्यूएचए42.19 नामक एक प्रस्ताव पारित किया गया था , जिसका उद्देश्य तंबाकू महामारी तथा इससे होने वाली बीमारियों की रोकथाम तथा इसके कारण होने वाली मृत्यु की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित कराना था। जिसके बाद से हर साल 31 मई को इस विशेष दिवस का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह विशेष दिवस ” तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध “ थीम पर मनाया जा रहा है।

जानकार और चिकित्सक बताते हैं कि धूम्रपान या किसी भी माध्यम से तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में से लगभग 50% लोगों को गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। यही नहीं वर्तमान कोरोना काल में भी ऐसे लोगों को कोरोना संक्रमण से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है जो बहुत ज्यादा मात्रा में धूम्रपान करते हो या तंबाकू का सेवन करते हो।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की डायरेक्टर जनरल डॉ टेडरोज एढ़ानोम घीब्रेयेसुस ने तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर जारी अपने संदेश में भी बताया कि तंबाकू या धूम्रपान की लत से छुटकारा पाकर लोग ना सिर्फ कोरोना जैसे जानलेवा संक्रमण से बल्कि कैंसर, हृदय रोग तथा स्वसन तंत्र संबंधी गंभीर समस्याओं से अपना बचाव कर सकते हैं। अपने संदेश में उन्होंने विश्व के सभी देशों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के तंबाकू निषेध अभियान का हिस्सा बनने तथा पूरे विश्व को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए लोगों को सही जानकारी, तंबाकू के नुकसान, उससे छुटकारा पाने के लिए सही सलाह तथा मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया।

आयुर्वेद में तंबाकू

तंबाकू को लेकर लोग हमेशा से ही यह जानते और मानते आए हैं कि इसका हद से ज्यादा उपयोग या इसकी लत शरीर पर गंभीर प्रभाव डालते हैं, जो सही भी है। लेकिन भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की मानें तो बहुत सी समस्याओं के उपचार में प्रयुक्त होने वाली औषधियों में निर्धारित मात्रा में तंबाकू का उपयोग कई बार फायदेमंद भी होता है। आयुर्वेदिक औषधियों तथा उपचार में तंबाकू की भूमिका को लेकर ईटीवी भारत सुखी भव की टीम ने ए.म.डी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज हैदराबाद की व्याख्याता तथा चिकित्सक डॉक्टर राज्य लक्ष्मी माधवम से बात की।

डॉक्टर राज्य लक्ष्मी बताती है कि तंबाकू एक ऐसी फसल के रूप में उगता है जिसका इस्तेमाल भोजन के रूप में नहीं किया जाता है। आयुर्वेद में तंबाकू को ताम्रपर्ण नाम से जाना जाता है।

प्राचीन आयुर्वेदिक शास्त्रों में औषधि के रूप में तंबाकू का उल्लेख नहीं मिलता है,क्योंकि तंबाकू का इस्तेमाल आयुर्वेद में काफी बाद में शुरू हुआ। यही नहीं किसी भी औषधि में यह सिर्फ आंशिक रूप से इस्तेमाल में लाया जाता है। डॉक्टर राज्य लक्ष्मी बताती हैं कि आयुर्वेदिक औषधियों में आमतौर पर इसकी सूखी हुई पत्तियों के चूर्ण का इस्तेमाल किया जाता है। उनके अनुसार ऐसी परिस्थितियां जिनमें औषधि के रूप में तंबाकू का इस्तेमाल किया जाता है इस प्रकार है।

  • तंबाकू की पत्तियों के चूर्ण को गर्म करके जोड़ों पर लगाने से उनमें जलन, सूजन और दर्द की समस्या कम होती है।
  • तंबाकू की पत्तियों के जले हुए पाउडर के धुए को सूंघने से सूखे कफ में फायदा मिलता है।
  • इसके चूर्ण का इस्तेमाल अवसाद जैसी मानसिक समस्या के इलाज में भी किया जा सकता है।
  • सर्पदंश यानी सांप के काटने पर तंबाकू की सूखी पत्तियों के चूर्ण को काटने वाले स्थान पर लगाया जाता है।
  • दांतों के स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए भी तंबाकू के चूर्ण का इस्तेमाल किया जा सकता है

दांत में दर्द होने पर इसके चूर्ण को उस स्थान पर लगाने से दर्द में काफी राहत मिलती है।

