कोविड-19 का केंट वैरिएंट- बी.1.1.7 जो दुनियाभर में फैलने से पहले पिछले साल समूचे ब्रिटेन में फैल गया था, का मृत्युदर ऊंची रहने से संबंध है। यह बात एक शोध से पता चली। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित अध्ययन ने संकेत दिया कि ब्रिटेन में केंट वैरिएंट की मौजूदगी कई इलाकों में 30 से 100 प्रतिशत के बीच है और यह पिछले वायरस स्ट्रेन की तुलना में अधिक घातक है।
एक्सेटर विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक रॉबर्ट चैलेंन ने कहा, 'समुदाय में कोविड-19 से मौत अभी भी एक दुर्लभ घटना है, लेकिन बी.1.1.7 संस्करण जोखिम उठाता है। तेजी से फैलने की अपनी क्षमता के साथ मिलकर यह बी.1.1.7 को एक खतरा बनाता है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
केंट वैरिएंट, जिसे पहली बार सितंबर, 2020 में यूके में पाया गया था, की पहचान काफी तेज और फैलने में आसान के रूप में की गई है, और जनवरी से पूरे ब्रिटेन में नए लॉकडाउन नियमों की शुरुआत के पीछे था, शोधकर्ताओं ने कहा।
अनुसंधान दल ने अध्ययन के लिए वायरस के नए वैरिएंट से संक्रमित लोगों और दूसरे स्ट्रेन से संक्रमित लोगों के बीच मृत्युदर की तुलना की।
अध्ययन से पता चला है कि नए वैरिएंट से संक्रमित 54,906 रोगियों में से 227 की मौत हुई, जबकि दूसरे स्ट्रेन से 141 की मौत हुई।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस विश्लेषण से सरकारों और स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि नए वैरिएंट का दुनियाभर में 50 से अधिक देशों में पता चल चुका है।
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अध्ययन से पता चलता है कि केंट स्ट्रेन की उच्च संप्रेषण क्षमता (हाइयर ट्रांसमिसिबिलिटी) के कारण ऐसे और लोग, जिन्हें पहले कम जोखिम होने का अनुमान था, वे भी नए वैरिएंट से संक्रमित हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
(सौजन्य : आईएएनएस)