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कोरोना पीड़ित कैसे करें घरों में स्वयं को क्वॉरेंटाइन - परिजनों से बनाएं दूरी

इन दिनों कोरोना संक्रमितों को गंभीर स्थिति न होने पर घरों में क्वॉरेंटाइन होने की सलाह दी जा रही है. आईसीएमआर ने ऐसे लोगों के लिए विशेष दिशा निर्देश दिया है, जिनका घर छोटा है या फ्लैट में रहते है. जिन्हें क्वॉरेंटाइन होने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं.

self quarantine
सेल्फ क्वॉरेंटाइन
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Published : Aug 13, 2020, 10:00 AM IST

Updated : Aug 14, 2020, 9:38 AM IST

कोविड-19 के इस दौर में जब अस्पतालों में जगह की मारा मारी है, चिकित्सक कोरोना के कम लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल की बजाय अपने घर पर ही क्वॉरेंटाइन या दूसरों से अलग रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. ऐसे में छोटे घरों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. एक या दो कमरों वाले घरों विशेषकर फ्लैट्स में रहने वालों में अगर कोई व्यक्ति कोरोना से ग्रसित पाया जाता है, तो उसके लिए आईसीएमआर की ओर से दिये गए दिशा निर्देशों के अनुसार क्वॉरेंटाइन या एकांतवासी होना सरल नहीं हो पाता है.

हालांकि कई शहरों में विभिन्न होटलों तथा अतिथि गृहों की तरफ से कोरोना पीड़ितों को सेल्फ क्वॉरेंटाइन होने के लिए लगभग दो हफ्तों के लिए कमरा देने की व्यवस्था दी जा रही है. घर में क्वॉरेंटाइन होने में असमर्थ लोग इस सुविधा का फायदा ले सकते हैं, लेकिन यह काफी खर्चीला तरीका होता है.

अब इन तमाम परेशानियों से बचने के लिए तथा घर में ही क्वॉरेंटाइन व्यक्ति तथा उसके घर वालों की सुरक्षा व बेहतरी के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं. इस बारे में ETV भारत सुखीभवा टीम ने वीएनएन अस्पताल के चिकित्सीय सलाहकार डॉ. राजेश वुक्काला से बात की.

क्या करे पीड़ित

डॉ. राजेश बताते हैं कि आजकल पीपीई किट बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं. यदि छोटे से घर में रहने वाले किसी व्यक्ति को क्वॉरेंटाइन होना हो तो जरूरी है कि वो पीपीई किट पहने. इसके अलावा एक कमरा या घर का कोई भी हिस्सा ऐसा होना चाहिए जहां रोगी किट अथवा कपड़े बदल सके. इस कमरे में परिवार का कोई भी अन्य सदस्य न आये तथा कमरे को हर चार घंटे में सैनिटाइज करना अतिआवश्यक है. पीपीई किट को पहनने से लेकर उसे बदलने तक सारी प्रक्रियाओं को लेकर रोगी को विशेष ध्यान देना होगा, ताकि घर में संक्रमण न फैले. कमरा या जगह जहां व्यक्ति क्वॉरेंटाइन है, बाथरूम भी उससे बिलकुल लगा हो तो बेहतर होगा. ताकि संक्रमित व्यक्ति घर के अलग-अलग हिस्सों में न घूमे. रोगी को चाहिए की वह अच्छी नींद ले तथा ज्यादा पानी पिये. इस दौरान अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत रहें. साथ ही अपने कमरे की सभी मेजों, कुर्सियों, दरवाजों तथा अन्य सामान जिन्हें रोगी लगातार छूता है, स्वयं डिसइन्फेक्टेंट यानि संक्रमण दूर करने वाले कीटाणुनाशक की मदद से साफ करें. अपने शरीर का तापमान बढ़ने तथा सांस संबंधी दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें.

परिजन कैसे बरतें सावधानी

यदि आपके घर में कोई कोरोना रोगी क्वॉरेंटाइन हैं, तो बहुत जरूरी है कि परिवार के अन्य सदस्य उससे दूरी बना कर रखें. यदि घर छोटा है, तो जो भी व्यक्ति रोगी को उसके खाने और पीने का सामान दे रहा है, जरूरी है कि वह भी बिना पीपीई किट पहने उसके कमरे में ना जाए और दरवाजे से ही एक निश्चित दूरी बनाते हुए उसका सामान रख दे. रोगी को दिए जाने वाले भोजन, दवाइयां तथा अन्य खाद्य सामग्री अगर डिस्पोजेबल यानि इस्तेमाल के बाद फेंके जाने वाले बरतनों में दी जा सके, तो अति उत्तम है. लेकिन इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि फेंकी जाने वाली चीजों को पूर्ण सावधानी के साथ फेंका जाये और उसे खाली हाथों से कोई भी न छुए.

ऐसी स्थिति में घर में रहने वाले सभी व्यक्तियों के लिए सावधानियां बरतना बहुत जरूरी हो जाता है. मास्क पहनकर सैनिटाइजर का उपयोग करें. थोड़ी-थोड़ी देर में अपने हाथों और मुंह को साबुन से धोएं, रोगी जिस शौचालय का उपयोग करता है, उसे उसके अलावा कोई भी उपयोग ना करे.