  • अगर तंबाकू की पत्तियों के चूर्ण को निर्देशित मात्रा में नाक के अंदरूनी हिस्से में रखा जाए तो साइनससाइटिस तथा सिर के दर्द मे राहत मिलती है।

डॉक्टर राज्यलक्ष्मी बताती हैं कि यहां यह जानना बहुत जरूरी है कि औषधियों में भी तंबाकू का उपयोग बहुत ही कम मात्रा में किया जाता है। तंबाकू या तंबाकू से युक्त औषधि का उपयोग कभी भी बगैर चिकित्सीय सलाह के नहीं करना चाहिए अन्यथा यह शरीर पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है।

तंबाकू के स्वास्थ्य संबंधी खतरे

डॉक्टर राज्यलक्ष्मी बताती है कि यदि तंबाकू का प्रतिदिन ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो व्यक्ति को इसकी लत लग जाती है जो सेहत के लिए काफी हानिकारक होती है। तंबाकू युक्त धूम्रपान करने से ना सिर्फ व्यक्ति के फेफड़ों पर असर पड़ता है बल्कि उसके शरीर के अन्य अंगों पर भी उसका असर नजर आता है। विशेष तौर पर वर्तमान में कोविड-19 के दौर में तंबाकू युक्त धूम्रपान तथा किसी पर माध्यम से तंबाकू का सेवन श्वसन तंत्र पर संक्रमण के प्रभाव को काफी ज्यादा बढ़ा सकता है। जिसके चलते व्यक्ति की जान पर भी खतरा बन सकता है।

तंबाकू के सेवन से होने वाले कुछ अन्य गंभीर रोग इस प्रकार हैं।

  • मुंह का कैंसर
  • फेफड़ों का कैंसर.
  • फेफड़ों से संबंधित विकार
  • हृदय रोग
  • तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार
  • मनोविकार आदि

तंबाकू की लत से कैसे पाए छुटकारा

तंबाकू का नियमित सेवन उस की लत लगा देता है, जिसे छोड़ने में व्यक्ति को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तंबाकू के लती महिला या पुरुष दोनों में इस लत के परिणाम स्वरूप कई बार जुनूनी लक्षण नजर आने लगते हैं जिसके चलते वे और ज्यादा मात्रा में तंबाकू का सेवन करने लगते हैं। डॉक्टर राज्य लक्ष्मी बताती हैं कि आयुर्वेद में कुछ औषधियां हैं जिनकी मदद से तंबाकू की लत से छुटकारा पाया जा सकता है जो इस प्रकार हैं।

  • वचा
  • शंखपुष्पी
  • आमलाकी
  • जटामांसी
  • मांडूकपारनी
  • अश्वगंधा

डॉक्टर राज्य लक्ष्मी बताती हैं कि यहां इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि तंबाकू का सेवन एकदम से ना छोड़े। इस लत से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति धीरे-धीरे इसकी मात्रा को कम करें तथा एक निर्धारित समय तय कर इसे छोड़ने का प्रयास करें। ऐसा करने से व्यक्ति के व्यवहार में विपरीत प्रभाव कम नजर आते हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी व्यक्ति को तंबाकू का सेवन करने की हद से ज्यादा इच्छा हो रही हो तो उसे सूखी हुई अदरक या कच्ची अजवाइन को चबाने के लिए दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सूखी हुई अदरक को नींबू, काली मिर्च में भिगोकर उसके बाद उसका सेवन करने से भी तबाकू खाने की इच्छा में कमी आती है। ऐसी अवस्था में हर्बल चाय या पौष्टिक भोजन की भी मदद ली जा सकती है। लेकिन बहुत जरूरी है कि इन सभी तरीकों को अपनाने से पहले व्यक्ति एक बार चिकित्सीय सलाह अवश्य ले ताकि वह सही तरीके से तंबाकू की आदत से छुटकारा पा सके।

निसंदेह तंबाकू का उपयोग शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है। इसलिए औषधि के रूप में अपने आप बिना चिकित्सीय सलाह के इसका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ना सिर्फ अपने स्वास्थ्य की रक्षा बल्कि दूसरों को भी तंबाकू के प्रभाव से बचाने के लिए बहुत जरूरी है कि लोग तंबाकू के किसी भी माध्यम में सेवन से दूरी बनाकर रखें।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के तत्वावधान में 7 अप्रैल 1988 को डब्ल्यूएचए42.19 नामक एक प्रस्ताव पारित किया गया था , जिसका उद्देश्य तंबाकू महामारी तथा इससे होने वाली बीमारियों की रोकथाम तथा इसके कारण होने वाली मृत्यु की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित कराना था। जिसके बाद से हर साल 31 मई को इस विशेष दिवस का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह विशेष दिवस ” तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध “ थीम पर मनाया जा रहा है।

