उम्र बढ़ने के साथ त्वचा पर झुर्रियों का आना सामान्य बात है, लेकिन यदि समय से पहले त्वचा पर झुर्रियां नजर आने लगे तो यह किसी रोग-समस्या, त्वचा की देखभाल में कमी या जीवनशैली से जुड़ी गलत आदतों का नतीजा हो सकती है. अपनी त्वचा को झुर्रियों से बचाने के लिए आमतौर पर महिलायें 30 साल के बाद एंटी एजिंग क्रीम का उपयोग शुरू कर देती हैं, लेकिन यह हमेशा कारगर नही होता है. बढती उम्र में त्वचा की चमक तथा उसका स्वास्थ्य बना रहे तथा उस पर झुर्रियां नजर ना आए या कम नजर आयें इसके लिए जरूरी है की 20 वर्ष की आयु के बाद से ही उसकी देखभाल शुरू कर दी जाये.
ETV भारत सुखीभवा को इस बारें में ज्यादा जानकारी देते हुए डर्मेटोलोजिस्ट डॉ. रेखा जैन बताती हैं कि सिर्फ प्रदूषण और चेहरे पर गलत उत्पादों का उपयोग ही नही बल्कि और भी कई कारण हैं जो त्वचा पर समय से पहले झुर्रियों तथा अन्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं जैसे बिगड़ी दिनचर्या, अनियमित खान पान, तनाव तथा नींद ना आना आदि.
आइए जानते हैं क्या है समय से पहले चेहरे पर झुर्रियां आने के कारण तथा कैसे उम्र बढ़ने के बावजूद त्वचा में झुर्रियां आने की रफ्तार को कम किया जा सकता है .
अस्वस्थ दिनचर्या
अच्छी सेहत ही नही अच्छी त्वचा के लिए भी सही समय पर संतुलित और पौष्टिक भोजन ग्रहण करना, सही समय पर सही मात्रा में सोना और व्यायाम जैसी अच्छी आदतों को अपनाना जरूरी होता है. यह सभी अच्छी आदतें हमारे अंदरूनी स्वास्थ्य को बरकरार रखती हैं. जब हमारा शरीर स्वास्थ्य होता है तो हमारी त्वचा भी स्वस्थ तथा प्राकृतिक रूप से चमकदार नजर आती है और साथ ही झुर्रियों जैसी समस्या से बची रहती है. अच्छा खाना आपकी त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाता है. इसलिए खाने में फल और हरी सब्जियां खाएं. इसके अलावा नाश्ते में थोड़े ड्राइफ्रूट्स भी शामिल करें.
कम पानी पीना
शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए प्रतिदिन 8 से 10 ग्लास पानी पीना अच्छा माना जाता है. शरीर में पानी की कमी का असर त्वचा पर भी काफी ज्यादा नजर आता है. ऐसे में त्वचा की चमक में तो कमी आती ही है बल्कि कई प्रकार की समस्याएं भी उसे प्रभावित करती है. शरीर में पानी की कमी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से त्वचा पर समय से पहले झुर्रियां आने की आशंका को बढ़ा देती हैं.
गलत उत्पादों का उपयोग
डॉ. रेखा बताती हैं की हमेशा अपनी त्वचा की प्रकृति के आधार पर ही स्किन केयर उत्पादों को खरीदना चाहिए. लेकिन यहाँ यह जानना भी जरूरी है कि कई बार कुछ उत्पाद या उनका गलत तरीके से उपयोग चेहरे की त्वचा को फायदा पहुँचने की बजाय त्वचा को ज्यादा शुष्क या समस्या ग्रस्त बना सकता है. उदारहण के लिए कई बार फ़ोम बेस या अन्य फेसवॉश आमतौर पर त्वचा को ज्यादा शुष्क बना देते है. ऐसे में जिनकी त्वचा पहले से ही ड्राइ है उनके लिए इस प्रकार के उत्पाद का उपयोग समस्याएं उत्पन्न कर देता है. इसलिए किसी भी प्रकार के उत्पाद को खरीदने तथा उसके इस्तेमाल से पहले उनके बारें में पूरी जानकारी लेना बहुत जरूरी है.
प्रतिदिन स्क्रब का इस्तेमाल
कई बार महिलायें प्रतिदिन या हर दूसरे दिन त्वचा के एक्सफोलिएशन के नाम पर स्क्रब का इस्तेमाल करने लगती है , जो त्वचा के टिश्यू को नुकसान पहुँचा सकता हैं. त्वचा की देखभाल के लिए क्लीनजिंग तथा एक्सफोलिएशन दोनों जरूरी है बशर्ते उन्हे सही मात्रा में किया जाय. हफ्ते में दो बार क्लीनजिंग तथा एक्सफोलिएशन किया जाना आदर्श माना जाता है. लेकिन चेहरे को साफ करने के लिए हमेशा हल्की प्रकृति के क्लींजर और स्क्रब का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
सनस्क्रीन और मॉइश्चराइजर का उपयोग जरूरी
घर से निकलते समय कई बार युवतियाँ सनस्क्रीन नही लगाती है, नतीजतन सूर्य की हानिकारक किरणों से त्वचा प्रभावित होने लगती है और उनमें समस्याएं उत्पन्न होने लगती है. इसलिए जब भी धूप में बाहर निकलें 30 एसपीएफ से ज्यादा के सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें और चेहरे को किसी सूती कपड़े से ढक कर ही बार निकले .
वहीं कई युवतियाँ नियमित रूप से त्वचा को मॉइश्चराइज नही करती है , जिससे त्वचा की नमी में कमी आने लगती है. डॉ. रेखा बताती हैं कि सभी प्रकार की त्वचा के लिए मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल जरूरी होता है. लेकिन शुष्क, सामान्य और तैलीय त्वचा वालों को अपनी त्वचा की प्रकृति के अनुसार ही मॉइश्चराइजर चुनना चाहिए.
मेकअप सही से ना निकालना
आमतौर पर कम आयु में युवतियाँ त्वचा की देखभाल या उसकी साफ सफाई को ज्यादा तवज़्जों नहीं देती हैं. किसी पार्टी या समारोह से आने के बाद मेकअप ना हटाना आपकी त्वचा के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है. हमारी त्वचा पर सबसे पहले और सबसे ज्यादा बढती उम्र का असर आँखों के आसपास ही होता है क्योंकि वहाँ की त्वचा काफी संवेदनशील होती है. ऐसे में अगर सही तरह से विशेषकर आँखों के आसपास मेकअप ना हटाया जाय तो न सिर्फ झुर्रियों बल्कि ड्राई पैच की समस्या भी हो सकती है.