बदलती जीवनशैली में बदलते खानपान के कारण ज्यादातर कब्ज की समस्या आ रही है. कब्ज में मल त्याग करने में कठिनाई होती है, जिसके परिणामस्वरूप अनियमित, कड़क और मुश्किल से मल होता है. हमने प्रोफेसर डॉ. एम राज्यलक्ष्मी, एमडी (आयुर्वेद) से इस संबंध में जानकारी ली. उनका कहना है कि कब्ज कोई गंभीर स्थिति नहीं है, लेकिन यह चिकित्सकीय स्थितियों जैसे गठिया, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, जीर्ण सिरदर्द आदि को बढ़ा सकती है.
बवासीर, फिशर और प्रोलैप्स जैसी जटिलताएं एनोरैक्टल (गुदा एवं मलाशय संबंधी) विकार हैं. पेट के निचले हिस्से में दर्द, भारीपन और निचले पेट की परिपूर्णता, कड़क और सूखा मल, सिरदर्द, अपूर्ण निकासी, आदि कब्ज के कुछ सामान्य लक्षण हैं.
कब्ज के कारण
कब्ज होने का कारण सिर्फ खानपान में बदलाव नहीं है, बल्कि इसके कई अन्य कारण है:
- सुस्त जीवन शैली,
- भोजन का अनियमित सेवन,
- आहार में फाइबर की कमी,
- शरीर में पानी की कमी, (प्रतिदिन 8 गिलास से कम)
- कॉफी और चाय का अधिक सेवन, (प्रति दिन चार कप से अधिक)
- शराब का सेवन और धूम्रपान,
- चिंता और तनाव.
कब्ज से निपटने के उपाय
डॉ. राज्यलक्ष्मी ने कब्ज ने छुटकारा पाने के घरेलू उपाय दिए है:
1. 100 एमएल गुनगुने दूध में 2 छोटा चम्मच घी मिलाकर सोने से पहले पिये.
2. रोजाना खाली पेट 2 छोटा चम्मच एरंड के तेल का सेवन करें, जब तक कब्ज ठीक न हो.
3. दिन में दो बार 100 एमएल गुनगुने पानी में 1/2 चम्मच सौंफ मिलाकर खाने के 1 घंटे पहले या बाद में सेवन करें.
4. 1-2 छोटा चम्मच (5 से 10 ग्राम) इसबगोल पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर सोने से पहले सेवन करें.
5. सोने से पहले 1 छोटे चम्मच (5 ग्राम) त्रिफला चूर्ण 100 एमएल गुनगुने पानी में मिलाकर पियें.
6. एक ग्लास पानी में 2-4 अंजीर 4 घंटे के लिए भिगाने के बाद सेवन करें.
7. एक ग्लास पानी में 20 किशमिश 12 घंटे के लिए भिगाने के बाद पानी के साथ सेवन करें. (मधुमेह के मरीज इसका सेवन न करें)
जीवनशैली में करें बदलाव :
- रोजाना सुबह 30-45 मिनट सैर करें.
- उठने के बाद खाली पेट 2 ग्लास (1 लीटर) गुनगुना पानी पिये.
- अपने भोजन में मौसमी और फाइबर से भरपूर और हरी सब्जियां और फल शामिल करें.
- रोजाना कम से कम 8-10 ग्लास पानी पिये.
- खाना खाते समय पानी न पियें, जरूरत पड़ने पर एक घूंट पी लें.
- हर खाने के 30 मिनट बाद एक ग्लास गुनगुना पानी पिये.
- हर खाने के तुरंत बाद कम से कम 100 कदम चलें.
- खाने के बाद 5-10 मिनट के लिए वज्रासन करें.
- तला-भुना खाना, मिठाई और सोडा वाले पेय के सेवन से बचें.
- ध्यान और प्रणायम कर तनाव और चिंता को दूर भगाएं.
इसलिए, यदि आप खुद में ऐसे किसी लक्षणों को देखते हैं, तो इन आसान घरेलू उपचारों का अभ्यास करें और अपनी जीवनशैली में बदलाव करें. गोलियों का सेवन करने के बजाय,ये घरेलु नुस्खे अपनाय जो कम हानिकारक होंगे.