जानकार और चिकित्सक बताते हैं कि धूम्रपान या किसी भी माध्यम से तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों में से लगभग 50% लोगों को गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। यही नहीं वर्तमान कोरोना काल में भी ऐसे लोगों को कोरोना संक्रमण से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है जो बहुत ज्यादा मात्रा में धूम्रपान करते हो या तंबाकू का सेवन करते हो।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की डायरेक्टर जनरल डॉ टेडरोज एढ़ानोम घीब्रेयेसुस ने तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर जारी अपने संदेश में भी बताया कि तंबाकू या धूम्रपान की लत से छुटकारा पाकर लोग ना सिर्फ कोरोना जैसे जानलेवा संक्रमण से बल्कि कैंसर, हृदय रोग तथा स्वसन तंत्र संबंधी गंभीर समस्याओं से अपना बचाव कर सकते हैं। अपने संदेश में उन्होंने विश्व के सभी देशों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के तंबाकू निषेध अभियान का हिस्सा बनने तथा पूरे विश्व को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए लोगों को सही जानकारी, तंबाकू के नुकसान, उससे छुटकारा पाने के लिए सही सलाह तथा मदद मुहैया कराने का अनुरोध किया।

आयुर्वेद में तंबाकू

तंबाकू को लेकर लोग हमेशा से ही यह जानते और मानते आए हैं कि इसका हद से ज्यादा उपयोग या इसकी लत शरीर पर गंभीर प्रभाव डालते हैं, जो सही भी है। लेकिन भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की मानें तो बहुत सी समस्याओं के उपचार में प्रयुक्त होने वाली औषधियों में निर्धारित मात्रा में तंबाकू का उपयोग कई बार फायदेमंद भी होता है। आयुर्वेदिक औषधियों तथा उपचार में तंबाकू की भूमिका को लेकर ईटीवी भारत सुखी भव की टीम ने ए.म.डी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज हैदराबाद की व्याख्याता तथा चिकित्सक डॉक्टर राज्य लक्ष्मी माधवम से बात की।

डॉक्टर राज्य लक्ष्मी बताती है कि तंबाकू एक ऐसी फसल के रूप में उगता है जिसका इस्तेमाल भोजन के रूप में नहीं किया जाता है। आयुर्वेद में तंबाकू को ताम्रपर्ण नाम से जाना जाता है।

प्राचीन आयुर्वेदिक शास्त्रों में औषधि के रूप में तंबाकू का उल्लेख नहीं मिलता है,क्योंकि तंबाकू का इस्तेमाल आयुर्वेद में काफी बाद में शुरू हुआ। यही नहीं किसी भी औषधि में यह सिर्फ आंशिक रूप से इस्तेमाल में लाया जाता है। डॉक्टर राज्य लक्ष्मी बताती हैं कि आयुर्वेदिक औषधियों में आमतौर पर इसकी सूखी हुई पत्तियों के चूर्ण का इस्तेमाल किया जाता है। उनके अनुसार ऐसी परिस्थितियां जिनमें औषधि के रूप में तंबाकू का इस्तेमाल किया जाता है इस प्रकार है।

  • तंबाकू की पत्तियों के चूर्ण को गर्म करके जोड़ों पर लगाने से उनमें जलन, सूजन और दर्द की समस्या कम होती है।
  • तंबाकू की पत्तियों के जले हुए पाउडर के धुए को सूंघने से सूखे कफ में फायदा मिलता है।
  • इसके चूर्ण का इस्तेमाल अवसाद जैसी मानसिक समस्या के इलाज में भी किया जा सकता है।
  • सर्पदंश यानी सांप के काटने पर तंबाकू की सूखी पत्तियों के चूर्ण को काटने वाले स्थान पर लगाया जाता है।
  • दांतों के स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए भी तंबाकू के चूर्ण का इस्तेमाल किया जा सकता है

दांत में दर्द होने पर इसके चूर्ण को उस स्थान पर लगाने से दर्द में काफी राहत मिलती है।

