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पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में लेगा कोविड का ब्रिटेन वेरिएंट : वैज्ञानिक - वैक्सीन नए वैरिएंट्स के खिलाफ असरदार

ब्रिटेन वेरिएंट के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इसके वैश्विक प्रकोप की संभावना जताई जा रही है. इस वायरस से संक्रमण फैलने के बाद संभावना है कि यह अपना रूप बदल लेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि वैरिएंट प्रारंभिक चरण पर अधिक खतरनाक है.

Possibility of global spread of UK variants
ब्रिटेन वेरिएंट के वैश्विक प्रसार की आशंका
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Published : Feb 12, 2021, 7:40 PM IST

ब्रिटेन के आनुवंशिक निगरानी कार्यक्रम (जेनेटिक सर्विलांस प्रोग्राम) के प्रमुख का मानना है कि ब्रिटेन के 'केन्ट' क्षेत्र में सबसे पहले मिला कोरोना वायरस का नया रूप चिंता का विषय बन गया है. कोविड-19 जेनोमिक्स यूके कंसोर्टियम के डायरेक्टर शेरोन पीकॉक ने बीबीसी को बताया, 'कोरोना का यह केन्ट वैरिएंट देश में फैल चुका है और इस बात की पूरी संभावना है कि यह पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लेगा.'

उन्होंने कहा, 'जब हम काफी संख्या में इस वायरस से संक्रमित हो चुके होंगे यह फिर ये खुद ही अपना रूप बदल लेगा, उसके बाद हम इसके बारे में चिंता करना रोक सकते हैं. लेकिन, मैं यह सोचता हूं कि भविष्य को देखते हुए इसके लिए वर्षों लग जाएंगे. इसमें दस साल लग सकते हैं.'

पीकॉक ने वैक्सीन को नए वैरिएंट्स के खिलाफ असरदार भी बताया.

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में इस्तेमाल होने वाले टीकों को देश में वायरस के मौजूदा वैरिएंट के खिलाफ काम करने के लिए तैयार किया गया है.

इस हफ्ते, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषणा की है कि बी.1.1.7 के रूप में जाना जाने वाला कोविड-19 वेरिएंट 86 देशों में रिपोर्ट किया गया है.

विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य निकाय का मानना है कि यह वैरिएंट प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर अधिक खतरनाक है.

सात फरवरी तक और भी छह देशों में नए वेरिएंट के मामलों की सूचना मिली है.

एक नई स्टडी में यह भी बताया गया है कि ब्रिटेन वेरिएंट अमेरिका में तेजी से फैल रहा है. अमेरिका पहले ही कोरोनावायरस संक्रमण से उबर नहीं पाया है, ऐसे में उसके लिए यह चिंताजनक है.

ब्रिटेन के आनुवंशिक निगरानी कार्यक्रम (जेनेटिक सर्विलांस प्रोग्राम) के प्रमुख का मानना है कि ब्रिटेन के 'केन्ट' क्षेत्र में सबसे पहले मिला कोरोना वायरस का नया रूप चिंता का विषय बन गया है. कोविड-19 जेनोमिक्स यूके कंसोर्टियम के डायरेक्टर शेरोन पीकॉक ने बीबीसी को बताया, 'कोरोना का यह केन्ट वैरिएंट देश में फैल चुका है और इस बात की पूरी संभावना है कि यह पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लेगा.'

उन्होंने कहा, 'जब हम काफी संख्या में इस वायरस से संक्रमित हो चुके होंगे यह फिर ये खुद ही अपना रूप बदल लेगा, उसके बाद हम इसके बारे में चिंता करना रोक सकते हैं. लेकिन, मैं यह सोचता हूं कि भविष्य को देखते हुए इसके लिए वर्षों लग जाएंगे. इसमें दस साल लग सकते हैं.'

पीकॉक ने वैक्सीन को नए वैरिएंट्स के खिलाफ असरदार भी बताया.

उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में इस्तेमाल होने वाले टीकों को देश में वायरस के मौजूदा वैरिएंट के खिलाफ काम करने के लिए तैयार किया गया है.

इस हफ्ते, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषणा की है कि बी.1.1.7 के रूप में जाना जाने वाला कोविड-19 वेरिएंट 86 देशों में रिपोर्ट किया गया है.

विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य निकाय का मानना है कि यह वैरिएंट प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर अधिक खतरनाक है.

सात फरवरी तक और भी छह देशों में नए वेरिएंट के मामलों की सूचना मिली है.

एक नई स्टडी में यह भी बताया गया है कि ब्रिटेन वेरिएंट अमेरिका में तेजी से फैल रहा है. अमेरिका पहले ही कोरोनावायरस संक्रमण से उबर नहीं पाया है, ऐसे में उसके लिए यह चिंताजनक है.

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