नई दिल्ली: मोटापे से परेशान लोगों को बहुत जल्द राहत मिलने वाली है. जानकारी के मुताबिक मोटापे को कम करने के लिए एक इंजेक्शन को इजाद किया गया है. इस इंजेक्शन को लगाने मात्र से ही मोटापा छूमंतर हो जाएगा. बता दें, ब्रिटेन में मोटापे से परेशान लोगों को हर सप्ताह इंजेक्शन लगाने की तैयारियां की जा रही हैं. इस इंजेक्शन के लगने से मोटे लोगों की भूख कम हो जाएगी, जिससे उनका वजन कम होने लगेगा. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ट्रायल के दौरान ही इस इंजेक्शन का असर प्रभावकारी साबित हुआ है. साइंटिफिक भाषा में इस तरह के इलाज को सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) कहा जाता है.
कैसे काम करता है ये?
सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) में एक तरह की दवा होती है जो भूख को कम करने का काम करती है. इंजेक्शन के जरिए जब इस दवा को मोटे लोगों को दी जाती है तब ये उस हार्मोन की नकल करता है जो खाना खाने के बाद रिलीज होता है. इस हार्मोन को Glucagon-Like Peptide-1 (GLP-1) कहते हैं. जब इस इंजेक्शन को मोटे लोगों को लगाया जाता है उसके बाद इन लोगों को भूख कम लगती है और वो कम खाते हैं. जिस वजह से मोटे लोगों का वजन गिरने लगता है. ट्रायल के समय सामने आया कि हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज के साथ-साथ अगर ये इंजेक्शन लगाया जाए तो करीब 68 हफ्ते में औसतन 12 फीसदी वजन कम हो जाता है.
डेली मेल की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रायल के दौरान जिन लोगों को ये इंजेक्शन लगाया गया था, सालभर के अंदर उनका औसतन 16 किलो वजन कम हुआ.
हर हफ्ते लगाया जाएगा इंजेक्शन
सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) इंजेक्शन के इस्तेमाल को वहां के ड्रग्स रेगुलेटर नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस (NICE) ने मंजूरी दे दी है. इस इंजेक्शन को हर हफ्ते लगाया जाएगा. NICE ने अभी इस इंजेक्शन को उन लोगों को लगाने की सिफारिश की है जिनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 35 से ऊपर है. वहीं, 30 से 35 के बीच BMI वाले वो लोग भी डॉक्टरी सलाह पर इस इंजेक्शन को ले सकते हैं जो डायबिटीज से भी जूझ रहे हैं.
डॉक्टर की परमीशन के बाद ही बंद करें
बता दें, इस इंजेक्शन को लेने वाले मरीजों को यह सलाह दी गई है कि वो बिना डॉक्टर की परमीशन के बिना इस इंजेक्शन को लेना बंद न करें. हालांकि, रिजल्ट दिखने पर और डॉक्टर की सलाह पर इसे बंद किया जा सकता है.
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अभी आने में समय लगेगा
अभी इस इंजेक्शन को पूरी तरह से रोलआउट नहीं किया गया है. इंजेक्शन को लेकर अभी ड्रग्स रेगुलेटर नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस (NICE) की ओर से पूरी गाइडलाइंस आने के बाद इसे बाजार में उतारा जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक यूके में करीब 1.24 करोड़ लोग मोटापे से परेशान हैं. इनमें से भी 13 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो किसी दूसरी बीमारी से भी जूझ रहे हैं. भारत में भी बहुत तेजी से मोटापा एक बीमारी के रूप में फैल रहा है. यदि यह इंजेक्शन अपने परीक्षण काल में कारगर सिद्ध होता है तो यह मील का पत्थर सावित होगा.