घर में कैसे करें सफाई

डॉ. राजेश बताते हैं कि बहुत जरूरी है कि जब आपके घर में कोई कोरोना रोगी आराम कर रहा हो तो नगर निगम या पालिका के लोगों को सूचित करें, जिससे रोगी का छुआ हुआ कोई भी सामान जो कूड़े में जाएगा निगम कर्मी उसका पूरी सावधानी के साथ निपटान कर सके. इसके अलावा अपने घर को बाजार में मिलने वाले कीटाणुनाशक या फिर सोडियम हाइपोक्लोराइट से साफ करें.

कोविड-19 के इस दौर में जब अस्पतालों में जगह की मारा मारी है, चिकित्सक कोरोना के कम लक्षणों वाले मरीजों को अस्पताल की बजाय अपने घर पर ही क्वॉरेंटाइन या दूसरों से अलग रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. ऐसे में छोटे घरों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है. एक या दो कमरों वाले घरों विशेषकर फ्लैट्स में रहने वालों में अगर कोई व्यक्ति कोरोना से ग्रसित पाया जाता है, तो उसके लिए आईसीएमआर की ओर से दिये गए दिशा निर्देशों के अनुसार क्वॉरेंटाइन या एकांतवासी होना सरल नहीं हो पाता है.

हालांकि कई शहरों में विभिन्न होटलों तथा अतिथि गृहों की तरफ से कोरोना पीड़ितों को सेल्फ क्वॉरेंटाइन होने के लिए लगभग दो हफ्तों के लिए कमरा देने की व्यवस्था दी जा रही है. घर में क्वॉरेंटाइन होने में असमर्थ लोग इस सुविधा का फायदा ले सकते हैं, लेकिन यह काफी खर्चीला तरीका होता है.

अब इन तमाम परेशानियों से बचने के लिए तथा घर में ही क्वॉरेंटाइन व्यक्ति तथा उसके घर वालों की सुरक्षा व बेहतरी के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं. इस बारे में ETV भारत सुखीभवा टीम ने वीएनएन अस्पताल के चिकित्सीय सलाहकार डॉ. राजेश वुक्काला से बात की.

क्या करे पीड़ित

डॉ. राजेश बताते हैं कि आजकल पीपीई किट बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं. यदि छोटे से घर में रहने वाले किसी व्यक्ति को क्वॉरेंटाइन होना हो तो जरूरी है कि वो पीपीई किट पहने. इसके अलावा एक कमरा या घर का कोई भी हिस्सा ऐसा होना चाहिए जहां रोगी किट अथवा कपड़े बदल सके. इस कमरे में परिवार का कोई भी अन्य सदस्य न आये तथा कमरे को हर चार घंटे में सैनिटाइज करना अतिआवश्यक है. पीपीई किट को पहनने से लेकर उसे बदलने तक सारी प्रक्रियाओं को लेकर रोगी को विशेष ध्यान देना होगा, ताकि घर में संक्रमण न फैले. कमरा या जगह जहां व्यक्ति क्वॉरेंटाइन है, बाथरूम भी उससे बिलकुल लगा हो तो बेहतर होगा. ताकि संक्रमित व्यक्ति घर के अलग-अलग हिस्सों में न घूमे. रोगी को चाहिए की वह अच्छी नींद ले तथा ज्यादा पानी पिये. इस दौरान अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत रहें. साथ ही अपने कमरे की सभी मेजों, कुर्सियों, दरवाजों तथा अन्य सामान जिन्हें रोगी लगातार छूता है, स्वयं डिसइन्फेक्टेंट यानि संक्रमण दूर करने वाले कीटाणुनाशक की मदद से साफ करें. अपने शरीर का तापमान बढ़ने तथा सांस संबंधी दिक्कत होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें.

परिजन कैसे बरतें सावधानी

यदि आपके घर में कोई कोरोना रोगी क्वॉरेंटाइन हैं, तो बहुत जरूरी है कि परिवार के अन्य सदस्य उससे दूरी बना कर रखें. यदि घर छोटा है, तो जो भी व्यक्ति रोगी को उसके खाने और पीने का सामान दे रहा है, जरूरी है कि वह भी बिना पीपीई किट पहने उसके कमरे में ना जाए और दरवाजे से ही एक निश्चित दूरी बनाते हुए उसका सामान रख दे. रोगी को दिए जाने वाले भोजन, दवाइयां तथा अन्य खाद्य सामग्री अगर डिस्पोजेबल यानि इस्तेमाल के बाद फेंके जाने वाले बरतनों में दी जा सके, तो अति उत्तम है. लेकिन इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि फेंकी जाने वाली चीजों को पूर्ण सावधानी के साथ फेंका जाये और उसे खाली हाथों से कोई भी न छुए.

ऐसी स्थिति में घर में रहने वाले सभी व्यक्तियों के लिए सावधानियां बरतना बहुत जरूरी हो जाता है. मास्क पहनकर सैनिटाइजर का उपयोग करें. थोड़ी-थोड़ी देर में अपने हाथों और मुंह को साबुन से धोएं, रोगी जिस शौचालय का उपयोग करता है, उसे उसके अलावा कोई भी उपयोग ना करे.

घर में कैसे करें सफाई

डॉ. राजेश बताते हैं कि बहुत जरूरी है कि जब आपके घर में कोई कोरोना रोगी आराम कर रहा हो तो नगर निगम या पालिका के लोगों को सूचित करें, जिससे रोगी का छुआ हुआ कोई भी सामान जो कूड़े में जाएगा निगम कर्मी उसका पूरी सावधानी के साथ निपटान कर सके. इसके अलावा अपने घर को बाजार में मिलने वाले कीटाणुनाशक या फिर सोडियम हाइपोक्लोराइट से साफ करें.

Last Updated : Aug 14, 2020, 9:38 AM IST
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