नींद की कमी का कारण शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर समय समय पर दुनिया भर में शोध किए जाते रहें हैं। हाल ही में जर्नल एल्सवियर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पर्याप्त नींद न लेने वाले लोगों में आत्महत्या करने के विचार अधिक आते हैं। ऐसे लोगों में आत्महत्या की दर भी अधिक पाई गई है। शोध में बताया गया है की 7-8 घंटे की नींद न लेने पर व्यक्ति के ना सिर्फ शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है बल्कि उसकी शरीर पर उम्र का प्रभाव भी जल्दी दिखने लगता है।
कम नींद के सेहत पर पड़ने वाले असर
जर्नल एल्सवियर में प्रकाशित शोध के नतीजो के अनुसार नींद की कमी व्यक्ति के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को निम्नलिखित तरीके से प्रभावित कर सकती है।
50 फीसदी कम बनती है एंटीबॉडी
जर्नल स्लीप हेल्थ में प्रकाशित शोध के मुताबिक, कोरोना या किसी भी बीमारी से जुड़ी वैक्सीन लेने से पहले यदि एक सप्ताह तक व्यक्ति पर्याप्त नींद नहीं लेता है तो वैक्सीनेशन के बाद शरीर में केवल 50 % एंटीबॉडी ही बनते हैं। हालांकि, कोविड के मामलों में कम नींद किस तरह खतरनाक हो सकती है, इस संबंध में देश और विदेश में विभिन्न शोध किए जा रहें हैं।
वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, प्रतिदिन सात घंटे से कम नींद लेने वाले व्यक्ति में सामान्य सर्दी-जुकाम होने का खतरा 3 गुना अधिक होता है।
नींद 1 घंटा कम तो दिल को खतरा
- जर्नल ओपेन हार्ट द्वारा दिल के दौरे के चलते भर्ती 42,000 से अधिक लोगों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है की यदि व्यक्ति नींद के लिए तय समय से एक घंटा कम सोता है तो उसे दिल का दौरा पड़ने का खतरा 24 % तक बढ़ जाता है।
4 घंटे सोने पर शरीर पर जल्दी आता है बुढ़ापा
जर्नल जामा में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार यदि कोई व्यक्ति सप्ताह में चार रात,4 घंटे की नींद सोता है तो उसका टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का स्तर उससे 10 साल बड़े व्यक्ति के बराबर हो जाता है।यानी हार्मोन्स के आधार पर वह 10 वर्ष अधिक उम्रदराज हो जाता है।
दिमाग: 6 घंटे से कम नींद तो अल्जाइमर
सेंटर फॉर ह्यूमन स्लीप साइंस के मुताबिक, रोजाना 6 घंटे या उससे कम नींद लेने वाले इंसोम्निया(अनिद्रा) और स्लीप एप्निया से पीड़ित लोगों में मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी अल्जाइमर का खतरा काफी अधिक होता है।
क्या है अनिन्द्रा
अनिन्द्रा, इंसोम्निया या नींद न आने का के कारणों और उसके चलते होने वाली शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं को लेकर देहरादून की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ वीणा कृष्णन बताती हैं की अनिन्द्रा के कई कारण हो सकते है जो व्यक्ति की आयु,परिस्तिथि, उसके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य या जीवनशैली से जुड़े हो सकते हैं। कभी-कभी ऐसा होना सामान्य है लेकिन यदि यह अवस्था नियमित हो जाए तो यह बीमारी का रूप ले लेती है।
जो हमारी शरीर की गतिविधियों को प्रभावित करने के साथ कई गंभीर शारीरिक और मानसिक रोगों का कारण भी बन सकती है। अनिन्द्रा के कारण बहुत से समस्याएं हो सकती हैं जैसे पक्षाघात, मिर्गी के दौरे, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि । इसके अलावा अनिन्द्रा के कारण मनुष्य के मानसिक स्वास्थ्य तथा सामाजिक जीवन पर भी असर पड़ता है ।
जिसके चलते पीड़ित अवसाद, तनाव , भ्रम, व्यवहार में चिड़चिड़ापन ,ध्यान केंद्रित करने में समस्या, यारदाश्त में कमी तथा चिंता सहित कई विकारों तथा अवस्थाओं का शिकार हो सकता हैं। यही नही इसका व्यक्ति के यौन स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ता है, साथ ही उसके शराब तथा नशे का आदी होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
कम नींद का महिलाओं पर असर
कोलंबिया विश्वविद्यालय वैगेलोस कॉलेज ऑफ फिजिशियन और सर्जन द्वारा किए गए एक शोध में मुख्य लेखक और मेडिकल साइंसेस के असिस्टेंट प्रोफेसर ब्रुक अग्रवाल ने शोध में लिखा है कि महिलाओं में नींद की समस्या बहुत आम है। इस अध्ययन में नींद की गुणवत्ता को केन्द्रीय विषय के रूप में रखा गया था । शोध के नतीजों में पाया गया की लगभग 40 प्रतिशत महिलाओं की नींद खराब गुणवत्ता वाली होती है।
इस शोध में नींद और आहार के बीच की कड़ी को स्पष्ट करने के लिए, शोधकर्ताओं की टीम ने महिलाओं के एक समूह की नींद और खाने की आदतों का विश्लेषण किया था। अध्ययन में 495 महिलाओं को शामिल किया गया था, जिनकी 20 से 76 वर्ष की आयु में विभिन्न प्रकार की पृष्ठभूमि थी।
वहीं कुछ शोध के नतीजे बताते हैं की यदि महिलाओं की नींद पूरी नहीं होती तो वे ज्यादा मात्रा में खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं। जिससे उनका कैलोरी ग्रहण करने का अनुपात जरूरत से काफी ज्यादा बढ़ जाता है। कोलंबिया विश्वविद्यालय इरविंग मेडिकल सेंटर द्वारा किए गए एक शोध में शोधकर्ताओं ने महिलाओं के एक समूह पर अध्धयन किया गया, जिसमें पाया की कम मात्रा में सोने वाली महिलाओं में मोटापा, टाइप-2 मधुमेह और हृदयरोग पनपने का खतरा ज्यादा होता है। इस शोध में इस बात पर ध्यान दिया गया है की अपर्याप्त नींद आहार को कैसे प्रभावित कर सकती है।
इंसोम्निया से राहत पाने के लिए कुछ टिप्स
- अनुशासित दिनचर्या तथा जीवनशैली अपनाए।
- सोने से पहले कॉफी , चाय या कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन ना करें।
- रात के समय हल्का तथा सुपाच्य भोजन ग्रहण करें साथ ही सोने के समय से कम से कम चार घंटे पहले भोजन कर लें।
- दिन में सोने से बचे।
- बेडरूम में टीवी ना लगाए।
- नियमित व्यायाम करें।
- दोस्तों से आपनी समस्याएं साँझा करें
- मेडिटेशन करें
- अकेले सोने से बचे
- चिकित्सक के परमेश पर सीबीटी या अन्य थेरेपियों की मदद लें