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फाइजर, मॉडर्ना कोविड वैक्सीन असल जिंदगी में प्रभावी : अमेरिकी सीडीसी - ETV Bharat Sukhibhava

एक अध्ययन के अनुसार फाइजर और मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन काफी हद तक प्रभावी साबित हुई है। यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा किए गये इस अध्ययन में पहली और दूसरी खुराक के बाद दो से अधिक हफ्ते तक के लिए संक्रमण का खतरा 80 और 90 फीसदी तक क्रमश: कम हो गया है।

Pfizer and Moderna Vaccine Proven Effective
फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन प्रभावी साबित
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Published : Mar 30, 2021, 5:24 PM IST

Updated : Mar 30, 2021, 5:40 PM IST

फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन असल जिंदगी की परिस्थितियों में संक्रमण को रोकने की दिशा में काफी ज्यादा प्रभावी हैं। यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी एक नई स्टडी में इसका खुलासा किया है। सीडीसी ने सोमवार को कहा, परिणामों से पता चला है कि टीके की दूसरी खुराक के बाद दो से अधिक हफ्ते तक संक्रमण का खतरा 90 फीसदी तक कम हो गया है।

टीके की पहली खुराक लेने के बाद प्रतिभागियों में दो से अधिक हफ्ते तक सार्स-कोव-2 के संक्रमण का खतरा 80 फीसदी तक कम हो गया।

अमेरिका के छह राज्यों में करीब 4,000 प्रतिभागियों को लेकर किए गए इस शोध की अवधि 14 दिसंबर, 2020 से 13 मार्च, 2021 तक 13 हफ्तों की रही। जिसमें सार्स-कोव-2 संक्रमण को रोकने में फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना एमआरएनए वैक्सीन की प्रभावशीलता पर नजर डाली गयी।

इसमें देखा गया कि टीके की हर एक खुराक के साथ शरीर में एंटीबॉडीज के उत्पन्न होने में लगभग दो हफ्ते का वक्त लगा, जिसने वायरस के खिलाफ सुरक्षा कवच का काम किया।

पढ़े:विश्व बाइपोलर दिवस : डिप्रेशन या मेनिया

इसके निष्कर्ष के तौर पर देखा गया कि पहली खुराक लेने के दो हफ्ते के बाद टीके की दूसरी खुराक लेनी होगी, जिसके बाद इंसान पूरी तरह से वैक्सीनेटेड माना जाएगा।

(आईएएनएस)

फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन असल जिंदगी की परिस्थितियों में संक्रमण को रोकने की दिशा में काफी ज्यादा प्रभावी हैं। यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी एक नई स्टडी में इसका खुलासा किया है। सीडीसी ने सोमवार को कहा, परिणामों से पता चला है कि टीके की दूसरी खुराक के बाद दो से अधिक हफ्ते तक संक्रमण का खतरा 90 फीसदी तक कम हो गया है।

टीके की पहली खुराक लेने के बाद प्रतिभागियों में दो से अधिक हफ्ते तक सार्स-कोव-2 के संक्रमण का खतरा 80 फीसदी तक कम हो गया।

अमेरिका के छह राज्यों में करीब 4,000 प्रतिभागियों को लेकर किए गए इस शोध की अवधि 14 दिसंबर, 2020 से 13 मार्च, 2021 तक 13 हफ्तों की रही। जिसमें सार्स-कोव-2 संक्रमण को रोकने में फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना एमआरएनए वैक्सीन की प्रभावशीलता पर नजर डाली गयी।

इसमें देखा गया कि टीके की हर एक खुराक के साथ शरीर में एंटीबॉडीज के उत्पन्न होने में लगभग दो हफ्ते का वक्त लगा, जिसने वायरस के खिलाफ सुरक्षा कवच का काम किया।

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इसके निष्कर्ष के तौर पर देखा गया कि पहली खुराक लेने के दो हफ्ते के बाद टीके की दूसरी खुराक लेनी होगी, जिसके बाद इंसान पूरी तरह से वैक्सीनेटेड माना जाएगा।

(आईएएनएस)

Last Updated : Mar 30, 2021, 5:40 PM IST
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