जन्म के बाद बच्चा कम से कम छह महीने तक माता के दूध पर ही आश्रित रहता है. इस अवस्था में मां का दूध बच्चे के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है. लेकिन बच्चा हमेशा मां के दूध पर निर्भर नहीं सकता. जब बच्चा ऊपरी आहार ग्रहण करने लगता है तो उसके शरीर की पोषण की जरूरत उस आहार से पूरी होने लगती है. जिससे उसे स्तनपान की जरूरत नहीं रहती हैं. वैसे भी एक समय के बाद बच्चे की स्तनपान की आदत छुड़वानी ही पड़ती है. लेकिन स्तनपान की आदत चाहे साल भर के भीतर छुड़वाई जाए या डेढ़-दो साल बाद, इस आदत को छुड़वाना अधिकांश माताओं के लिए काफी मुश्किल होता है.
कठिन हो सकता है स्तनपान की आदत छुड़वाना
बेंगलुरु की केयर क्लिनिक की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुधा एम रॉय बताती हैं कि बच्चों की स्तनपान की आदत छुड़वाना कई बार महिलाओं के लिए काफी कठिन होता है. लेकिन यदि समय पर इस आदत को छुड़वा दिया जाए तो महिलाएं कई परेशानियों से बच जाती हैं. वह बताती हैं कि आमतौर जब बच्चों के दांत निकल जाते हैं तो कई बार बच्चों द्वारा स्तनपान के दौरान दांत मसलने से मां के स्तनों पर चोट लग जाती है. यही नहीं और भी कई अवस्थाएं होती हैं जिनमें एक समय के बाद महिलाओं का बच्चों को स्तनपान कराना परेशानी भरा होने लगता है.
कब छुड़वाएं स्तनपान
डॉ सुधा बताती हैं कि शिशु का स्तनपान छुड़ाने का कोई विशेष समय नहीं होता है. लेकिन जब बच्चा ठोस ऊपरी आहार लेने लगे और उसे पोषण के लिए माता के दूध पर निर्भर ना रहना पड़े तो धीरे-धीरे उसकी स्तनपान की आदत को छुड़वाया जा सकता है. लेकिन बच्चे के जन्म के कम से कम साल भर बाद ऐसा करना ज्यादा बेहतर होता है.
वह बताती हैं कि नवजात बच्चे को मां का दूध संपूर्ण पोषण देता है. लेकिन जन्म के छह महीने बाद उसे ऊपरी आहार की जरूरत पड़ने लगती है. उन्हें सही मात्रा में पोषण मिले इसके लिए बच्चे को पहले तरल और बाद में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ठोस आहार देना शुरू करना चाहिए. साथ ही स्तनपान पर निर्भरता कम करने के लिए उन्हें स्तनपान के साथ ही बोतल या अन्य तरीकों जैसे कटोरी चम्मच आदि से दूध पिलाने की भी आदत डालनी चाहिए.
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कैसे छुड़वाएं स्तनपान की आदत
बच्चों की स्तनपान की आदत छुड़वाने के लिए कुछ विशेष प्रयास भी किए जा सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:-
- जब भी बच्चा स्तनपान की जिद करें तो उसका ध्यान किसी अन्य चीज में लगाने की कोशिश करें. जैसे उसके साथ कोई खेल खेलें या उसे व्यस्त रखने की कोशिश करें.
- रात में सोने से पहले बच्चे ज्यादातर स्तनपान की जिद करते हैं. ऐसे में माता को बच्चे को अपने से थोड़ा दूर सुलाना चाहिए.
- यदि बच्चा स्तनपान के लिए ज्यादा जिद करे तो उसे कुछ समय के लिए कृत्रिम निप्पल चूसने के लिए दिया जा सकता है. लेकिन ध्यान रहे कि पैसिफायर का इस्तेमाल लगातार नहीं करना चाहिए अन्यथा उसकी आदत भी पड़ सकती है.
- बच्चा अगर सही मात्रा में ठोस आहार लेता है, तो उसे भूख मिटाने के लिए मां के दूध की जरूरत नहीं पड़ती है. इसलिए आहार को लेकर बच्चे की दिनचर्या निर्धारित करें और सोने से पहले उसे बोतल या अन्य तरीके से दूध पिलाकर सुलाएं.
- कई बार बच्चा मां के स्तनों को देखकर स्तनपान करने की जिद करने लगता हैं, ऐसे में शिशु के सामने कपड़े नही बदलने चाहिए, साथ ही यदि वह स्तनों को स्पर्श करने की कोशिश करें तो उसे दूसरे कार्यों में व्यस्त करने की कोशिश करनी चाहिए.
- बच्चे को समझाने की कोशिश करें कि अब वह बड़ा हो रहा है और उसे स्तनपान नहीं करना चाहिए. क्योंकि उसके दांतों से मां को दर्द हो सकता है.
धैर्य जरूरी
डॉ सुधा बताती हैं कि कई बार बच्चे की स्तनपान की आदत छुड़ाने में समय लग जाता है, ऐसे में धैर्य बनाकर रखना जरूरी होता है. कई बार इस प्रक्रिया में बच्चे काफी रोते हैं, ऐसे में कई बार माएं उन्हें चुप कराने के लिए फिर से स्तनपान कराने लगती हैं, जो सही नहीं है. बच्चे में अच्छी आदतों के विकास के लिए माता का धैर्य व संयम रखना काफी जरूरी होता है.
इसके अलावा कई बार माएं बच्चों की स्तनपान की आदत छुड़ाने के लिए स्तनों या निप्पल पर स्वाद में कैसेले तथा तीखी दुर्गंध वाले पदार्थ लगा लेती हैं. जिससे खराब स्वाद या दुर्गंध से बच्चे स्तनपान करना छोड़ दें. लेकिन ऐसा करते समय इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है कि जिस भी पदार्थ का इस्तेमाल किया जा रहा है वह ना तो बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंचाएं और ना ही माता के स्तनों की त्वचा को.
डॉ सुधा बताती हैं कि वैसे तो सदियों से कई घरेलू नुस्खों का उपयोग भी बच्चों की स्तनपान की आदतों को छुड़ाने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन बहुत जरूरी है किसी भी तरीके को अपनाने से पहले उससे जुड़ी तमाम सावधानियों को ध्यान में रखा जाए, जिससे बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई विपरीत प्रभाव ना पड़े.