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Non Lung Cancer Risk : वायु प्रदूषण से गैर-फेफड़े के कैंसर का खतरा : अध्ययन

Non Lung Cancer Risk : देश-विदेश में कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसी बीच ताजा शोध में खुलासा हुआ है कि प्रदूषण के कारण गैर-फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. पढ़ें पूरी खबर..

Non Lung Cancer Risk
वायु प्रदूषण से कैंसर का खतरा
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Published : Aug 13, 2023, 12:16 PM IST

न्यूयॉर्क : एक नए शोध में चेतावनी दी गई है कि सूक्ष्म कण वायु प्रदूषकों (पीएम2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (N02) के लगातार संपर्क में रहने से बुजुर्गों में गैर-फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा लाखों मेडिकेयर लाभार्थियों के अध्ययन और पर्यावरण महामारी विज्ञान (एपिडेमियोलॉजी) में प्रकाशित रिपोर्ट में पाया गया कि 10 साल की अवधि में पीएम2.5 और एनओ2 के संपर्क में आने से कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर विकसित होने का खतरा बढ़ गया है.

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि वायु प्रदूषण का निम्न स्तर भी लोगों को स्तन और एंडोमेट्रियल कैंसर के अलावा, इन कैंसर के विकास के लिए विशेष रूप से संवेदनशील बना सकता है. पर्यावरण स्वास्थ्य विभाग के अनुसंधान साथी यागुआंग वेई ने कहा कि हमारे निष्कर्ष विशिष्ट कैंसर के विकास में एक महत्वपूर्ण जोखिम फैक्टर के रूप में वायु प्रदूषण की जैविक संभाव्यता को उजागर करते हैं, जो हमें मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को समझने के एक कदम और करीब लाते हैं.

जबकि, वायु प्रदूषण को फेफड़ों के कैंसर के लिए एक जोखिम कारक के रूप में स्थापित किया गया है और स्तन कैंसर के खतरे का एक लिंक उभर रहा है. कुछ अध्ययनों में प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल और एंडोमेट्रियल कैंसर (colorectal and endometrial cancer) के जोखिम पर इसके प्रभावों को देखा गया है. शोधकर्ताओं ने 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के राष्ट्रीय मेडिकेयर लाभार्थियों के डेटा का विश्लेषण किया. अध्ययन अवधि के कम से कम शुरुआती 10 वर्षों तक सभी सब्जेक्ट कैंसर फ्री थे.

विभिन्न वायु प्रदूषण डेटा स्रोतों से आकर्षित होकर, शोधकर्ताओं ने पूरे अमेरिका में पीएम2.5 और एनओ2 एकाग्रता का एक पूर्वानुमानित मैप विकसित किया. राष्ट्रव्यापी विश्लेषण के निष्कर्षों से पता चला है कि क्रोनिक पीएम2.5 और एनओ2 एक्सपोजर से कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर के विकास का खतरा बढ़ गया है, लेकिन एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer) के खतरे से जुड़ा नहीं है.

स्तन कैंसर के लिए, एनओ2 का जोखिम बढ़े हुए जोखिम से जुड़ा था, जबकि पीएम2.5 का संबंध अनिर्णायक था. शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि मिश्रित संबंध पीएम2.5 की रासायनिक संरचना में भिन्नता के कारण हो सकते है, जो ठोस और तरल कणों का एक जटिल मिश्रण है.

शोधकर्ताओं ने नोट किया कि यहां तक कि स्वच्छ हवा वाले समुदाय भी कैंसर के खतरे से प्रतिरक्षित नहीं हैं. उन्होंने नए अपडेट विश्व स्वास्थ्य संगठन दिशानिर्देशों के नीचे प्रदूषण स्तर पर भी दो प्रदूषकों के संपर्क और सभी चार कैंसर के खतरों के बीच पर्याप्त संबंध पाया.

