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संघर्ष और उम्मीद को चिन्हित करता है गुलाबी रिबन : विश्व स्तन कैंसर माह

स्तन कैंसर लोगों के लिए कोई अनजाना नाम नहीं है. लेकिन स्तन कैंसर को लेकर लोगों के पास जानकारियां कम और भ्रम ज्यादा है. लोगों के मन में व्याप्त इन्हीं नियमों को दूर करने तथा सही जानकारी देने के उद्देश्य से हर साल अक्टूबर महीने में दुनिया भर में 'विश्व स्तन कैंसर माह' मनाया जाता है.

world breast cancer awareness month
विश्व स्तन कैंसर जागरूकता माह
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Published : Oct 19, 2020, 11:11 AM IST

अक्टूबर महीने में हम कई बार सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा कुछ विशेष विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को गुलाबी रंग के रिबन का बो पहने देखते हैं. दरअसल गुलाबी रंग का रिबन स्तन कैंसर से संघर्ष कर रहे लोगों द्वारा जीने की जद्दोजहद में उनके लगातार प्रयासों तथा उम्मीदों को चिन्हित करता है. ऐसा नहीं है कि स्तन कैंसर सिर्फ महिलाओं को होता है, पुरुषों को नहीं, लेकिन पुरुषों में इसके मामले अपेक्षाकृत कम देखने में आते हैं. स्तन कैंसर को लेकर महिलाओं और पुरुषों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल अक्टूबर महीने को 'विश्व स्तन कैंसर माह' के रूप में मनाया जाता है. स्तन कैंसर के बारे में लोग जानते तो हैं, लेकिन इस बीमारी को लेकर बहुत से भ्रम और गलत जानकारियां भी लोगों में फैली हुई है. इसके लिए स्तन कैंसर के बारे में सही जानकारी लेने के उद्देश्य से ETV भारत सुखीभवा की टीम ने उषालक्ष्मी ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन के संस्थापक, सीईओ तथा निदेशक डॉ. पी रघुराम से बात की.

स्तन कैंसर माह

इंडियन इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड एवोल्यूशन के एक सर्वे के अनुसार भारत में 2013 में 47 हजार 587 महिलाओं की मौत सिर्फ स्तन कैंसर से हुई थी. तब से लगातार स्तन कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. चिकित्सकों की मानें तो महिलाओं के बीच कैंसर में सबसे अधिक स्तन कैंसर के मामले देखने में आते हैं. कैंसर के लिए जांच कराने वाली महिलाओं में लगभग 36 से 38 प्रतिशत मामले स्तन कैंसर के ही सामने आते हैं. स्तन कैंसर के साथ सबसे चिंताजनक बात यह है कि ज्यादातर मामलों में इस रोग के बारे में रोगी की स्थिति गंभीर होने के बाद ही पता चलता है.

2008 में आयोजित हुए आईएआरसी के ग्लोबोकॉन में पता चला की दुनिया भर में हर साल स्तन कैंसर से लगभग 1.38 मिलियन नए मामले सामने आते हैं और लगभग 4 लाख 58 हजार मौतें इस रोग के कारण होती हैं. इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए हर साल 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक 'विश्व स्तन कैंसर जागरूकता माह' के तौर पर मनाया जाता है.

स्तन कैंसर से जुड़े तथ्य और भ्रम

facts related to breast cancer
स्तन कैंसर से जुड़े तथ्य

सुखीभवा की टीम के साथ चर्चा करते हुए डॉक्टर पी रघुराम ने बताया कि स्तन कैंसर के लक्षणों तथा उसके उपचार को लेकर लोगों के मन में काफी भ्रम व्याप्त है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

भ्रम

स्तनों में सभी गांठे स्तन कैंसर के कारण होती हैं.

तथ्य

डॉ. रघुराम बताते हैं कि 10 में से केवल 1 प्रतिशत लोग होते हैं, जिनके स्तनों में पाए जाने वाली गांठे कैंसर हो सकती है. लेकिन फिर भी बहुत जरूरी है कि स्तन में किसी भी प्रकार की गांठ महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह ली जाए. अपने स्तनों की पूरी जांच तथा बाइलेटरल मैमोग्राफी तथा अल्ट्रासाउंड करवाया जाए. इन जांचों में कोई समस्या निकलने पर चिकित्सक गांठ की बायोप्सी कराने की सलाह देते हैं.

भ्रम

स्तन कैंसर सिर्फ बुजुर्ग महिलाओं को होता है.

