आजकल दुनिया के तमाम देशों में कोरोना महामारी ने कहर मचा रखा है. यूरोप सहित कई देश महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं. ऐसे में उन देशों में फिर से लॉकडाउन और कर्फ्यू लगाया जा रहा है. फ्रांस व ब्रिटेन आदि में स्थिति बहुत नाजुक बनी हुई है, जबकि अमेरिका की हालत हम पहले से जानते हैं.
इस बीच चीन ने सटीक प्रबंधन और सख्त कदमों से कोविड-19 महामारी को लगभग पूरी तरह नियंत्रण में कर लिया है. हालांकि संक्रमण के कुछ इक्का-दुक्का मामले सामने आ रहे हैं, वो भी विदेशों से आए यात्रियों में दिख रहे हैं. महामारी की शुरूआत से लेकर अब तक चीन सरकार व संबंधित एजेंसियों ने वायरस के खिलाफ जिस मुस्तैदी से जंग लड़ी है, उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है.
हालांकि पहले यह आशंका जताई जा रही थी कि चीन को महामारी की दूसरी लहर झेलनी पड़ सकती है. लेकिन जानकारों का कहना है कि चीन ने जिस व्यवस्थित तरीके से टेस्टिंग और ट्रेसिंग की है, उसे देखते हुए दूसरी लहर की संभावना नहीं लगती है. इसके साथ ही चीन वायरस के प्रसार को रोक देने के बाद भी सतर्क है, चीनी नागरिक भी बिना मास्क पहने घर से बाहर नहीं निकलते हैं. वहीं कई जगहों पर अब भी लोगों के शरीर का तापमान लिया जाता है. वायरस या बुखार आदि की जरा भी आशंका होने पर तुरंत कदम उठाए जाते हैं. कहने का मतलब है कि चीन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
चीन के प्रमुख श्वसन रोग विशेषज्ञ चोंग नानशान ने पिछले दिनों हबेई प्रांत के शच्याचुआंग में हुए सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कहा कि वैश्विक तौर पर वायरस की दूसरी लहर शुरू हो चुकी है और कुछ देशों ने फिर से लॉकडाउन लगा दिया है. हालांकि, उत्तरी गोलार्ध के अधिकांश देशों में महामारी की स्थिति गंभीर हो सकती है, फिर भी चीन में कोविड-19 के फिर से फैलने की संभावना बहुत कम है.
बकौल चोंग नानशान, हमारे पास व्यापक आबादी के बीच वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक संपूर्ण तंत्र है. उन्होंने कहा कि अब भी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. लेकिन उन्हें नहीं लगता कि चीन में दूसरी लहर आएगी.
जाहिर है कि चीन का पूरा सिस्टम वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार है, कहीं भी वायरस के संक्रमण की खबर आने पर संबंधित विभाग सख्त कदम उठाते हैं. इसके साथ ही चीनी नागरिक भी अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सतर्कता बरत रहे हैं.