राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा : नेत्रदान को महादान कहा जाता है, क्योंकि इस दान से दृष्टिहीन लोगों को दुनिया देखने का मौका मिलता है. लेकिन सामाजिक व धार्मिक परंपराओं के चलते या डर व भ्रम के कारण लोग नेत्रदान करने से डरते हैं. वहीं जो लोग ऐसा करना भी चाहते हैं, वे नेत्र प्रत्यारोपण से जुड़ी जरूरी जानकारियों के अभाव में वे नेत्रदान नहीं कर पाते हैं. भारत में Eye Donation के बारे में आमजन में जागरूकता बढ़ाने, उससे जुड़े भ्रमों की सच्चाई से लोगों को अवगत कराने तथा लोगों को मृत्यु उपरांत Eye Donation के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जाता है.
नेत्रहीनता व नेत्रप्रत्यारोपण से जुड़े आँकड़े
वर्ष 2020 में दो अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं - विजन लॉस एक्सपर्ट ग्रुप तथा इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस ने अपने सर्वेक्षण के उपरांत नेत्रहीनता से जुड़े कुछ आंकड़े जारी किए थे. जिनमें कहा गया था कि दुनिया में सबसे ज्यादा नेत्रहीन भारत में हैं. रिपोर्ट में बताया गया था कि वर्ष 2020 तक भारत में लगभग 92 लाख लोग Blind थे वहीं चीन में Blinds की संख्या 89 लाख बताई गई थी. रिपोर्ट में भारत में 'नियर विजन लॉस' या प्रेसबायोपिया के मामलों में भी पिछले 30 सालों में दोगुने से अधिक की वृद्धि बताई गई थी. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1990 में जहां उक्त समस्या के लगभग 5.77 करोड़ मामले दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2019 में 13.76 करोड़ भारतीयों में Near vision loss के मामले दर्ज हुए थे.
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन- WHO के आंकड़ों की माने तो वर्तमान समय में भारत में लगभग 1.5 करोड़ दृष्टिहीन हैं, जबकि 13 करोड़ से ज्यादा लोग किसी न किसी कारण से आंशिक रूप से दृष्टिबाधित हैं. चिंता की बात यह है कि इनमें से 80% लोग ऐसे हैं जो समय पर इलाज न होने के कारण नेत्र रोगों या दृष्टिहीनता का शिकार हुए हैं. उपलब्ध आंकड़ों की माने तो इनमें से लगभग एक तिहाई लोग नेत्र प्रत्यारोपण के माध्यम से देख सकते है. विभिन्न संबंधित संस्थाओं द्वारा वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई सूचना की माने तो वर्तमान समय में भारत में नेत्र प्रत्यारोपण के लिए लगभग ढाई लाख कॉर्निया की जरूरत है. लेकिन नेत्रदान के लिए दानकर्ताओं की कमी के चलते लगभग 50000 कॉर्निया ही प्रत्यारोपण के लिए उपलब्ध हो पा रही हैं.
इतिहास तथा लक्ष्य
Health Ministry India के राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित होने वाले National Eye Donation Fortnight में पंद्रह दिनों तक सरकारी व गैर सरकारी स्वास्थ्य व सामाजिक संस्थाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के जागरूकता व जांच कार्यक्रमों व अभियानों का आयोजन किया जाता है . 25 अगस्त से 8 सितंबर तक चलने वाले Eye Donation Fortnight आयोजन की शुरुआत वर्ष 1985 में भारत सरकार के अधीन Health Ministry के द्वारा भारत में नेत्र दाताओं की कमी को देखते हुए नेत्रदान को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी.
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गौरतलब है कि इस National Eye Donation Fortnight में जागरूकता फैलाने के साथ लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आंखे दान करने के लिए प्रोत्साहित करने, उन्हे नेत्रदान से जुड़े मुद्दों को लेकर शिक्षित करने, इससे जुड़े भ्रमों को दूर करने तथा नेत्र प्रत्यारोपण की आवश्यकता व इसके तरीके के बारे में जागरूकता फैलाने तथा इससे जुड़ी अन्य जानकारियों से लोगों को अवगत करने के लक्ष्य के साथ विभिन्न कार्यक्रमों, अभियानों, गोष्ठियों तथा सेमीनार आदि का आयोजन किया जाता है. National Eye Donation Fortnight 2023 .