  • अगर तंबाकू की पत्तियों के चूर्ण को निर्देशित मात्रा में नाक के अंदरूनी हिस्से में रखा जाए तो साइनससाइटिस तथा सिर के दर्द मे राहत मिलती है।

डॉक्टर राज्यलक्ष्मी बताती हैं कि यहां यह जानना बहुत जरूरी है कि औषधियों में भी तंबाकू का उपयोग बहुत ही कम मात्रा में किया जाता है। तंबाकू या तंबाकू से युक्त औषधि का उपयोग कभी भी बगैर चिकित्सीय सलाह के नहीं करना चाहिए अन्यथा यह शरीर पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है।

तंबाकू के स्वास्थ्य संबंधी खतरे

डॉक्टर राज्यलक्ष्मी बताती है कि यदि तंबाकू का प्रतिदिन ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाए तो व्यक्ति को इसकी लत लग जाती है जो सेहत के लिए काफी हानिकारक होती है। तंबाकू युक्त धूम्रपान करने से ना सिर्फ व्यक्ति के फेफड़ों पर असर पड़ता है बल्कि उसके शरीर के अन्य अंगों पर भी उसका असर नजर आता है। विशेष तौर पर वर्तमान में कोविड-19 के दौर में तंबाकू युक्त धूम्रपान तथा किसी पर माध्यम से तंबाकू का सेवन श्वसन तंत्र पर संक्रमण के प्रभाव को काफी ज्यादा बढ़ा सकता है। जिसके चलते व्यक्ति की जान पर भी खतरा बन सकता है।

तंबाकू के सेवन से होने वाले कुछ अन्य गंभीर रोग इस प्रकार हैं।

  • मुंह का कैंसर
  • फेफड़ों का कैंसर.
  • फेफड़ों से संबंधित विकार
  • हृदय रोग
  • तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार
  • मनोविकार आदि

तंबाकू की लत से कैसे पाए छुटकारा

तंबाकू का नियमित सेवन उस की लत लगा देता है, जिसे छोड़ने में व्यक्ति को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तंबाकू के लती महिला या पुरुष दोनों में इस लत के परिणाम स्वरूप कई बार जुनूनी लक्षण नजर आने लगते हैं जिसके चलते वे और ज्यादा मात्रा में तंबाकू का सेवन करने लगते हैं। डॉक्टर राज्य लक्ष्मी बताती हैं कि आयुर्वेद में कुछ औषधियां हैं जिनकी मदद से तंबाकू की लत से छुटकारा पाया जा सकता है जो इस प्रकार हैं।

  • वचा
  • शंखपुष्पी
  • आमलाकी
  • जटामांसी
  • मांडूकपारनी
  • अश्वगंधा

डॉक्टर राज्य लक्ष्मी बताती हैं कि यहां इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि तंबाकू का सेवन एकदम से ना छोड़े। इस लत से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति धीरे-धीरे इसकी मात्रा को कम करें तथा एक निर्धारित समय तय कर इसे छोड़ने का प्रयास करें। ऐसा करने से व्यक्ति के व्यवहार में विपरीत प्रभाव कम नजर आते हैं। इसके अतिरिक्त यदि किसी व्यक्ति को तंबाकू का सेवन करने की हद से ज्यादा इच्छा हो रही हो तो उसे सूखी हुई अदरक या कच्ची अजवाइन को चबाने के लिए दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सूखी हुई अदरक को नींबू, काली मिर्च में भिगोकर उसके बाद उसका सेवन करने से भी तबाकू खाने की इच्छा में कमी आती है। ऐसी अवस्था में हर्बल चाय या पौष्टिक भोजन की भी मदद ली जा सकती है। लेकिन बहुत जरूरी है कि इन सभी तरीकों को अपनाने से पहले व्यक्ति एक बार चिकित्सीय सलाह अवश्य ले ताकि वह सही तरीके से तंबाकू की आदत से छुटकारा पा सके।

निसंदेह तंबाकू का उपयोग शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है। इसलिए औषधि के रूप में अपने आप बिना चिकित्सीय सलाह के इसका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ना सिर्फ अपने स्वास्थ्य की रक्षा बल्कि दूसरों को भी तंबाकू के प्रभाव से बचाने के लिए बहुत जरूरी है कि लोग तंबाकू के किसी भी माध्यम में सेवन से दूरी बनाकर रखें।

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