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कोविड-19 स्वाभाविक रूप से विकसित हुआ है : रिपोर्ट - ETV भारत सुखीभवा

एक नये अध्ययन के अनुसार कोविड-19 चमगादड़ से नहीं बल्कि स्वाभाविक रूप से विकसित हुआ है। और पहले के मुकाबले इसका प्रसार अधिक तेजी से हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की विशेषज्ञों की एक टीम की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है। जिन्होंने पिछले महीने चीनी शहर वुहान के में फील्ड स्टडी पूरा किया।

a report on origin of Covid-19
कोविड -19 की उत्पत्ति पर रिपोर्ट
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Published : Mar 5, 2021, 2:07 PM IST

नए अध्ययनों से पता चला है कि कोविड-19 स्वाभाविक रूप से विकसित हुआ है और पहले की अपेक्षा यह कहीं अधिक व्यापक है। यह बात एक मीडिया रिपोर्ट में सामने आई है। द वॉल स्ट्रीट जनरल ने सोमवार को कहा, 'कम से कम हालिया चार अध्ययनों ने दक्षिण पूर्व एशिया और जापान में चमगादड़ और पैंगोलिन में महामारी के स्ट्रेन से संबंधित कोरोनावायरस की पहचान की है, यह संकेत है कि ये रोगजनकों पहले से ज्ञात के मुकाबले अधिक व्यापक और तेजी से फैलने वाले हैं और वायरस के विकसित होने का पर्याप्त अवसर है।'

समाचार पत्र के मुताबिक, एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि एक एमिनो एसिड में परिवर्तन - प्रोटीन बनाने के लिए एक ऑर्गेनिक यौगिक - वायरस के स्पाइक प्रोटीन पर वायरस को मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने दे सकता है।

इसने कहा, 'शोध के इन नवीनतम पीस से यह सबूत मिलता है कि वायरस, जिसे सार्स-कोव-2 कहा जाता है, संभवत: चमगादड़ों में उत्पन्न हुआ और फिर स्वाभाविक रूप से मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए विकसित हुआ, संभवत: एक मध्यस्थ जानवर के माध्यम से।'

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अध्ययनों से यह भी स्पष्ट होता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अगुवाई वाली विशेषज्ञों की एक टीम, जिसने पिछले महीने चीनी शहर वुहान के में फील्ड स्टडी पूरा किया, अन्य देशों में डेटा और साक्ष्य के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह किया।

पढ़े : स्वास्थ्य और सौन्दर्य बढ़ाते है आलू के छिलके

डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ टीम, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी, जापान, नीदरलैंड्स, कतर, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और वियतनाम के विशेषज्ञ शामिल हैं, 14 जनवरी को चीन के वुहान में चीनी वैज्ञानिकों के साथ काम कर कोरोनावायरस की उत्पति इसके मूल का पता लगाने के लिए पहुंचे।

सौजन्य : आईएएनएस

नए अध्ययनों से पता चला है कि कोविड-19 स्वाभाविक रूप से विकसित हुआ है और पहले की अपेक्षा यह कहीं अधिक व्यापक है। यह बात एक मीडिया रिपोर्ट में सामने आई है। द वॉल स्ट्रीट जनरल ने सोमवार को कहा, 'कम से कम हालिया चार अध्ययनों ने दक्षिण पूर्व एशिया और जापान में चमगादड़ और पैंगोलिन में महामारी के स्ट्रेन से संबंधित कोरोनावायरस की पहचान की है, यह संकेत है कि ये रोगजनकों पहले से ज्ञात के मुकाबले अधिक व्यापक और तेजी से फैलने वाले हैं और वायरस के विकसित होने का पर्याप्त अवसर है।'

समाचार पत्र के मुताबिक, एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि एक एमिनो एसिड में परिवर्तन - प्रोटीन बनाने के लिए एक ऑर्गेनिक यौगिक - वायरस के स्पाइक प्रोटीन पर वायरस को मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने दे सकता है।

इसने कहा, 'शोध के इन नवीनतम पीस से यह सबूत मिलता है कि वायरस, जिसे सार्स-कोव-2 कहा जाता है, संभवत: चमगादड़ों में उत्पन्न हुआ और फिर स्वाभाविक रूप से मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए विकसित हुआ, संभवत: एक मध्यस्थ जानवर के माध्यम से।'

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अध्ययनों से यह भी स्पष्ट होता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की अगुवाई वाली विशेषज्ञों की एक टीम, जिसने पिछले महीने चीनी शहर वुहान के में फील्ड स्टडी पूरा किया, अन्य देशों में डेटा और साक्ष्य के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह किया।

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डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ टीम, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी, जापान, नीदरलैंड्स, कतर, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और वियतनाम के विशेषज्ञ शामिल हैं, 14 जनवरी को चीन के वुहान में चीनी वैज्ञानिकों के साथ काम कर कोरोनावायरस की उत्पति इसके मूल का पता लगाने के लिए पहुंचे।

सौजन्य : आईएएनएस

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