कोविड-19 से उबरने के बाद बड़ी संख्या में लोगों में बाल झड़ने की समस्याएं देखने सुनने में आ रही है। जानकार तथा चिकित्सक मानते हैं की इलाज के दौरान ली जाने वाली दवाइयों के पार्श्व प्रभाव स्वरूप तथा संक्रमण के दौरान शरीर में आई कमजोरी और समस्यायों के चलते शरीर में पोषण में कमी होने लगती है। बाल झड़ना इसी का परिणाम है।
कोविड की रिकवरी अवधि में आहार की मदद से कैसे बालों के झड़ने की समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इस बारें में जानकारी लेने के लिए ETV भारत सुखीभवा की टीम ने इंदौर की आहार व पोषण विशेषज्ञ डॉ. संगीता मालू से जानकारी ली।
प्रोटीन व अन्य पोषक तत्वों का डीजेनरेशन
डॉ संगीता बताती हैं की संक्रमण के दौरान होने वाले तेज बुखार से शरीर के मेटाबोलिज़्म पर असर पड़ता है और प्रोटीन सहित विभिन्न जरूरी पोषक तत्वों का डिजनरेशन यानी कमी होने लगती है। इस अवस्था में ज्यादातर लोगों में भोजन करने की इच्छा समाप्त या न के बराबर हो जाती है। वे बताती हैं की यदि किसी व्यक्ति के बाल जरूरत से ज्यादा झड रहें हैं तो इसका मतलब की उसके शरीर में प्रोटीन और जिंक की काफी कमी है। ऐसी अवस्था में बहुत जरूरी है की पीड़ित हाई प्रोटीन डाइट लें।
शाकाहार को दें प्रमुखता
डॉ. संगीता ऐसी अवस्था में लोगों को शाकाहार को अपनाने की सलाह देती है, क्योंकि इसमें सिर्फ एक आहार से मिलने वाले प्रोटीन पर आश्रित नहीं रहना पड़ता है। माना जाता है की मिलेजुले अनाजों व दालों से मिलने वाले प्रोटीन के फायदे दोगुने होते है, साथ ही यह मांसाहार की भांति पाचन में जटिल भी नहीं होता है। वे बताती हैं की दालों, अनाज और सब्जियों के मिलेजुले मेल वाले आहार में प्रोटीन की गुणवत्ता और उसकी मात्रा दोनों ही काफी ज्यादा होती हैं। दालों और अनाज के मिलेजुले आहार को ही बायलोजिकल हाई प्रोटीन डाइट में गिना जाता है, जैसे खिचड़ी, इडली, उत्तपम, पुरणपोली आदि। इसके अलावा दूध तथा अन्य डेयरी उत्पाद भी नियमित रूप से खाने में शामिल करने चाहिए।
जिंक के लिये हरी पत्तेदार सब्जियों, सूखे मेवों का सेवन करना चाहिए
डॉ. संगीता बताती है सिर्फ प्रोटीन ही नहीं, बालों की सेहत के लिये जिंक भी बहुत जरूरी होता है। कोरोना की रिकवरी अवधि में पीड़ित यदि चिकित्सिय परामर्श पर हरी पत्तेदार सब्जियों के जूस का ज्यादा सेवन करें तो शरीर को उनका पोषण, हरी सब्जियों के पके हुए संस्करण की अपेक्षा बेहतर मात्रा में तथा बेहतर तरीके से मिलता है, क्योंकि हरी सब्जियों को पकाने या उबलने पर उनका आधे से ज्यादा पोषण समाप्त हो जाता है। इसके अतिरिक मशरूम, जिंक के प्रमुख स्त्रोतों में से एक होता है। इसलिए इसे जूस के रूप में, सलाद के रूप में, उबाल कर या अन्य तरीकों से अपनी खुराक में अवश्य शामिल करना चाहिए।
इसके अतिरिक सलाद में लेटयूस, बीटरूट यानी चुकंदर, स्पराउट्स, फलों की स्मूदी का सेवन भी काफी फायदेमंद होता है। सबसे जरूरी बात यह है की पीड़ित को प्रतिदिन कम से कम 10 से 12 ग्लास पानी अवश्य पीना चाहिए। यदि व्यक्ति कम मात्रा में पानी पीता है उसके शरीर के टॉक्सिन शरीर से बाहर नहीं निकल पाते हैं।
सिर्फ खाएं ही नहीं, सिर पर लगाएं भी
डॉ. संगीता मालू बताती हैं की सिर्फ आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ने से ही नहीं बल्कि बालों में कढ़ी पत्ता (मीठा नीम), कड़वा नीम और प्याज का जूस या पेस्ट लगाने से भी बालों के झड़ने की समस्या से राहत मिलती है। यानी नहीं यदि बालों में हरी पत्तेदार सब्जियों का पेस्ट बनाकर उनका लेप लगाने से भी बालों के टूटने की समस्या में राहत मिलती है क्योंकि ये बालों की जड़ों को पोषण तो देते ही है साथ ही सिर की त्वचा के रोम छिद्रों की सफाई भी करते है। इसके अलावा बालों को भांप देने से भी इस समस्या में राहत मिल सकती है।
बिना चिकित्सीय सलाह सप्लीमेंट्स न लें
डॉ. संगीत मालू बताती है की बिना चिकित्सीय सलाह प्रोटीन, विटामिन डी3, बी12 या किसी भी अन्य प्रकार का सप्लीमेंट नहीं लेना चाहिए। विशेषकर कोरोना से ठीक होने के उपरांत यदि व्यक्ति हाई प्रोटीन या विटामिन डी की बगैर जरूरत खुराक लेता है तो इससे उनके शरीर को फायदा पहुंचने की बजाय कई और समस्याओं का जन्म भी हो सकता है। विशेषतौर पर उन लोगों के लिये जो किसी प्रकार की कोमोरबीटी या किडनी में परेशानी जैसी समस्याओं से जूझ रहें हो। वे बताती हैं चिकित्सक किसी भी व्यक्ति की सम्पूर्ण जांच के बाद उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही उन्हे किसी विशेष सप्लीमेंट को लेने की सलाह देते हैं।
इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिये dr.sangeetamalu@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता हैं।