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Female Libido : इन कारणों से हो सकती है महिलाओं में यौन-कामेच्छा की कमी

डॉक्टर विजय लक्ष्मी (Dr. Vijay Lakshmi Gynecologist) बताती हैं कि महिलाओं में शारीरिक संबंधों को लेकर अनिच्छा कोई उम्र आधारित समस्या नही हैं. यह किसी भी उम्र में तथा किसी भी महिला को हो सकती है. इसके लिए हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर (Hypoactive sexual desire disorder) तथा अन्य शारीरिक व मानसिक समस्याएं जिम्मेदार हो सकते हैं. वह बताती हैं कि कई बार शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी तंत्रिका तंत्र में समस्या या किसी रोग का लक्षण भी हो सकती है.

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Published : Jul 31, 2022, 9:58 PM IST

Updated : Aug 13, 2022, 3:21 PM IST

आमतौर पर माना जाता है कि महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ कामेच्छा में कमी आने लगती है. लेकिन जरूरी नहीं है कि ऐसा सिर्फ बढ़ती उम्र के कारण ही हो. कामेच्छा में कमी या यौन संबंधों को लेकर अनिच्छा (Decreased libido or reluctance to have sex) एक ऐसी समस्या है जिसका कभी ना कभी महिलाओं तथा पुरुषों, दोनों को सामना करना पड़ सकता है. विशेष तौर पर महिलाओं की बात करें तो उम्र के अलग-अलग पड़ावों में महिलाओं की सेक्स ड्राइव कई कारणों से कम हो सकती है. आइए जानते हैं कौन से हैं वे कारण. कई बार युवा व अधेड़ महिलाओं में कुछ शारीरिक व मानसिक बीमारियाँ व अवस्थाएं तथा परिस्तिथियां भी कामेच्छा में कमी का कारण बन जाती हैं.

उत्तराखंड की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विजय लक्ष्मी (Dr Vijay Lakshmi Gynecologist Uttarakhand) बताती हैं कि महिलाओं में शारीरिक संबंधों को लेकर अनिच्छा कोई उम्र आधारित समस्या नही हैं. यह किसी भी उम्र में तथा किसी भी महिला को हो सकती है. इसके लिए हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर (Hypoactive sexual desire disorder) तथा कुछ अन्य शारीरिक व मानसिक रोग व समस्याएं जिम्मेदार हो सकते हैं. वह बताती हैं कि कई बार शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी तंत्रिका तंत्र में समस्या या किसी गंभीर रोग का लक्षण भी हो सकती है.

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शारीरिक रोग हो सकते हैं कारण : डॉ विजय लक्ष्मी बताती हैं कि यह समस्या महिलाओं में आम होती है. यदि इसके लिए जिम्मेदार कारकों की बात करें तो कई शारीरिक रोग व अवस्थाएं कामेच्छा में कमी का कारण बन सकती हैं. विशेषतौर पर हार्मोन में असंतुलन, कोमोरबीडिटी (Comorbidity), ह्रदय व हड्डी रोग सहित जीवनशैली जनित कई बीमारियों के कारण यह समस्या हो सकती हैं. वह बताती हैं कि महिलाओं के शरीर में अलग-अलग आयु में कई प्रकार के बदलाव होते हैं. जिनका असर उनके हार्मोनल स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. मासिक धर्म, गर्भावस्था, स्तनपान तथा फिर रजोनिवृत्ति सहित कई अवस्थाओं में उनके शरीर में हार्मोन्स के स्तर में असंतुलन जैसी समस्या भी हो सकती है. इसके अलावा कई प्रकार के रोग, उनके इलाज के लिए दी जाने वाली दवाइयां, कुछ विशेष प्रकार की सर्जरी व उनके प्रभाव से उबरने के लिए दी जाने वाली दवाइयाँ तथा कुछ विशेष थेरेपी भी शरीर में हार्मोन में असंतुलन का कारण बन सकती हैं. जिसका असर कई बार महिलाओं में कामेच्छा में कमी के रूप में देखने में आता है. वह बताती हैं कि कई बार सेक्स ड्राइव में कमी को कुछ प्रकार के कैंसर के लक्षणों में भी गिना जाता है.

