ETV Bharat / sukhibhava

क्या सुरक्षित है यूटीआई संक्रमण में यौन संबंध बनाना?

author img

By

Published : Jul 11, 2020, 3:24 PM IST

महिलाओं में यूटीआई की समस्या आम तौर पर देखी सुनी जाती है. लेकिन इस दौरान यौन संबंध बनना कितना सुरक्षित है, शारीरिक संबंध बनाने से यूटीआई संक्रमण फैलने का खतरा होता है या नहीं. इसके बारे में एक्सपर्ट राहुल रेड्डी ने ईटीवी भारत के माध्यम से खास जानकारी दी है.

Sex during UTI
यूटीआई के दौरान यौन संबंध

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी यूटीआई, साधारण शब्दों में कहा जाए तो मूत्रमार्ग में बैक्टीरिया जनित संक्रमण. विशेषज्ञों की माने तो कम से कम 40 से 60 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवनकाल में कभी न कभी इस संक्रमण का शिकार बनती है. अपने निजी अंगों की देखभाल सही तरीके से न करना, शरीर में पानी की कमी या फिर सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करना, आदि बहुत से कारण है, जिनसे महिलाओं में यह संक्रमण पनपता और फैलता हैं.

अब सवाल यह है कि क्या इस संक्रमण के दौरान महिलाओं को यौन संबंध बनाने चाहिए या नहीं, और यदि वह संबंध बनाती भी है, तो क्या ऐसा संभव है कि उसके साथी में भी यह संक्रमण फैल जाए? विशेषज्ञ मानते हैं कि यूटीआई तो नहीं, लेकिन यदि महिला या पुरुष दोनों में से किसी को भी फंगल, यीस्ट तथा कोई अन्य बैक्टीरियल संक्रमण बहुत ज्यादा है, तो उसे शारीरिक संबंधों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि वह आपके साथी को भी संक्रमित कर सकता है.

महिलाओं में यूटीआई

यूटीआई के बारे में बताते हुए महिला स्वास्थ्य एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. चंदनबाला फाफरिया बताती हैं कि चूंकि महिलाओं का मूत्रमार्ग छोटा होता है, इसलिए ई कोलाई जैसे बैक्टीरिया, मूत्रमार्ग से होते हुए मूत्राशय तक पहुंच उसे संक्रमित कर देता हैं. इस संक्रमण के दौरान महिलाओं को तेज बुखार, चक्कर और उल्टी, पेशाब की नली में तेज जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं. यहीं नहीं संक्रमण के ज्यादा बढ़ने पर किड़नी में संक्रमण की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता हैं.

हार्मोनल असंतुलन का खतरा

डॉ. फाफरिया बताती हैं कि यूटीआई तीन प्रकार का होता है. पहला साधारण, जो कि आम तौर पर महिलाओं को किसी भी उम्र में पानी की कमी या साफ-सफाई न रखने के कारण होता है. दूसरा एक्यूट यानी तीव्र संक्रमण. कई बार महिलाओं में लगातार संक्रमण की प्रवृत्ति भी उत्पन्न हो जाती है. इसमें वे लंबे समय तक संक्रमण से पीड़ित रहती हैं. इस स्थिति में हमारे अंदरूनी अंगों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. खास तौर पर किड़नी में संक्रमण. तीसरा, रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज के समय होने वाला संक्रमण. रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत से परिवर्तन तथा परेशानियां उत्पन्न होती है, जिनमें से मुख्य हार्मोनल असंतुलन होती है. इसके कारण अधिकांश महिलाओं को इस समय में यूटीआई संक्रमण का सामना करना पड़ता है.

होते है विभिन्न कारण

इसके अतिरिक्त नवविवाहित जोड़ों में भी यूटीआई संक्रमण आम तौर पर देखने सुनने में आता है. जिसे हनीमून सिस्टाइटिस के नाम से भी जाना जाता है. शारीरिक संबंधों के शुरूआती दौर में शारीरिक संसर्ग की नियमित आवृत्ति के कारण हमारे निजी अंगों में होने वाले बहलाव तथा साफ-सफाई की कमी सहित अन्य विभिन्न कारणों से यह संक्रमण होता है.

सुरक्षित है यौन संबंध बनाना

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इस संक्रमण का प्रभाव ज्यादा नजर आता है. डॉ. फाफरिया इस बात की पुष्टि करती हैं कि यूटीआई संक्रमण यौन संबंधों के दौरान नहीं फैलता है, लेकिन शारीरिक संसर्ग के दौरान यदि पुरुष और महिला दोनों में से किसी को फफूंदीय यानी फंगल संक्रमण या किण्व यानी यीस्ट संक्रमण हो तो, वह साथी तक फैल जाता है.