तथ्य

यह सही है कि स्तन कैंसर से शिकार होने वाली महिलाओं की उम्र 40 वर्ष से ऊपर मानी जाती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि कम उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर नहीं हो सकता है. आजकल कम उम्र की लड़कियों तथा महिलाओं में भी स्तन कैंसर के मामले देखे जाने लगे हैं.

भ्रम

स्तन कैंसर पुरुषों को नहीं होता है.

तथ्य

पुरुषों में स्तन कैंसर की घटनाओं को लेकर लोगों में जानकारी ना के बराबर है. दरअसल महिलाओं और पुरुषों दोनों के स्तनों में ही ब्रेस्ट टिशु पाए जाते हैं, और दोनों में ही स्तन कैंसर होने का खतरा बना रहता है, लेकिन महिलाओं का शरीर ऐसी बीमारियों के लिए ज्यादा संवेदनशील होता है. इसलिए महिलाओं में स्तन कैंसर की समस्या पुरुषों के मुकाबले अधिक देखने में आती हैं. आंकड़ों की माने तो हर साल यूनाइटेड किंगडम में पुरुषों में स्तन कैंसर के लगभग 300 नए मामले सामने आते हैं, जिन्हें दुनिया भर में संज्ञान में आने वाले मामलों का 1 प्रतिशत माना जाता है.

भ्रम

स्तन कैंसर होने के कारणों से लोग वाकिफ हैं.

तथ्य

स्तन कैंसर के बारे में आमजन तो क्या चिकित्सक भी ज्यादा बेहतर तरीके से जानकारी नहीं दे पाते हैं. लेकिन बढ़ती उम्र के कारण महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव तथा असमान्यताओं को स्तन कैंसर के मुख्य कारणों में गिना जाता है.

स्तन कैंसर से जुड़े अन्य संवेदनशील कारण

  • जिन लोगों के माता-पिता या अन्य रक्त संबंधियों में स्तन कैंसर पाया जाता है, उन्हें भी स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. कहने का तात्पर्य यह है कि स्तन कैंसर होने का एक कारण अनुवांशिक भी हो सकता है.
  • यदि बच्चियों का 12 साल की उम्र से काफी पहले से ही मासिक चक्र शुरू हो जाए, माना जाता है कि इस अवस्था में महिलाओं में स्तन कैंसर होने की संभावनाएं अधिक होती हैं.
  • मेनोपॉज के कारण शरीर में होने वाली हार्मोनल तथा अन्य समस्याएं.
  • बच्चों का ना होना या फिर 30 साल से अधिक उम्र में बच्चे का जन्म होना.
  • मोटापा तथा अधिक वजन.

अक्टूबर महीने में हम कई बार सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा कुछ विशेष विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को गुलाबी रंग के रिबन का बो पहने देखते हैं. दरअसल गुलाबी रंग का रिबन स्तन कैंसर से संघर्ष कर रहे लोगों द्वारा जीने की जद्दोजहद में उनके लगातार प्रयासों तथा उम्मीदों को चिन्हित करता है. ऐसा नहीं है कि स्तन कैंसर सिर्फ महिलाओं को होता है, पुरुषों को नहीं, लेकिन पुरुषों में इसके मामले अपेक्षाकृत कम देखने में आते हैं. स्तन कैंसर को लेकर महिलाओं और पुरुषों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल अक्टूबर महीने को 'विश्व स्तन कैंसर माह' के रूप में मनाया जाता है. स्तन कैंसर के बारे में लोग जानते तो हैं, लेकिन इस बीमारी को लेकर बहुत से भ्रम और गलत जानकारियां भी लोगों में फैली हुई है. इसके लिए स्तन कैंसर के बारे में सही जानकारी लेने के उद्देश्य से ETV भारत सुखीभवा की टीम ने उषालक्ष्मी ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन के संस्थापक, सीईओ तथा निदेशक डॉ. पी रघुराम से बात की.

स्तन कैंसर माह

इंडियन इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड एवोल्यूशन के एक सर्वे के अनुसार भारत में 2013 में 47 हजार 587 महिलाओं की मौत सिर्फ स्तन कैंसर से हुई थी. तब से लगातार स्तन कैंसर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. चिकित्सकों की मानें तो महिलाओं के बीच कैंसर में सबसे अधिक स्तन कैंसर के मामले देखने में आते हैं. कैंसर के लिए जांच कराने वाली महिलाओं में लगभग 36 से 38 प्रतिशत मामले स्तन कैंसर के ही सामने आते हैं. स्तन कैंसर के साथ सबसे चिंताजनक बात यह है कि ज्यादातर मामलों में इस रोग के बारे में रोगी की स्थिति गंभीर होने के बाद ही पता चलता है.