डॉ विजय लक्ष्मी (Dr. Vijay Lakshmi, Gynecologist, Uttarakhand) बताती हैं कि विशेष तौर पर रजोनिवृत्ति का सामना कर रही महिलाओं (Women facing menopause) में यह एक आम समस्या मानी जाती है. दरअसल इस दौरान महिलाओं में सेक्स हार्मोन कहे जाने वाले एस्ट्रोजन (sex hormone estrogen) की मात्रा में कमी आने लगती है. जिससे ना सिर्फ योनि में सूखापन बढ़ने लगता है बल्कि कई अन्य तरह के हार्मोनल बदलावों व मानसिक-शारीरिक समस्याओं का सामना भी महिलाओं को करना पड़ता है. जिसके कारण कई बार महिलाओं में शारीरिक संबंधों को लेकर अनिच्छा होने लगती है.

डॉक्टर विजयलक्ष्मी बताती है कि कई बार इस समस्या के लिए जीवनशैली जनित समस्याओं को भी जिम्मेदार माना जाता है. दरअसल वर्तमान समय में बड़ी संख्या में महिलाएं तथा पुरुष आसीन जीवन शैली का पालन करते हैं. जिसके चलते उनकी दिनचर्या में आहार,आराम तथा काम के बीच का संतुलन गड़बड़ा जाता है. जिसका नतीजा उनमें कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याओं के रूप में नजर आने लगता हैं. कामेच्छा में कमी भी ऐसी ही एक समस्या है जो खराब जीवनशैली का पालन करने से बढ़ती है. इसके अलावा लंबी अवधि तक ज्यादा मात्रा में शराब, धूम्रपान या किसी प्रकार के नशे का सेवन करने से भी सेक्स ड्राइव प्रभावित होती है.

मानसिक समस्याएं भी बढ़ाती हैं लिबोडो समस्या : दिल्ली की रिलेशनशिप काउंसलर तथा मनोवैज्ञानिक नियति वाघ (Niyati Wagh relationship counselor psychologist Delhi) बताती है कि महिलाओं में शारीरिक संबंधों को लेकर इच्छा या अनिच्छा को उनकी मानसिक अवस्था काफी प्रभावित करती हैं. वह बताती हैं कि कई बार महिलाएं कई कारणों से अपने रिश्ते में खुश नहीं होती हैं, ऐसे में अपने पार्टनर के साथ वे खुद को मानसिक तौर पर जोड़ नहीं पाती है. जिसका असर उनके बीच की इंटीमेसी पर भी पड़ता है. वहीं कई बार दोनों के बीच का मनमुटाव, शक, समंजस्यता में कमी, संवाद की कमी या पारिवारिक, आर्थिक व सामाजिक समस्याएं, उनके बीच की आत्मीयता और प्रेम को प्रभावित करती हैं. ये कारक भी महिलाओं की सेक्स ड्राइव को प्रभावित कर सकते हैं. इसके अलावा तनाव, चिंता, नींद की कमी या अवसाद जैसी अवस्था तथा कुछ मानसिक विकार या रोग भी महिलाओं में कामेच्छा में कमी का कारण बन सकते हैं. नियति वाघ (psychologist Niyati Wagh relationship counselor) बताती हैं कि कई बार किसी प्रकार का यौन शोषण तथा शारीरिक संबंधों से जुड़ा खराब अनुभव भी इस समस्या का कारण बन सकता है.

