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Skilled Work Visa Takers in UK : भारत से ब्रिटेन में खूब जा रहे हैं नर्सें व डॉक्टर्स, कुशल कार्य वीजा लेने वालों में भारत नंबर वन - भारत से ब्रिटेन जा रहे नर्स व डॉक्टर्स

कुशल कार्य वीजा लेकर ब्रिटेन जाने वालों में भारतीय नंबर एक पर हैं. इसमें भी सबसे ज्यादा लोग स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में जा रहे हैं. आप आकंड़ों को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत के साथ और किन-किन देशों के लोग वहां जा रहे हैं...

Nurses and doctors are going Britain India number 1 among skilled work visa takers
कुशल कार्य वीजा लेने वालों में भारत नंबर वन
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Published : Jun 29, 2023, 11:01 AM IST

Updated : Jun 29, 2023, 11:11 AM IST

लंदन : एक नए अध्ययन के अनुसार, 2022 में यूके में कुशल कार्य वीजा के तहत अधिकांश केयर वर्कर गैर-यूरोपीय संघ के देशों से आए थे, जिसमें भारत अग्रणी था. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में माइग्रेशन ऑब्ज़र्वेटरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की इमिग्रेशन प्रणाली 2022-23 में अभूतपूर्व संख्या में विदेशी श्रमिकों को स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में लाया गया.

अध्ययन में कहा गया है कि भारत इस रेस में सबसे आगे हैं, इसके बाद नाइजीरिया, पाकिस्तान और फिलीपींस हैं. नव-नियुक्त विदेशी डॉक्टर (20 प्रतिशत) और नर्सों (46 प्रतिशत) है. 2022 में भारत की ओर से यह आंकड़ा 33 प्रतिशत रहा. इसके बाद जिम्बाब्वे और नाइजीरिया थे.

Nurses and doctors are going Britain India number 1 among skilled work visa takers
भारत से ब्रिटेन में खूब जा रहे हैं नर्सें व डॉक्टर्स

बता दें कि स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी के चलते कार्य वीजा पर गैर यूरोपीय संघ के नागरिकों की भर्ती 2017 से बढ़ी है, जिसमें 2021 और 2022 में विशेष रूप से तेजी से वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) का अनुमान है कि यूके के स्वास्थ्य और सामाजिक कार्य क्षेत्र में रिक्तियां जुलाई से सितंबर 2022 में 217,000 तक पहुंच गईं, जो 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में कुछ हद तक कम हो गईं. इसके बाद यूके की इमिग्रेशन प्रणाली ने विदेशी स्वास्थ्य की अभूतपूर्व संख्या को मार्च 2023 में बढ़ा दिया.

रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में 57,700 देखभाल कर्मियों को कुशल कार्य वीजा प्राप्त हुआ. रोजगार समूह रीवेज द्वारा कराए गए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि, पिछले साल इस क्षेत्र के लिए लगभग 58,000 वीजा जारी किए जाने के बाद ब्रिटेन के विदेशी देखभाल कर्मियों पर बहुत अधिक निर्भर होने का जोखिम है.

आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में यूके में कुल प्रवासन ने 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की हैं. स्वास्थ्य और देखभाल नियोक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय भर्ती से बहुत लाभ हुआ है. 'द गार्जियन' में माइग्रेशन ऑब्ज़र्वेटरी के निदेशक डॉ मेडेलीन सुम्पशन के हवाले से कहा गया है कि विदेशी भर्तियों पर इतना अधिक भरोसा करने से जोखिम भी आता है. यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन में सलाहकार डॉक्टर बेहतर वेतन के लिए 20 और 21 जुलाई को हड़ताल पर जाने वाले हैं.

-IANS के इनपुट के साथ

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लंदन : एक नए अध्ययन के अनुसार, 2022 में यूके में कुशल कार्य वीजा के तहत अधिकांश केयर वर्कर गैर-यूरोपीय संघ के देशों से आए थे, जिसमें भारत अग्रणी था. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में माइग्रेशन ऑब्ज़र्वेटरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की इमिग्रेशन प्रणाली 2022-23 में अभूतपूर्व संख्या में विदेशी श्रमिकों को स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में लाया गया.

अध्ययन में कहा गया है कि भारत इस रेस में सबसे आगे हैं, इसके बाद नाइजीरिया, पाकिस्तान और फिलीपींस हैं. नव-नियुक्त विदेशी डॉक्टर (20 प्रतिशत) और नर्सों (46 प्रतिशत) है. 2022 में भारत की ओर से यह आंकड़ा 33 प्रतिशत रहा. इसके बाद जिम्बाब्वे और नाइजीरिया थे.

Nurses and doctors are going Britain India number 1 among skilled work visa takers
भारत से ब्रिटेन में खूब जा रहे हैं नर्सें व डॉक्टर्स

बता दें कि स्वास्थ्य और देखभाल क्षेत्र में कर्मचारियों की कमी के चलते कार्य वीजा पर गैर यूरोपीय संघ के नागरिकों की भर्ती 2017 से बढ़ी है, जिसमें 2021 और 2022 में विशेष रूप से तेजी से वृद्धि हुई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) का अनुमान है कि यूके के स्वास्थ्य और सामाजिक कार्य क्षेत्र में रिक्तियां जुलाई से सितंबर 2022 में 217,000 तक पहुंच गईं, जो 2022 के अंत और 2023 की शुरुआत में कुछ हद तक कम हो गईं. इसके बाद यूके की इमिग्रेशन प्रणाली ने विदेशी स्वास्थ्य की अभूतपूर्व संख्या को मार्च 2023 में बढ़ा दिया.

रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में 57,700 देखभाल कर्मियों को कुशल कार्य वीजा प्राप्त हुआ. रोजगार समूह रीवेज द्वारा कराए गए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि, पिछले साल इस क्षेत्र के लिए लगभग 58,000 वीजा जारी किए जाने के बाद ब्रिटेन के विदेशी देखभाल कर्मियों पर बहुत अधिक निर्भर होने का जोखिम है.

आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में यूके में कुल प्रवासन ने 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की हैं. स्वास्थ्य और देखभाल नियोक्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय भर्ती से बहुत लाभ हुआ है. 'द गार्जियन' में माइग्रेशन ऑब्ज़र्वेटरी के निदेशक डॉ मेडेलीन सुम्पशन के हवाले से कहा गया है कि विदेशी भर्तियों पर इतना अधिक भरोसा करने से जोखिम भी आता है. यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन में सलाहकार डॉक्टर बेहतर वेतन के लिए 20 और 21 जुलाई को हड़ताल पर जाने वाले हैं.

-IANS के इनपुट के साथ

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Last Updated : Jun 29, 2023, 11:11 AM IST
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