लखनऊ : लखनऊ में डॉक्टरों ने हाइपरट्रॉफिक ऑब्सट्रक्टिव कार्डियोमायोपैथी (एचओसीएम) से पीड़ित एक महिला का सफल ऑपरेशन किया है. इस स्थिति में हृदय की मांसपेशियां असामान्य रूप से मोटी हो जाती हैं. डॉक्टरों का दावा है कि लखनऊ में पहली बार एचओसीएम की सफल सर्जरी की गई है.
एचओसीएम एक आनुवंशिक विकार है, जो 500 वयस्कों में से एक को प्रभावित करता है और विशेष रूप से युवाओं और एथलीटों में अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है. हालांकि एचओसीएम पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है, लेकिन महिलाओं में लक्षण अधिक होते हैं,
कानपुर की 28 वर्षीय एक महिला को सांस लेने में कठिनाई, बार-बार बेहोशी हो रही थी, उसे गंभीर रोगसूचक प्रतिरोधी एचओसीएम का पता चला था, बाएं आलिंद और बाएं वेंट्रिकल के बीच स्थित एक वाल्व लीक हो रहा था और दिल की धड़कन अनियमित थी, उसकी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल सर्जरी की सलाह दी गई.
गौरांग मजूमदार की अध्यक्षता में मेदांता अस्पताल की कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी टीम ने जटिल रिसेक्शन, प्लिकेशन और रिलीज (आरपीआर) तकनीक का प्रदर्शन किया. एक नियंत्रित वातावरण सुनिश्चित करते हुए प्रक्रिया को हार्ट-लंग मशीन का उपयोग करके आयोजित किया गया था. मजूमदार ने कहा कि सर्जरी से मरीज की रिकवरी उल्लेखनीय थी और उसे एक सप्ताह के भीतर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
इसीलिए आपको सलाह दी जाती है कि छाती के बीच में या आपकी बाहों में और कमर के ऊपरी हिस्से में, कभी-कभी जबड़े में, गर्दन या पेट के ऊपरी हिस्से में अगर नए नए तरह का दर्द हो तो सतर्क हो जाइए. अगर ये दर्द 5 मिनट से भी ज्यादा हो और साथ ही सांस लेने में तकलीफ होने लगे, ठंडा पसीना आने लगे, जी घबराने लगे, थकान महसूस हो या चक्कर जैसा आने लगे तो ये सारे लक्षण हार्ट अटैक के इंडीकेटर हो सकते हैं.
--आईएएनएस