ऐसे करें निवारण : डॉक्टर विजय लक्ष्मी बताती है कि महिला हो या पुरुष, एक अच्छी जीवनशैली, अच्छा आहार-व्यवहार तथा नियमित व्यायाम की आदत से कई प्रकार के शारीरिक व मानसिक रोगों तथा समस्याओं से बचा जा सकता है, जिनमें से एक कामेच्छा में कमी भी है. इसके अलावा बहुत जरूरी है कि किसी भी रोग के लक्षण को नजरअंदाज ना किया जाए और रोग का सही इलाज कराया जाय. वहीं कामेच्छा में कमी का कारण यदि हार्मोन में असंतुलन हो तो इसके लिए हार्मोन थेरेपी की भी मदद ली जा सकती है.

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आमतौर पर माना जाता है कि महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ कामेच्छा में कमी आने लगती है. लेकिन जरूरी नहीं है कि ऐसा सिर्फ बढ़ती उम्र के कारण ही हो. कामेच्छा में कमी या यौन संबंधों को लेकर अनिच्छा (Decreased libido or reluctance to have sex) एक ऐसी समस्या है जिसका कभी ना कभी महिलाओं तथा पुरुषों, दोनों को सामना करना पड़ सकता है. विशेष तौर पर महिलाओं की बात करें तो उम्र के अलग-अलग पड़ावों में महिलाओं की सेक्स ड्राइव कई कारणों से कम हो सकती है. आइए जानते हैं कौन से हैं वे कारण. कई बार युवा व अधेड़ महिलाओं में कुछ शारीरिक व मानसिक बीमारियाँ व अवस्थाएं तथा परिस्तिथियां भी कामेच्छा में कमी का कारण बन जाती हैं.

उत्तराखंड की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विजय लक्ष्मी (Dr Vijay Lakshmi Gynecologist Uttarakhand) बताती हैं कि महिलाओं में शारीरिक संबंधों को लेकर अनिच्छा कोई उम्र आधारित समस्या नही हैं. यह किसी भी उम्र में तथा किसी भी महिला को हो सकती है. इसके लिए हाइपोएक्टिव सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर (Hypoactive sexual desire disorder) तथा कुछ अन्य शारीरिक व मानसिक रोग व समस्याएं जिम्मेदार हो सकते हैं. वह बताती हैं कि कई बार शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी तंत्रिका तंत्र में समस्या या किसी गंभीर रोग का लक्षण भी हो सकती है.

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शारीरिक रोग हो सकते हैं कारण : डॉ विजय लक्ष्मी बताती हैं कि यह समस्या महिलाओं में आम होती है. यदि इसके लिए जिम्मेदार कारकों की बात करें तो कई शारीरिक रोग व अवस्थाएं कामेच्छा में कमी का कारण बन सकती हैं. विशेषतौर पर हार्मोन में असंतुलन, कोमोरबीडिटी (Comorbidity), ह्रदय व हड्डी रोग सहित जीवनशैली जनित कई बीमारियों के कारण यह समस्या हो सकती हैं. वह बताती हैं कि महिलाओं के शरीर में अलग-अलग आयु में कई प्रकार के बदलाव होते हैं. जिनका असर उनके हार्मोनल स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. मासिक धर्म, गर्भावस्था, स्तनपान तथा फिर रजोनिवृत्ति सहित कई अवस्थाओं में उनके शरीर में हार्मोन्स के स्तर में असंतुलन जैसी समस्या भी हो सकती है. इसके अलावा कई प्रकार के रोग, उनके इलाज के लिए दी जाने वाली दवाइयां, कुछ विशेष प्रकार की सर्जरी व उनके प्रभाव से उबरने के लिए दी जाने वाली दवाइयाँ तथा कुछ विशेष थेरेपी भी शरीर में हार्मोन में असंतुलन का कारण बन सकती हैं. जिसका असर कई बार महिलाओं में कामेच्छा में कमी के रूप में देखने में आता है. वह बताती हैं कि कई बार सेक्स ड्राइव में कमी को कुछ प्रकार के कैंसर के लक्षणों में भी गिना जाता है.

