तिरुवनंतपुरम : रविवार को एक महिला की मौत के बाद दो हफ्तों में केरल में डेंगू और रैट फीवर के साथ साथ टोमैटो फीवर का खतरा तेजी से फैल रहा है. जिससे मरने वालों की संख्या 23 हो गई है. अधिकारियों ने कहा कि पठानमथिट्टा जिले के कोडुमंचिरा की सुजाता (50) की रविवार सुबह कोट्टायम मेडिकल कॉलेज में रैट फीवर के कारण मौत हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि कई लोग डेंगू और रैट फीवर सहित विभिन्न बुखारों के कारण राज्य भर के अस्पतालों में भर्ती हैं और बैक्टीरिया का संक्रमण भी फैल रहा है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को निर्देश जारी किया है कि वे स्वयं दवा का सहारा न लें और चिकित्सक से परामर्श लें. कुछ दिनों में राज्य भर से कम से कम 877 डेंगू बुखार के मामले सामने आए हैं.
स्थानीय प्रशासन मानसून से पहले जल निकायों और नालों को साफ करने में विफल रहा है और इससे मच्छरों और चूहों की उपस्थिति में वृद्धि हुई है, इससे संक्रामक रोग फैल रहे हैं. केरल की वाणिज्यिक राजधानी, कोच्चि शहर के सभी क्षेत्रों में बढ़ते कचरे के ढेर के साथ अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दे से जूझ रहा है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने खेतों में काम करने वाले लोगों से चूहे के काटने से बचने के लिए दस्ताने पहनने और जूते पहनने और सप्ताह में एक बार 'डॉक्सीसाइक्लिन' टैबलेट का सेवन करने को कहा है. राज्य में बुखार के मामलों में वृद्धि और मरने वालों की संख्या बढ़ने के साथ, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बुखार को नियंत्रण में लाने के लिए एक मिशन शुरू किया है.
इसके अलावा केरल के कोल्लम से टोमैटो फीवर के केस सामने आए हैं. कहा जा रहा है कि अब तक 82 लोग इस खतरनाक बिमारी के शिकार हो चुके हैं. केरल सरकार की रिपोर्ट को मानें तो टोमैटो फीवर के मामले सबसे ज्यादा 5 साल या उससे कम उम्र के बच्चों में दिखायी दे रहे हैं, जिसकी पुष्टि कोल्लम के एक सरकारी अस्पताल ने भी की है. हालांकि अभी तक ये क्लीयर नहीं हो पा रहा है कि ये बीमारी चिकनगुनिया या डेंगू जैसी ही कोई बीमारी है या कोई नई बिमारी है.
केरल में सबसे ज्यादा मामले
टोमैटो फीवर के मामले को वायरल फ्लू कहा जा रहा है, जो ज्यादातर बच्चों में दिख रहा है. इस बिमारी से ग्रसित बच्चों के शरीर में टमाटर के रंग के चकत्ते निकलते देखे जा रहे हैं और इससे स्किन में जलन भी शुरू हो जाती है. साथ ही साथ मरीज का मुंह सूखने लगता है और प्यास भी नहीं लगती है. ऐसा होने से बच्चों के शरीर में पानी की कमी दिखायी देने लगती है. उसके अलावा तेज बुखार, बदन में दर्द, जोड़ों में दर्द और मुंह में छाले भी दिखायी दिया करते हैं.
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--आईएएनएस के इनपुट के साथ