2008 में आयोजित हुए आईएआरसी के ग्लोबोकॉन में पता चला की दुनिया भर में हर साल स्तन कैंसर से लगभग 1.38 मिलियन नए मामले सामने आते हैं और लगभग 4 लाख 58 हजार मौतें इस रोग के कारण होती हैं. इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए हर साल 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक 'विश्व स्तन कैंसर जागरूकता माह' के तौर पर मनाया जाता है.

स्तन कैंसर से जुड़े तथ्य और भ्रम

facts related to breast cancer
स्तन कैंसर से जुड़े तथ्य

सुखीभवा की टीम के साथ चर्चा करते हुए डॉक्टर पी रघुराम ने बताया कि स्तन कैंसर के लक्षणों तथा उसके उपचार को लेकर लोगों के मन में काफी भ्रम व्याप्त है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

भ्रम

स्तनों में सभी गांठे स्तन कैंसर के कारण होती हैं.

तथ्य

डॉ. रघुराम बताते हैं कि 10 में से केवल 1 प्रतिशत लोग होते हैं, जिनके स्तनों में पाए जाने वाली गांठे कैंसर हो सकती है. लेकिन फिर भी बहुत जरूरी है कि स्तन में किसी भी प्रकार की गांठ महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह ली जाए. अपने स्तनों की पूरी जांच तथा बाइलेटरल मैमोग्राफी तथा अल्ट्रासाउंड करवाया जाए. इन जांचों में कोई समस्या निकलने पर चिकित्सक गांठ की बायोप्सी कराने की सलाह देते हैं.

भ्रम

स्तन कैंसर सिर्फ बुजुर्ग महिलाओं को होता है.

तथ्य

यह सही है कि स्तन कैंसर से शिकार होने वाली महिलाओं की उम्र 40 वर्ष से ऊपर मानी जाती है. लेकिन ऐसा नहीं है कि कम उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर नहीं हो सकता है. आजकल कम उम्र की लड़कियों तथा महिलाओं में भी स्तन कैंसर के मामले देखे जाने लगे हैं.

भ्रम

स्तन कैंसर पुरुषों को नहीं होता है.

तथ्य

पुरुषों में स्तन कैंसर की घटनाओं को लेकर लोगों में जानकारी ना के बराबर है. दरअसल महिलाओं और पुरुषों दोनों के स्तनों में ही ब्रेस्ट टिशु पाए जाते हैं, और दोनों में ही स्तन कैंसर होने का खतरा बना रहता है, लेकिन महिलाओं का शरीर ऐसी बीमारियों के लिए ज्यादा संवेदनशील होता है. इसलिए महिलाओं में स्तन कैंसर की समस्या पुरुषों के मुकाबले अधिक देखने में आती हैं. आंकड़ों की माने तो हर साल यूनाइटेड किंगडम में पुरुषों में स्तन कैंसर के लगभग 300 नए मामले सामने आते हैं, जिन्हें दुनिया भर में संज्ञान में आने वाले मामलों का 1 प्रतिशत माना जाता है.

भ्रम

स्तन कैंसर होने के कारणों से लोग वाकिफ हैं.

तथ्य

स्तन कैंसर के बारे में आमजन तो क्या चिकित्सक भी ज्यादा बेहतर तरीके से जानकारी नहीं दे पाते हैं. लेकिन बढ़ती उम्र के कारण महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव तथा असमान्यताओं को स्तन कैंसर के मुख्य कारणों में गिना जाता है.

स्तन कैंसर से जुड़े अन्य संवेदनशील कारण

  • जिन लोगों के माता-पिता या अन्य रक्त संबंधियों में स्तन कैंसर पाया जाता है, उन्हें भी स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. कहने का तात्पर्य यह है कि स्तन कैंसर होने का एक कारण अनुवांशिक भी हो सकता है.
  • यदि बच्चियों का 12 साल की उम्र से काफी पहले से ही मासिक चक्र शुरू हो जाए, माना जाता है कि इस अवस्था में महिलाओं में स्तन कैंसर होने की संभावनाएं अधिक होती हैं.
  • मेनोपॉज के कारण शरीर में होने वाली हार्मोनल तथा अन्य समस्याएं.
  • बच्चों का ना होना या फिर 30 साल से अधिक उम्र में बच्चे का जन्म होना.
  • मोटापा तथा अधिक वजन.
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