डॉ विजय लक्ष्मी (Dr. Vijay Lakshmi, Gynecologist, Uttarakhand) बताती हैं कि विशेष तौर पर रजोनिवृत्ति का सामना कर रही महिलाओं (Women facing menopause) में यह एक आम समस्या मानी जाती है. दरअसल इस दौरान महिलाओं में सेक्स हार्मोन कहे जाने वाले एस्ट्रोजन (sex hormone estrogen) की मात्रा में कमी आने लगती है. जिससे ना सिर्फ योनि में सूखापन बढ़ने लगता है बल्कि कई अन्य तरह के हार्मोनल बदलावों व मानसिक-शारीरिक समस्याओं का सामना भी महिलाओं को करना पड़ता है. जिसके कारण कई बार महिलाओं में शारीरिक संबंधों को लेकर अनिच्छा होने लगती है.

डॉक्टर विजयलक्ष्मी बताती है कि कई बार इस समस्या के लिए जीवनशैली जनित समस्याओं को भी जिम्मेदार माना जाता है. दरअसल वर्तमान समय में बड़ी संख्या में महिलाएं तथा पुरुष आसीन जीवन शैली का पालन करते हैं. जिसके चलते उनकी दिनचर्या में आहार,आराम तथा काम के बीच का संतुलन गड़बड़ा जाता है. जिसका नतीजा उनमें कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याओं के रूप में नजर आने लगता हैं. कामेच्छा में कमी भी ऐसी ही एक समस्या है जो खराब जीवनशैली का पालन करने से बढ़ती है. इसके अलावा लंबी अवधि तक ज्यादा मात्रा में शराब, धूम्रपान या किसी प्रकार के नशे का सेवन करने से भी सेक्स ड्राइव प्रभावित होती है.

मानसिक समस्याएं भी बढ़ाती हैं लिबोडो समस्या : दिल्ली की रिलेशनशिप काउंसलर तथा मनोवैज्ञानिक नियति वाघ (Niyati Wagh relationship counselor psychologist Delhi) बताती है कि महिलाओं में शारीरिक संबंधों को लेकर इच्छा या अनिच्छा को उनकी मानसिक अवस्था काफी प्रभावित करती हैं. वह बताती हैं कि कई बार महिलाएं कई कारणों से अपने रिश्ते में खुश नहीं होती हैं, ऐसे में अपने पार्टनर के साथ वे खुद को मानसिक तौर पर जोड़ नहीं पाती है. जिसका असर उनके बीच की इंटीमेसी पर भी पड़ता है. वहीं कई बार दोनों के बीच का मनमुटाव, शक, समंजस्यता में कमी, संवाद की कमी या पारिवारिक, आर्थिक व सामाजिक समस्याएं, उनके बीच की आत्मीयता और प्रेम को प्रभावित करती हैं. ये कारक भी महिलाओं की सेक्स ड्राइव को प्रभावित कर सकते हैं. इसके अलावा तनाव, चिंता, नींद की कमी या अवसाद जैसी अवस्था तथा कुछ मानसिक विकार या रोग भी महिलाओं में कामेच्छा में कमी का कारण बन सकते हैं. नियति वाघ (psychologist Niyati Wagh relationship counselor) बताती हैं कि कई बार किसी प्रकार का यौन शोषण तथा शारीरिक संबंधों से जुड़ा खराब अनुभव भी इस समस्या का कारण बन सकता है.

ऐसे करें निवारण : डॉक्टर विजय लक्ष्मी बताती है कि महिला हो या पुरुष, एक अच्छी जीवनशैली, अच्छा आहार-व्यवहार तथा नियमित व्यायाम की आदत से कई प्रकार के शारीरिक व मानसिक रोगों तथा समस्याओं से बचा जा सकता है, जिनमें से एक कामेच्छा में कमी भी है. इसके अलावा बहुत जरूरी है कि किसी भी रोग के लक्षण को नजरअंदाज ना किया जाए और रोग का सही इलाज कराया जाय. वहीं कामेच्छा में कमी का कारण यदि हार्मोन में असंतुलन हो तो इसके लिए हार्मोन थेरेपी की भी मदद ली जा सकती है.

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Last Updated : Aug 13, 2022, 3:21 PM IST
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