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने हाल ही में पीएम2.5 के लिए सख्त मानकों का प्रस्ताव दिया है, लेकिन उनका प्रस्ताव इस प्रदूषक को विनियमित करने में पर्याप्त नहीं है. पर्यावरण महामारी विज्ञान के प्रोफेसर, वरिष्ठ अध्ययन लेखक जोएल श्वार्ट्ज ने कहा कि वर्तमान एनओ2 मानक भी अत्यंत अपर्याप्त हैं. जब तक ये सभी मानक बहुत अधिक सख्त नहीं हो जाते, वायु प्रदूषण के परिणामस्वरूप हर साल कई कैंसर के हजारों अनावश्यक मामले सामने आते रहेंगे.
(आईएएनएस)

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न्यूयॉर्क : एक नए शोध में चेतावनी दी गई है कि सूक्ष्म कण वायु प्रदूषकों (पीएम2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (N02) के लगातार संपर्क में रहने से बुजुर्गों में गैर-फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा लाखों मेडिकेयर लाभार्थियों के अध्ययन और पर्यावरण महामारी विज्ञान (एपिडेमियोलॉजी) में प्रकाशित रिपोर्ट में पाया गया कि 10 साल की अवधि में पीएम2.5 और एनओ2 के संपर्क में आने से कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर विकसित होने का खतरा बढ़ गया है.

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि वायु प्रदूषण का निम्न स्तर भी लोगों को स्तन और एंडोमेट्रियल कैंसर के अलावा, इन कैंसर के विकास के लिए विशेष रूप से संवेदनशील बना सकता है. पर्यावरण स्वास्थ्य विभाग के अनुसंधान साथी यागुआंग वेई ने कहा कि हमारे निष्कर्ष विशिष्ट कैंसर के विकास में एक महत्वपूर्ण जोखिम फैक्टर के रूप में वायु प्रदूषण की जैविक संभाव्यता को उजागर करते हैं, जो हमें मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को समझने के एक कदम और करीब लाते हैं.

जबकि, वायु प्रदूषण को फेफड़ों के कैंसर के लिए एक जोखिम कारक के रूप में स्थापित किया गया है और स्तन कैंसर के खतरे का एक लिंक उभर रहा है. कुछ अध्ययनों में प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल और एंडोमेट्रियल कैंसर (colorectal and endometrial cancer) के जोखिम पर इसके प्रभावों को देखा गया है. शोधकर्ताओं ने 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के राष्ट्रीय मेडिकेयर लाभार्थियों के डेटा का विश्लेषण किया. अध्ययन अवधि के कम से कम शुरुआती 10 वर्षों तक सभी सब्जेक्ट कैंसर फ्री थे.

विभिन्न वायु प्रदूषण डेटा स्रोतों से आकर्षित होकर, शोधकर्ताओं ने पूरे अमेरिका में पीएम2.5 और एनओ2 एकाग्रता का एक पूर्वानुमानित मैप विकसित किया. राष्ट्रव्यापी विश्लेषण के निष्कर्षों से पता चला है कि क्रोनिक पीएम2.5 और एनओ2 एक्सपोजर से कोलोरेक्टल और प्रोस्टेट कैंसर के विकास का खतरा बढ़ गया है, लेकिन एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer) के खतरे से जुड़ा नहीं है.

स्तन कैंसर के लिए, एनओ2 का जोखिम बढ़े हुए जोखिम से जुड़ा था, जबकि पीएम2.5 का संबंध अनिर्णायक था. शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि मिश्रित संबंध पीएम2.5 की रासायनिक संरचना में भिन्नता के कारण हो सकते है, जो ठोस और तरल कणों का एक जटिल मिश्रण है.

शोधकर्ताओं ने नोट किया कि यहां तक कि स्वच्छ हवा वाले समुदाय भी कैंसर के खतरे से प्रतिरक्षित नहीं हैं. उन्होंने नए अपडेट विश्व स्वास्थ्य संगठन दिशानिर्देशों के नीचे प्रदूषण स्तर पर भी दो प्रदूषकों के संपर्क और सभी चार कैंसर के खतरों के बीच पर्याप्त संबंध पाया.

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने हाल ही में पीएम2.5 के लिए सख्त मानकों का प्रस्ताव दिया है, लेकिन उनका प्रस्ताव इस प्रदूषक को विनियमित करने में पर्याप्त नहीं है. पर्यावरण महामारी विज्ञान के प्रोफेसर, वरिष्ठ अध्ययन लेखक जोएल श्वार्ट्ज ने कहा कि वर्तमान एनओ2 मानक भी अत्यंत अपर्याप्त हैं. जब तक ये सभी मानक बहुत अधिक सख्त नहीं हो जाते, वायु प्रदूषण के परिणामस्वरूप हर साल कई कैंसर के हजारों अनावश्यक मामले सामने आते रहेंगे.
(आईएएनएस)

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