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लॉक डाउन में बढ़ी पुरुषों में यौनिक अस्वस्थता

कोविड़-19 के साएं में बीते ये चंद महीने पुरुषों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर काफी भारी रहें हैं. तमाम अनिश्चितताओं के समुद्र में गोता खा रहा पुरुष जाने अनजाने बहुत सी बीमारियों को अपनी ओर आकर्षित कर बैठा है. मोटापा, तनाव और बेचैनी के साथ-साथ एक और समस्या है, जो पुरुषों में बहुत देखने को मिल रही है, वह है सेक्स संबंधों के प्रति उदासीनता.

Male sexual health
पुरुष यौन स्वास्थ्य
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Published : Jul 4, 2020, 4:34 PM IST

कोरोना काल में तमाम तरह की अनिश्चितताओं, तनाव, अवसाद और आलस से भारी जीवन शैली के चलते लोगों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ा है. जहां एक ओर महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही मानसिक तनाव तथा शारीरिक असवस्थता जैसी परेशानियों के लक्षण नजर आए हैं. वही पुरुषों के यौनिक स्वास्थ्य पर भी काफी नकारात्मक असर पड़ा.

एन्ड्रो केयर एण्ड एन्डरोलॉजी संस्थान हैदराबाद के एन्डरोलॉजिस्ट(पुरुष यौनिक सलाहकार) डॉ. राहुल रेड्डी बताते है की लॉक डाउन के दूसरे चरण के बाद से ही चिकित्सकों के पास यौन समस्याओं को लेकर सलाह मांगने वाले पुरुषों की संख्या बढ़ी है. ज्यादातर पुरुष यौनेच्छा में कमी और आंशिक तौर पर इरेकटाईल डिसफंक्शन(नपुंसकता) की समस्या से पीड़ित हैं. डॉ. रेड्डी बताते हैं की लॉक डाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम शैली के चलते ज्यादातर पुरुष एक आलस से भरी अस्वस्थ जीवन शैली जी रहे थे. बगैर किसी प्रकार की कसरत, बेसमय कुछ भी खाना,जरूरत से ज्यादा अल्कोहल यानि शराब का सेवन करने तथा अत्यधिक तनाव के कारण उनके शरीर में सेक्स हार्मोन टेस्टोंस्टेरॉन में कमी आई है. यौन इच्छा में कमी लाने वाले प्रोलेक्टिन स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है. इसके अलावा ज्यादातर समय घर के अंदर रहने के कारण पुरुषों में विटामिन डी की कमी भी देखने सुनने में आई है. डॉ. रेड्डी कहते हैं कि महिलायें हो या पुरुष अपने निजी रिश्तों तथा मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को तभी बरकरार रख सकते हैं जब वें एक स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के मालिक हों.

मनोवैज्ञानिक डॉ. वीना कृष्णन भी वर्तमान परिस्थतियों में पुरुषों में बढ़ती इरेकटाईल डिसफंक्शन यानि नपुंसकता तथा कामेच्छा में कमी का कारण अस्वस्थ जीवन शैली और मानसिक तनाव को मानती हैं. वे कहती हैं कोरोना काल के दौरान 24घंटे घर में रहने, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलना जुलना न होने, आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक अनिश्चितता से उत्पन्न डर और निराशा ने लोगों की सोच को काफी हद तक नकारात्मक बनाया है. उस पर बिना किसी संयमित दिनचर्या के असमय खानेपीने तथा कभी भी सोने ओर जागने की आदतों ने उसके शारीरिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डाला है. व्यक्ति का यौनिक स्वास्थ्य उसके मानसिक ओर शारीरिक स्वास्थ्य पर ही निर्भर करता हैं. यदि तन और मन स्वस्थ होगा तभी जीवन भी सुन्दर और निरोग होगा. इसके लिए जरूरी है नियमित और संयमित दिनचर्या,नियमित कसरत या योग तथा शराब या किसी अन्य प्रकार के नशे से दूरी बना कर राखी जाए.

कोरोना काल में तमाम तरह की अनिश्चितताओं, तनाव, अवसाद और आलस से भारी जीवन शैली के चलते लोगों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ा है. जहां एक ओर महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही मानसिक तनाव तथा शारीरिक असवस्थता जैसी परेशानियों के लक्षण नजर आए हैं. वही पुरुषों के यौनिक स्वास्थ्य पर भी काफी नकारात्मक असर पड़ा.

एन्ड्रो केयर एण्ड एन्डरोलॉजी संस्थान हैदराबाद के एन्डरोलॉजिस्ट(पुरुष यौनिक सलाहकार) डॉ. राहुल रेड्डी बताते है की लॉक डाउन के दूसरे चरण के बाद से ही चिकित्सकों के पास यौन समस्याओं को लेकर सलाह मांगने वाले पुरुषों की संख्या बढ़ी है. ज्यादातर पुरुष यौनेच्छा में कमी और आंशिक तौर पर इरेकटाईल डिसफंक्शन(नपुंसकता) की समस्या से पीड़ित हैं. डॉ. रेड्डी बताते हैं की लॉक डाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम शैली के चलते ज्यादातर पुरुष एक आलस से भरी अस्वस्थ जीवन शैली जी रहे थे. बगैर किसी प्रकार की कसरत, बेसमय कुछ भी खाना,जरूरत से ज्यादा अल्कोहल यानि शराब का सेवन करने तथा अत्यधिक तनाव के कारण उनके शरीर में सेक्स हार्मोन टेस्टोंस्टेरॉन में कमी आई है. यौन इच्छा में कमी लाने वाले प्रोलेक्टिन स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है. इसके अलावा ज्यादातर समय घर के अंदर रहने के कारण पुरुषों में विटामिन डी की कमी भी देखने सुनने में आई है. डॉ. रेड्डी कहते हैं कि महिलायें हो या पुरुष अपने निजी रिश्तों तथा मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को तभी बरकरार रख सकते हैं जब वें एक स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के मालिक हों.

मनोवैज्ञानिक डॉ. वीना कृष्णन भी वर्तमान परिस्थतियों में पुरुषों में बढ़ती इरेकटाईल डिसफंक्शन यानि नपुंसकता तथा कामेच्छा में कमी का कारण अस्वस्थ जीवन शैली और मानसिक तनाव को मानती हैं. वे कहती हैं कोरोना काल के दौरान 24घंटे घर में रहने, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलना जुलना न होने, आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक अनिश्चितता से उत्पन्न डर और निराशा ने लोगों की सोच को काफी हद तक नकारात्मक बनाया है. उस पर बिना किसी संयमित दिनचर्या के असमय खानेपीने तथा कभी भी सोने ओर जागने की आदतों ने उसके शारीरिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डाला है. व्यक्ति का यौनिक स्वास्थ्य उसके मानसिक ओर शारीरिक स्वास्थ्य पर ही निर्भर करता हैं. यदि तन और मन स्वस्थ होगा तभी जीवन भी सुन्दर और निरोग होगा. इसके लिए जरूरी है नियमित और संयमित दिनचर्या,नियमित कसरत या योग तथा शराब या किसी अन्य प्रकार के नशे से दूरी बना कर राखी जाए.

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