कई बार छोटी-छोटी वजहों से नींद ना आना किसी बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है. हम में से ज्यादातर लोग उम्र के किसी ना किसी पड़ाव पर इस समस्या से जूझते ही है. यदि यह समस्या अस्थाई हो, तो यह हल्के से प्रयास से ठीक हो सकती है, लेकिन समस्या यदि गंभीर हो जाए, तो यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है. नींद ना आना या अनिन्द्रा कब एक अवस्था से बीमारी में बदलती है तथा यह हमारे स्वास्थ्य को किस तरह से प्रभावित करती है, इस बारे में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. वीणा कृष्णन ने ETV भारत सुखीभवा की टीम को विस्तार से जानकारी दी.
क्या है अनिद्रा?
विभिन्न कारणों से नींद ना आने, कम आने, या फिर अच्छी गुणवत्ता की नींद ना आने की समस्या इस श्रेणी में आती है. डॉ. कृष्णन बताती है की अनिद्रा के कई कारण हो सकते है, जो व्यक्ति की आयु, परिस्थिति, उसके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य या जीवनशैली से जुड़े हो सकते हैं. कभी-कभी ऐसा होना सामान्य है, लेकिन यदि यह अवस्था नियमित हो जाए, तो यह बीमारी का रूप ले लेती है. जो हमारी शरीर की गतिविधियों को प्रभावित करने के साथ कई गंभीर शारीरिक और मानसिक रोगों का कारण भी बन सकती है.
अच्छी नींद की जरूरत
कई शोधों द्वारा यह तथ्य साबित हो चुका है की अच्छी नींद अबाधित थेटा तथा डेल्टा तरंगों का नतीजा होती है. ये तरंगे हमारे मस्तिष्क को तरंगित करती है तथा ये ही वह समय होता है, जब हमारे शरीर को आराम मिलता है, शरीर के सभी तंत्र स्वयं अपनी मरम्मत करते है और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत करते है. डॉ. कृष्णन बताती है की नींद के इन चरणों में यदि एक भी चरण प्रभावित होता है, तो सम्पूर्ण प्रक्रिया पर असर पड़ता है. शुरुआती तौर पर मानसिक स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ता है. यदि इस दौर में ध्यान ना दिया जाए, जो हमारे शरीर के अन्य तंत्र प्रभावित होने लगते है और शरीर में को-मोरबिट तथा कई बार गंभीर बीमारियों को जन्म देते है.
अनिद्रा के कारण
- खराब स्लीप हाइजीन
अनिद्रा का एक बड़ा कारण आपकी 'खराब स्लीप हाइजीन' भी हो सकती है.
- मानसिक अस्वस्थता
बेचैनी, अवसाद, तनाव, डर तथा मूड डिसऑर्डर सहित विभिन्न प्रकार की मानसिक अस्वस्थता के कारण भी अनिद्रा हो सकती है. सिर्फ बीमारी ही नहीं बल्कि इन बीमारियों की दवाइयों के कारण भी अनिद्रा हो सकती है.
- शारीरिक अस्वस्थता
गंभीर रोग और लंबे समय तक दवाइयों के सेवन के चलते भी नींद ना आने की समस्या हो सकती है.
- नींद से संबंधित अन्य विकार
नींद की अवस्थाओं से जुड़े विभिन्न रोग भी अनिद्रा का कारण हो सकते है, जैसे स्लीप एपनोया, रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम, स्लिप पैरालिसिस, सर्कैडियन रिदम डिसऑर्डर आदि.
- कैफीन, निकोटिन, शराब तथा नशीले पदार्थ
कैफीन तथा निकोटिन युक्त खाद्य तथा पेय पदार्थ उत्तेजना उत्पन्न करते है, जिससे नींद आने में बाधा उत्पन्न होती है. वहीं शराब के सेवन से नींद की गुणवत्ता खराब होती है.
अनिद्रा के कारण होने वाली समस्याएं
- अनिद्रा के कारण पक्षाघात, मिर्गी के दौरे, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप सहित कई गंभीर रोग तथा समस्याएं हो सकती है.
- अनिद्रा के कारण मानसिक स्वास्थ्य तथा सामाजिक जीवन पर ज्यादा असर पड़ता है. विशेषकर अवसाद, तनाव, भ्रम तथा चिंता सहित कई गंभीर मानसिक विकार हो सकते हैं. वहीं व्यवहार में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है, ध्यान केंद्रित करने में व याददाश्त में कमी आने लगती है.
- इसका व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.
- शराब तथा नशे का आदी होने जैसी समस्याएं भी संभव है.
अनिद्रा के लिए उपचार
डॉ. कृष्णन बताती है नींद ना आने की समस्या गंभीर होने पर संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी, उद्वीपन्नियंत्रण चिकित्सा, योग, मेडिटेशन तथा दवाइयों की मदद से रोगी का इलाज किया जाता है. इसके अलावा बेहतर नींद के लिए उन्हे सही तथा अनुशासित दिनचर्या का पालन करने, खाने की स्वस्थ आदतों को अपनाने तथा व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाने की भी सलाह दी जाती है.
कैसे करें अनिद्रा से बचाव
- अनुशासित दिनचर्या तथा जीवनशैली अपनाएं.
- सोने से पहले कॉफी, चाय या कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन ना करें.
- रात के समय हल्का तथा सुपाच्य भोजन ग्रहण करें. साथ ही सोने के समय से कम से कम चार घंटे पहले भोजन कर लें.
- दिन में सोने से बचे.
- बेडरूम में टीवी ना लगाएं.
- नियमित व्यायाम करें.