फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन असल जिंदगी की परिस्थितियों में संक्रमण को रोकने की दिशा में काफी ज्यादा प्रभावी हैं। यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने अपनी एक नई स्टडी में इसका खुलासा किया है। सीडीसी ने सोमवार को कहा, परिणामों से पता चला है कि टीके की दूसरी खुराक के बाद दो से अधिक हफ्ते तक संक्रमण का खतरा 90 फीसदी तक कम हो गया है।
टीके की पहली खुराक लेने के बाद प्रतिभागियों में दो से अधिक हफ्ते तक सार्स-कोव-2 के संक्रमण का खतरा 80 फीसदी तक कम हो गया।
अमेरिका के छह राज्यों में करीब 4,000 प्रतिभागियों को लेकर किए गए इस शोध की अवधि 14 दिसंबर, 2020 से 13 मार्च, 2021 तक 13 हफ्तों की रही। जिसमें सार्स-कोव-2 संक्रमण को रोकने में फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना एमआरएनए वैक्सीन की प्रभावशीलता पर नजर डाली गयी।
इसमें देखा गया कि टीके की हर एक खुराक के साथ शरीर में एंटीबॉडीज के उत्पन्न होने में लगभग दो हफ्ते का वक्त लगा, जिसने वायरस के खिलाफ सुरक्षा कवच का काम किया।
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इसके निष्कर्ष के तौर पर देखा गया कि पहली खुराक लेने के दो हफ्ते के बाद टीके की दूसरी खुराक लेनी होगी, जिसके बाद इंसान पूरी तरह से वैक्सीनेटेड माना जाएगा।
(आईएएनएस)