ध्यान रखें

यही नहीं किसी भी तरह के संक्रमण के दौरान यदि शारीरिक संबंध बनाया जाता है, तो स्वयं संक्रमित व्यक्ति का संक्रमण ज्यादा बढ़ने की आशंका रहती है. ऐसे में रोगी को आपसी संबंध बनाने में परहेज करना चाहिए. इसके साथ ही चिकित्सीय मदद लेनी चाहिए, खान-पान पर ध्यान देना चाहिए तथा अपने निजी अंगों की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए.

यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी यूटीआई, साधारण शब्दों में कहा जाए तो मूत्रमार्ग में बैक्टीरिया जनित संक्रमण. विशेषज्ञों की माने तो कम से कम 40 से 60 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवनकाल में कभी न कभी इस संक्रमण का शिकार बनती है. अपने निजी अंगों की देखभाल सही तरीके से न करना, शरीर में पानी की कमी या फिर सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करना, आदि बहुत से कारण है, जिनसे महिलाओं में यह संक्रमण पनपता और फैलता हैं.

अब सवाल यह है कि क्या इस संक्रमण के दौरान महिलाओं को यौन संबंध बनाने चाहिए या नहीं, और यदि वह संबंध बनाती भी है, तो क्या ऐसा संभव है कि उसके साथी में भी यह संक्रमण फैल जाए? विशेषज्ञ मानते हैं कि यूटीआई तो नहीं, लेकिन यदि महिला या पुरुष दोनों में से किसी को भी फंगल, यीस्ट तथा कोई अन्य बैक्टीरियल संक्रमण बहुत ज्यादा है, तो उसे शारीरिक संबंधों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि वह आपके साथी को भी संक्रमित कर सकता है.

महिलाओं में यूटीआई

यूटीआई के बारे में बताते हुए महिला स्वास्थ्य एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. चंदनबाला फाफरिया बताती हैं कि चूंकि महिलाओं का मूत्रमार्ग छोटा होता है, इसलिए ई कोलाई जैसे बैक्टीरिया, मूत्रमार्ग से होते हुए मूत्राशय तक पहुंच उसे संक्रमित कर देता हैं. इस संक्रमण के दौरान महिलाओं को तेज बुखार, चक्कर और उल्टी, पेशाब की नली में तेज जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं. यहीं नहीं संक्रमण के ज्यादा बढ़ने पर किड़नी में संक्रमण की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता हैं.

हार्मोनल असंतुलन का खतरा

डॉ. फाफरिया बताती हैं कि यूटीआई तीन प्रकार का होता है. पहला साधारण, जो कि आम तौर पर महिलाओं को किसी भी उम्र में पानी की कमी या साफ-सफाई न रखने के कारण होता है. दूसरा एक्यूट यानी तीव्र संक्रमण. कई बार महिलाओं में लगातार संक्रमण की प्रवृत्ति भी उत्पन्न हो जाती है. इसमें वे लंबे समय तक संक्रमण से पीड़ित रहती हैं. इस स्थिति में हमारे अंदरूनी अंगों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. खास तौर पर किड़नी में संक्रमण. तीसरा, रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज के समय होने वाला संक्रमण. रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत से परिवर्तन तथा परेशानियां उत्पन्न होती है, जिनमें से मुख्य हार्मोनल असंतुलन होती है. इसके कारण अधिकांश महिलाओं को इस समय में यूटीआई संक्रमण का सामना करना पड़ता है.

होते है विभिन्न कारण

इसके अतिरिक्त नवविवाहित जोड़ों में भी यूटीआई संक्रमण आम तौर पर देखने सुनने में आता है. जिसे हनीमून सिस्टाइटिस के नाम से भी जाना जाता है. शारीरिक संबंधों के शुरूआती दौर में शारीरिक संसर्ग की नियमित आवृत्ति के कारण हमारे निजी अंगों में होने वाले बहलाव तथा साफ-सफाई की कमी सहित अन्य विभिन्न कारणों से यह संक्रमण होता है.

सुरक्षित है यौन संबंध बनाना

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में इस संक्रमण का प्रभाव ज्यादा नजर आता है. डॉ. फाफरिया इस बात की पुष्टि करती हैं कि यूटीआई संक्रमण यौन संबंधों के दौरान नहीं फैलता है, लेकिन शारीरिक संसर्ग के दौरान यदि पुरुष और महिला दोनों में से किसी को फफूंदीय यानी फंगल संक्रमण या किण्व यानी यीस्ट संक्रमण हो तो, वह साथी तक फैल जाता है.

ध्यान रखें

यही नहीं किसी भी तरह के संक्रमण के दौरान यदि शारीरिक संबंध बनाया जाता है, तो स्वयं संक्रमित व्यक्ति का संक्रमण ज्यादा बढ़ने की आशंका रहती है. ऐसे में रोगी को आपसी संबंध बनाने में परहेज करना चाहिए. इसके साथ ही चिकित्सीय मदद लेनी चाहिए, खान-पान पर ध्यान देना चाहिए तथा अपने निजी अंगों की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.